फ्लेंक दर्द: प्रमुख जानकारी और निदान

फ्लेंक दर्द शरीर के एक तरफ पेट के उपरी हिस्से और पीठ के बीच के क्षेत्र में होने वाले दर्द को कहा जाता है।.

फ्लेंक दर्द: लक्षण और कारण

फ्लेंक दर्द – लक्षण – घाव का निशान। बुखार और कंपकंपी। चक्कर आना। मूत्र में रक्त।. फ्लेंक दर्द – कारण – आर्थराइटिस या मेरुदंड का संक्रमण। डिस्क का रोग। मांसपेशियों की ऐंठन। गुर्दे की पथरी।.

फ्लेंक दर्द: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

फ्लेंक दर्द – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: विटामिन ए की अधिक मात्रा वाले आहार खुबानी, केंटालूप, अल्फाल्फा, कद्दू, रतालू, स्क्वाश और गाजर।
, आपके गुर्दों की समस्याओं को ठीक करने में सहायक अन्य आहारों में तरबूज, अजमोदा, ककड़ी, लहसुन और पपीता आते हैं।
, तैलीय और मसालेदार आहार।
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फ्लेंक दर्द: रोकथाम और जटिलताएं

फ्लेंक दर्द – रोकथाम – शराब त्यागें। तरल पदार्थ अधिक मात्रा में पियें।.

ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन): रोकथाम और जटिलताएं

ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन) – रोकथाम – उचित आहार और पोषण। उत्प्रेरकों जैसे सिगरेट पीना और अम्लीय या मसालेदार आहार आदि न लें। मुख की स्वच्छता बढ़िया बनाए रखें।.

ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान

ग्लोसाइटिस जीभ की सूजन या संक्रमण है जो इसे आकार में सूजा हुआ बना देता है, लाल रंग के विभिन्न प्रकारों में परिवर्तित कर देता है, और जीभ की सतह को समान दिखाई पड़ने वाला बनाता है क्योंकि जीभ की सतह पर उपस्थित उंगलीनुमा बाहर निकली हुई रचनाएँ, जिन्हें पेपिला कहा जाता है, गुम या नष्ट हो चुकी होती हैं।.

ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन): लक्षण और कारण

ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन) – लक्षण – जीभ की सूजन। जीभ का चिकना दिखाई देना। जीभ का रंग बदल जाता है (आमतौर पर “माँस” जैसा गहरा लाल)।. ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन) – कारण – बैक्टीरिया या वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण (जिसमें मुंह में स्थित हर्पीस सिम्पलेक्स भी शामिल है)। जलने, दाँतों या दन्त उपकरणों की सख्त सतहों से, या अन्य आघातों से हुई यांत्रिक उत्तेजना या चोट। उत्प्रेरकों जैसे तम्बाकू, शराब, गर्म भोजन या मसालों की चपेट होना।.

ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार इन आहारों से परहेज करें: पानी अधिक मात्रा में पियें। फलों जैसे सेब, क्रैनबेरी या अंगूर का रस। कम वसा युक्त दुग्ध उत्पाद,

ट्रिगर फिंगर: रोकथाम और जटिलताएं

ट्रिगर फिंगर – रोकथाम – अंगूठे और उँगलियों का अत्यधिक प्रयोग न करें। यदि आपका कार्य या शौक ऐसा है जिसमें हाथ की गति का दोहराव होता है, तो जोड़ों पर दबाव को कम करने के लिए बीच-बीच में विराम लें।.

ट्रिगर फिंगर: प्रमुख जानकारी और निदान

ट्रिगर फिंगर दर्दनाक स्थिति है जिसमें मोड़ने पर उँगलियां या अंगूठा अटक जाता है या जाम हो जाता है।.