मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS): लक्षण और कारण

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS) – लक्षण – पीएमएस में अक्सर शारीरिक (थका हुआ महसूस करना, सूजे हुए स्तन) और भावनात्मक (चिंता और तनाव) दोनों प्रकार के लक्षण होते हैं।. मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS) – कारण – पीएमएस का निश्चित कारण अज्ञात है, लेकिन यह विभिन्न प्रकार के हार्मोन, जिसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन सम्मिलित हैं, के ऊपर-नीचे होते हुए स्तरों से सम्बन्धित प्रतीत होता है।.

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम, PMS): प्रमुख जानकारी और निदान

मासिक चक्र के पूर्व लक्षणों का समूह (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम-पीएमएस) यह नाम उन शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और व्यवहार सम्बन्धी लक्षणों को दिया गया है जो किसी महिला के मासिक चक्र के एक या दो सप्ताह पहले उत्पन्न होते हैं। इसे मासिक चक्र के पूर्व का तनाव (पीएमटी) भी कहा जाता है।.

मायेस्थेनिया ग्रेविस: रोकथाम और जटिलताएं

मायेस्थेनिया ग्रेविस – रोकथाम – धीमे-धीमे खाएँ और कौर लेने में विराम लें। आँख पर सुरक्षा पट्टी पहनें। अत्यंत गर्म तापमान से बचाव करें। धूम्रपान ना करें।.

मायेस्थेनिया ग्रेविस: प्रमुख जानकारी और निदान

मायेस्थेनिया ग्रेविस (एमजी) दीर्घकालीन स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो माँसपेशियों को कमजोर कर देता है। यह नाम ग्रीक और लैटिन भाषा के शब्दों से बना है जिनका अर्थ है “महत्वपूर्ण माँसपेशियों की कमजोरी”।.

मायेस्थेनिया ग्रेविस: लक्षण और कारण

मायेस्थेनिया ग्रेविस – लक्षण – कमजोर माँसपेशियाँ। कमजोरी जो आराम करने से ठीक हो जाती है और शारीरिक गतिविधि के बाद अधिक बदतर हो जाती है। दृष्टि सम्बन्धी अवरोध जैसे दोहरा दिखाई देना, दृष्टि को स्थिर कर पाने की असमर्थता और निर्जीव पलकें। थकावट. मायेस्थेनिया ग्रेविस – कारण – मायेस्थेनिया ग्रेविस माँसपेशियों को तंत्रिकाओं के संकेतों के प्रसारण सम्बन्धी समस्या से उत्पन्न होता है। यह स्व-प्रतिरक्षी स्थिति है अर्थात इसमें शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र अपने शरीर के ही ऊतकों पर आक्रमण करता है।.

मायेस्थेनिया ग्रेविस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मायेस्थेनिया ग्रेविस – आहार – लेने योग्य आहार: प्रोटीन से समृद्ध आहार जैसे फलियाँ, काबुली चने, आर्गेनिक फ्री-रेंज चिकन, कच्चे बादाम, कच्चे मेवे, सूरजमुखी के बीज, अखरोट, बादाम युक्त मख्खन/कच्चे बादाम युक्त मख्खन। सब्जियाँ/औषधीय गुणों वाली वनस्पति जैसे केल, पालक, लेट्यूस, ककड़ी, अजमोदा, प्याज, लहसुन, धनिया, अजवाइन, अदरक, हल्दी, टमाटर, कद्दू (बटरनट, स्पागेटी, केबोचा), जड़युक्त सब्जियाँ (चुकंदर, शलजम, गाजर, रूटाबेगा, शक्करकंद)। सुगंधित मसाले जैसे एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून का तेल/नारियल का तेल, मिर्च, हल्दी, अदरक, इलायची, सेब का सिरका।

मोच और खिंचाव: प्रमुख जानकारी और निदान

स्प्रेन (मोच) अर्थात किसी स्नायु (लिगामेंट) का खिंच जाना या क्षतिग्रस्त हो जाना। स्नायु किसी जोड़ पर हड्डियों को जोड़ने वाले ऊतकों को कहते हैं। मोच के लिए सबसे सामान्य स्थान हैं: घुटना, टखना, कलाई और अंगूठा। स्ट्रेन (खिंचाव) किसी मांसपेशी और/या तंतु की चोट को कहते हैं। तंतु ऊतकों की बनी रेशेदार धागेनुमा रचना होती है जो मांसपेशी को हड्डी से जोड़ती है।.

मोच और खिंचाव: लक्षण और कारण

मोच और खिंचाव – लक्षण – दर्द, सूजन और फूला हुआ हिस्सा। घाव के निशान। जकड़न, प्रभावित क्षेत्र में गति की हानि।. मोच और खिंचाव – कारण – मोच और खिंचाव चोट के परिणामस्वरूप होते हैं, जब जोड़ पर उसकी सहने की क्षमता से अधिक जोर पड़ता है। आमतौर पर एथलीट्स, नर्तकों और शारीरिक परिश्रम या मजदूरी का कार्य करने वालों को इस प्रकार की चोटें लगती हैं।.

मोच और खिंचाव: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मोच और खिंचाव – आहार – लेने योग्य आहार: बीटा कैरोटीन कोलेजन का, जो कि मोच के दौरान क्षतिग्रस्त स्नायुओं का निर्माण करता है, मुख्य कारक तत्व है। प्राकृतिक बीटा कैरोटीन के अच्छे स्रोतों में गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक या केल, ब्रोकोली, और गाजर आदि हैं। विटामिन सी शरीर की सूजन घटाने में सहायक होता है। विटामिन सी के बढ़िया स्रोतों में पत्तागोभी, शिमला मिर्च, कीवी, खट्टे फल जैसे संतरे, नीबू और ग्रेपफ्रूट आदि हैं। माँसपेशियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन के अच्छे स्रोतों में अंडा, चिकन, मछली, मेवे दूध आदि हैं।

मोच और खिंचाव: रोकथाम और जटिलताएं

मोच और खिंचाव – रोकथाम – व्यायाम शुरू करने के पहले उचित प्रकार से वार्म अप करें और बाद में उचित प्रकार से शीतल हों,, जब आप थके हों तो व्यायाम ना करें और ना ही कोई खेल खेलें,, गिरने के प्रति सावधानी रखें, सीढ़ियाँ, गलियारे, बगीचे और गाड़ी चलाने के हिस्सों को अस्त-व्यस्त ना होने दें, और शीतकाल में आपके घर के बाहर के बर्फ के स्थानों पर रेत या नमक डालें।.