ओरल हेल्थ: आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरुरी

ओरल हेल्थ विश्व ओरल हेल्थ दिवस (डब्लूओएचडी) अच्छे ओरल हेल्थ के महत्त्व को बताने और सामान्य स्वास्थ्य और तंदरुस्ती बनाये रखने में इसके महत्त्व की जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से 20 मार्च को मनाया जाता है। 2017 के डब्लूओएचडी की थीम “लाइव स्मार्ट माउथ” है।

3/20 की तारीख का चुनाव इस सोच को दर्शाने के लिए किया गया था कि:
  • वृद्धों में उनके जीवन के समाप्ति के समय स्वस्थ्य कहलाने के लिए 20 प्राकृतिक दांत अवश्य होने चाहिए।
  • बच्चों में 20 बेबी दांत होने चाहिए।
  • स्वस्थ्य वयस्कों में कुल 32 दांत और 0 डेंटल कैविटी होनी चाहिए।
  • संख्यात्मक आधार पर इसे 3/20 के रूप में अनुवादित किया जा सकता है इसीलिए 20 मार्च का चुनाव किया गया।

स्वस्थ मुँह और स्वस्थ शरीर

अपने मुँह, दांतों और मसूड़ों की अच्छी देखभाल करके आप अपनी चमकदार, सफ़ेद मुस्कान को हमेशा बनाये रखने को सुनिश्चित कर सकते हैं।
  • अनियंत्रित मधुमेह वाले लोगों में अक्सर मसूड़े की बीमारियाँ पाई जाती हैं। मधुमेह की समस्या से ग्रसित होना, आपकी मसूड़ों के संक्रमण सहित अन्य रोगों से लड़ने की क्षमता को घटा सकता है जिससे आपको मसूड़ों की गंभीर समस्यांए हो सकती हैं। अपने ओरल हेल्थ की सुरक्षा करके आप स्वयं को गिंगीवैटिस होने की आशंका को कम कर सकते हैं जिससे मधुमेह की समस्या से ग्रसित लोगों को रक्त शर्करा के नियंत्रण करने में सहायता मिल सकती है।
  • कैविटी और मसूड़ों की बीमारी से मुक्त मुख के कारण, आपके जीवन का स्तर भी बढ़ जाता है, अब आप आराम से खा सकते हैं, चैन से सो सकते हैं और बिना किसी दांतों के दर्द या मुँह के संक्रमण के विचलन से परेशान हुए बिना ध्यान लगा सकते हैं। सड़े हुए दांतों और मसूड़ों की बीमारी को भद्दे मुख के साथ-साथ गन्दी बदबू के साथ भी जोड़ा जा सकता है, जो इतनी ख़राब हो सकती है कि इससे आपके आत्मविश्वास में भी कमी आ सकती है।
  • कार्डियोवास्कुलर समस्याआयें जैसे दिल की बीमारी, रक्त वाहिकाओं में रूकावट और स्ट्रोक, अक्सर मसूड़ों की बीमारी के कारण हुए पुराने सूजन के साथ ही जुड़े पाए जाते हैं। ओरल हेल्थ को बरकरार रखना आपके संपूर्ण स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकता है
  • गिंगीवैटिस (सूजन, मसूड़ों से खून आना) से प्रभावित लोगों में स्वस्थ्य मसूड़ों और मुख वालों की अपेक्षा रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले कौशल जैसे मौखिक स्मरण, संज्ञानात्मक कौशल और अन्य स्मृति टेस्टों में बहुत ख़राब नतीजे दिखाई देते हैं। एक एंटीबैक्टीरियल माउथवाश या टूथपेस्ट का उपयोग गिंगीवैटिस का कारण बनने वाले बैक्टीरिया की संख्या में कमी ला सकता है।
  • शोध से मसूड़ों की बीमारी और रिहुमोटोइड आर्थ्राइटिस, एक ऑटो-इम्यून बीमारी जिससे जोड़ों में सूजन होती है, के बीच संबध का खुलासा हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि मसूड़ों की बीमारी और रिहुमोटोइड आर्थ्राइटिस दोनों में कंनेक्टिव टिश्यू को होने वाला विनाश एक समान है। एक संतुलित आहार लेना, अपने डेंटिस्ट से नियमित मुलाकात करना और अच्छी ओरल सफ़ाई रखना, आपके दंत क्षय और मसूड़ों की बीमारी के खतरे को कम कर देता है।
  • महिलाएं गर्भावस्था के दौरान गिंगीवैटिस का अधिक सामना कर सकती हैं। कुछ अध्यनों में यह भी सामने आया है कि मसूड़ों की बीमारी और प्रीटर्म, जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं में कोई रिश्ता हो सकता है। यदि आप गर्भवती हैं, तो आपको अपनी प्रसव-पूर्व देखभाल के तहत, डेंटिस्ट या पेरियोडोंटिस्ट के पास अवश्य जाना चाहिए।
अपने दांतों की देखभाल करने में मदद के कुछ सुझाव यहाँ दिए गए हैं।
  • दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें। ब्रश करने का सबसे बढ़िया समय भोजन करने के पश्चात है। सॉफ्ट ब्रिस्टल आपके मसूड़ों पर नरम रहते हैं।

  • Teeth and heart
  • फ्लोराइडयुक्त टूथपेस्ट का प्रयोग करें। फ्लोराइड आपके दांतों के इनेमल को सख्त बनाकर, उनके क्षय की आशंका को कम करता है।
  • दांतों को ब्रश करने में दो से तीन मिनट लगना चाहिए।
  • अपने दांतों को रोजाना फ्लॉस करें।
  • सॉफ्ट ड्रिंक्स और फ़लों के जूस जैसे अम्लीय पेयों का नियंत्रित सेवन करें। खाने में मौजूद अम्ल दांतों को मुलायम बनाते हैं और दांतों के इनेमल में मौजूद खनिजों को घोल लेते हैं, जिसके फलस्वरूप छेद (कैविटी या कैरिएस) हो जाते हैं। गंभीर मामलों में, दांत मसूड़ों तक “खा” लिए या गल जाते हैं।
  • मीठा खाना कम करें। डेंटल पट्टिका (प्लाक) में मौजूद बैक्टीरिया चीनी को अम्लों में परिवर्तित कर देता है।
  • अपने दांतों को खाना चबाने के अलावा किसी अन्य कार्य में इस्तेमाल करने से बचे। यदि आप उनका नट तोड़ने, बोतलों का ढक्कन निकालने या पैकेजिंग फाड़ने में प्रयोग करते हैं, तो आप अपने दांतों को छीलने और यहाँ तक की तोड़ने का जोखिम भी उठाते हैं।
  • नियमित चेक-अप के लिए अपने डेंटिस्ट से मिलते रहें। यदि आपको दांतों में दर्द या मसूड़ों से खून आना जैसी कोई डेंटल परेशानी हो तो आपको अपने डेंटिस्ट से तुरंत अवश्य मिलना चाहिए।


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