खर्राटों का कारण और प्रबंधन

खर्राटों का कारण और प्रबंधन “मैं तुम्हें चेतावनी देता/देती हूँ कि या तो चुपचाप सो जाओ या दूसरा कमरा या साथी चुन लो।” ये वो चीज है जिसका सामना बेचारा खर्राटे लेने वाला व्यक्ति हर दिन करता है और सोचता है कि मैं क्या करूँ, क्या मैं वास्तव में खर्राटे ले रहा था? आइये इस स्थिति को चिकित्सीय समस्या मानते हुए शुरुआत करें ना कि इसे सोच-समझकर किया गया गुनाह मानें।

खर्राटे कैसे उत्पन्न होते हैं?

शारीरिक बनावट की दृष्टि से, हवा आने-जाने का उपरी मार्ग मुँह, नाक और गले तथा उनके साथ जुड़ी माँसपेशियों की सम्मिलित प्रक्रिया और इनके अनुसार तंत्रिकाओं की प्रक्रियाओं में सामंजस्य द्वारा श्वसन को कार्यरूप में परिणत करता है। यह हवा आने-जाने के मार्ग को उचित बनाए रखने के लिए या बगैर रुकावट हवा के आने-जाने को बनाए रखने के लिए होता है। आमतौर पर यह शांति से होने वाली प्रक्रिया है जब तक कि कोई व्यवधान ना आए। हवा आने-जाने वाले मार्ग की छिद्रनुमा रचना के सिकुड़े होने पर, नींद लेने की स्थिति में हवा आने-जाने में व्यवधान होता है और आस-पास जुड़ी हुई संरचनाओं में कम्पन होता है, जिससे जोर की ध्वनि उत्पन्न होती है, जिन्हें हम ‘खर्राटे’ कहते हैं।

हवा आने-जाने के उपरी मार्ग के छिद्र में सिकुड़न होने के कारण

  • स्थानीय संरचनाएँ जैसे जीभ, तालु, नर्म रचना, टेढ़े-मेढ़े दांत आदि मार्ग में अवरोध उत्पन्न कर रहे हों।
  • नाक की स्थानीय संरचनाओं की झिल्ली में सर्दी, नाक की भीतरी वृद्धि वाली संरचनाओं और गले में गाँठ या किसी वृद्धि जैसे एडेनोइड आदि के कारण होने वाले परिवर्तन। मुँह, नाक, गले में होने वाली किसी भी प्रकार की वृद्धि जो हवा आने-जाने के मार्ग में आती हो, छिद्र रचना को छोटा करती है और उसे अवरुद्ध या बंद कर देती है।
  • हवा आने-जाने के मार्ग के आस-पास के नर्म उतकों और मांसपेशियों में वसा का इकठ्ठा होना छिद्र रचना की जगह को कम कर देता है। मोटापा होने पर ऐसा देखा जाता है। कभी-कभी गर्दन के आस-पास कपड़ों का तंग होना भी एक कारण हो सकता है!
  • शराब, मादक पदार्थों और धूम्रपान के प्रभाव से माँसपेशियों के गठन में कमजोरी और थकावट के कारण तथा उम्र के बढ़ने से भी, हवा के आवागमन के दौरान छिद्र को उचित आकार में बनाए रखने की मांसपेशियों की कार्यक्षमता असफल होती है।

खर्राटे चेतावनी देते हैं?

जी हाँ, आदतन या नियमित खर्राटे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं या भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं और उचित प्रबंधन की आवश्यकता बताते हैं। कभी-कभी हवा आने वाले मार्ग का आंशिक रूप से बाधित होना पूरी तरह एपनिया उत्पन्न करने में परिवर्तित हो सकता है जिससे शरीर में ऑक्सीजन घट सकती है और कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ सकती है, व्यक्ति साँस के रुकने का अनुभव करते हुए जाग सकता है।

समय बीतने के साथ इस प्रकार की एकाएक होने वाली स्थिति की आवृत्ति और समयावधि बढ़ सकती है, जो कि निम्न स्थितियों तक ले जा सकती है:
  • हृदय की कार्यक्षमता से सम्बन्धित मामले
  • हाइपरटेंशन
  • बार-बार जागना, बेचैनी भरी नींद, दिन के दौरान अत्यधिक उनींदापन होना, थकावट और शारीरिक और मानसिक प्रदर्शन में कमी।
संक्षेप में, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की समय रहते पहचान और उपचार की आवश्यकता होती है। इसलिए भी इस विषय ने हाल ही के वर्षों में गति पकड़ी है।

खर्राटों का प्रबंधन

शांत रहें मित्रों, खर्राटों के लिए जिम्मेदार अधिकतर कारक रोके जा सकते हैं और इसके लिए खर्राटे लेने वालों और उनके साथियों की ओर से लक्ष्ययुक्त प्रयास की आवश्यकता होती है:
  • यहाँ तक कि वजन में थोड़ी से कमी के परिणाम भी आपको चमत्कृत कर सकते हैं। इसलिए शारीरिक गतिविधियों जैसे व्यायाम, पैदल चलना, तैरना, खेलों आदि का आनंद उठाएँ और आप नाखुश साथी के साथ नृत्य का आनंद भी ले सकते हैं!
  • सोने की सीधी भंगिमाएँ जैसे पीठ के बल, से परहेज करें। करवट के बल सोना महत्वपूर्ण है लेकिन इसके लिए व्यक्ति के साथियों का ध्यान देना भी जरूरी है क्योंकि हो सकता है कि नींद में व्यक्ति को इसका ध्यान ना रहे।
  • शराब का सेवन घटाना शुरू करें खासकर रात में लिए जाने वाला और धूम्रपान भी बंद करें।
  • मेरे उम्रदराज मित्रों को, जिनके लिए शारीरिक कार्य करना संभव ना हो, चिंता की जरूरत नहीं है क्योंकि नियमित रूप से योग करना और श्वसन सम्बन्धी व्यायाम करना लाभकारी होता है।
उपरोक्त के साथ अधिकतर मामले सामान्य नींद और खुशनुमा रिश्तों तक लौट आते हैं। हालाँकि कोई भी उपचार सटीक तो नहीं होता लेकिन हमेशा कुछ सुधार होता है जो कि पर्याप्त उचित होता है।

लेकिन वे लोग जो गंभीर स्वास्थ्य, मानसिक और व्यक्तिगत पश्च प्रभावों का सामना करते रहे हैं, को चिकित्सीय आकलन की आवश्यकता होती है, जो कि खर्राटों के लिए तो नहीं बल्कि भविष्य में किसी प्रकार के स्वास्थ्य सम्बन्धी हो सकने वाले खतरे की पहचान के लिए होता है। इसकी जिम्मेदारी साथियों या जीवनसाथी तथा परिवार के सदस्यों पर भी होती है कि वे इसे समझें और पूरे समय शिकायत ना करते रहें। इसलिए इसे नजरंदाज ना करें!

सभी को अच्छे स्वास्थ्य और प्रसन्न जीवन हेतु शुभकामनाएँ।