मायेस्थेनिया ग्रेविस: प्रमुख जानकारी और निदान

मायेस्थेनिया ग्रेविस क्या है?

मायेस्थेनिया ग्रेविस (एमजी) दीर्घकालीन स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो माँसपेशियों को कमजोर कर देता है। यह नाम ग्रीक और लैटिन भाषा के शब्दों से बना है जिनका अर्थ है “महत्वपूर्ण माँसपेशियों की कमजोरी”। यह लोगों को किसी भी आयु में प्रभावित कर सकता है। यह युवा महिलाओं में और वृद्ध पुरुषों में अधिक सामान्य रूप से पाया जाता है।
एसीटाइलकोलिन तंत्रिकाओं के सिरे से निकलने वाला ऐसा पदार्थ है जो तन्त्रिका के मांसपेशी से जुड़ने की जगह पर मांसपेशी के ऊतक से चिपक जाता है, जिसके कारण मांसपेशी सिकुड़ पाती या गति कर पाती है। एमजी से ग्रस्त व्यक्ति में, शरीर का अपना प्रतिरक्षक तंत्र ऐसी एंटीबाडीज का निर्माण करता है जो माँसपेशियों से एसीटाइलकोलिन के चिपकने को अवरुद्ध कर देती हैं।

जाँच और परीक्षण

रोगी के चिकित्सीय इतिहास को जानने और शारीरिक परीक्षण करने के बाद जिन जाँचों की सलाह दी जाती है, उनमें हैं:
  • एंटीबाडी रक्त जाँच।
  • एड्रोफोनियम टेस्ट।
  • नर्व कंडक्शन टेस्ट/रिपिटीटिव स्टिमुलेशन (तन्त्रिका की चालन क्षमता का परीक्षण)।
  • सिंगल फाइबर इलेक्ट्रोमायोग्राफी (ईएमजी)।
  • कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) या मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई)।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

1. मायेस्थेनिया ग्रेविस क्या है?
मायेस्थेनिया ग्रेविस (एमजी) दीर्घकालीन स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो माँसपेशियों को कमजोर कर देता है। यह नाम ग्रीक और लैटिन भाषा के शब्दों से बना है जिनका अर्थ है “महत्वपूर्ण माँसपेशियों की कमजोरी”। यह लोगों को किसी भी आयु में प्रभावित कर सकता है। यह युवा महिलाओं में और वृद्ध पुरुषों में अधिक सामान्य रूप से पाया जाता है।

2. इसके लक्षण क्या हैं?
इसके प्रत्यक्ष लक्षणों में कमजोरी और माँसपेशियों की थकावट हैं। कमजोरी बार-बार के प्रयोग करने से या दिन के बीतने के साथ बढ़ती है और विश्राम करने पर या नींद लेने पर सुधर जाती है। प्रारंभिक तौर पर कुछ अवरोध जैसे दोहरा दिखाई देना, दृष्टि को स्थिर कर पाने की असमर्थता और निर्जीव पलकें, थकावट जो आगे चलकर चबाने और निगलने की कठिनाई, श्वसन की कठिनाई, साँस लेने में कमी, चलने की समस्या और अस्पष्ट बोलने से जुड़ जाती है।

3. मायेस्थेनिया ग्रेविस की उत्पत्ति के कारण क्या हैं?
मायेस्थेनिया ग्रेविस माँसपेशियों को तंत्रिकाओं के संकेतों के प्रसारण सम्बन्धी समस्या से उत्पन्न होता है। यह स्व-प्रतिरक्षी स्थिति है अर्थात इसमें शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र अपने शरीर के ही ऊतकों पर आक्रमण करता है। मायेस्थेनिया ग्रेविस का निश्चित कारण अज्ञात है। कुछ मामलों में यह थाइमस (प्रतिरक्षा तंत्र का एक अंग) की गांठों (ट्यूमर्स) से जुड़ा होता है।

4. मायेस्थेनिया ग्रेविस कैसे होता है?
एसीटाइलकोलिन तंत्रिकाओं के सिरे से निकलने वाला ऐसा पदार्थ है जो तन्त्रिका के मांसपेशी से जुड़ने की जगह पर मांसपेशी के ऊतक से चिपक जाता है, जिसके कारण मांसपेशी सिकुड़ पाती या गति कर पाती है। एमजी से ग्रस्त व्यक्ति में, शरीर का अपना प्रतिरक्षक तंत्र ऐसी एंटीबाडीज का निर्माण करता है जो माँसपेशियों से एसीटाइलकोलिन के चिपकने को अवरुद्ध कर देती हैं।

5. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए जब उसे माँसपेशियों की गंभीर कमजोरी हो जो गतिविधि करने से बदतर हो जाती है, दोहरा दिखाई देना और निर्जीव पलकें, चेहरे की माँसपेशियों के सम्मिलित होने से मुखौटे-जैसा लगने वाला प्रभाव उत्पन्न होना; और मुस्कुराहट का गुर्राहट के समान दिखाई पड़ना, शब्दों के उच्चारण में कठिनाई, पैर या भुजाओं में कमजोरी, निगलने में कठिनाई, बोलने में कठिनाई या सांस की कमी आदि हों।






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