एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख): रोकथाम और जटिलताएं

एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख) – रोकथाम – कमजोर आँख में दृष्टि की स्थाई हानि से बचने के लिए, आलसी आँख के कारणों को पहचाना जाना चाहिए और जितना जल्दी हो उतना जल्दी उनका उपचार, बचपन के दौरान ही, करना चाहिए।.

एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख): प्रमुख जानकारी और निदान

एम्ब्लियोपिया, जिसे सामान्य रूप से आलसी आँख कहा जाता है, बच्चों में पाई जाने वाली ऐसी स्थिति है, जब एक आँख में दृष्टि उचित प्रकार से विकसित नहीं हुई होती।.

एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख): लक्षण और कारण

एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख) – लक्षण – दृष्टि में कमी। एक आँख जो बाहर या भीतर घूमती है।. एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख) – कारण – अनुवांशिक विकार जो आँखों को प्रभावित करते हैं। गिरती पलकें। पलकों की गाँठ जो आँख की पुतली को अवरुद्ध कर देती है।l.

एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख) – आहार – लेने योग्य आहार: हरी, पत्तेदार सब्जियों जैसे केल और ब्रोकोली में पाए जाने वाले पोषक तत्व दृष्टि को बढ़ाने में मदद करते हैं।
, गाजर बीटा-कैरोटीन से समृद्ध होती हैं, जो कि धूप की क्षति से आपकी आँखों की रक्षा करता है।
, आँखों को स्वस्थ बनाए रखने में विटामिन सी आवश्यक है। खट्टे फल जैसे संतरे, आम, नीबू और ग्रेपफ्रूट आदि विटामिन सी से समृद्ध होते हैं।
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मोतियाबिंद: रोकथाम और जटिलताएं

मोतियाबिंद रोकथाम – रोकथाम का सर्वोत्तम तरीका है उन रोगों को नियंत्रित करना जो मोतियाबिंद के खतरे को बढ़ाते हैं।.

मोतियाबिंद: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मोतियाबिंद आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: प्याज, लहसुन, अजमोदा, फलियाँ, समुद्री सिवार, शलजम, गाजर, टमाटर, सेब और संतरे आदि एंटीऑक्सीडेंट का भरपूर स्रोत होते हैं और ये उन कुछ आहारों में से हैं जो मोतियाबिंद से बचाव करते हैं। हरी चाय भी एंटीऑक्सीडेंट का उत्तम स्रोत है, अपने चाय/कॉफ़ी के कप को हरी चाय के कप से बदलें। बीटा कैरोटीन और विटामिन सी तथा ई मोतियाबिंद के महत्त्वपूर्ण भोज्य उपचार हैं। सूक्ष्म पोषक तत्वों से समृद्ध आहारों में कद्दू, गाजर, रतालू, टमाटर, मेवे, पालक, मछली और जैतून का तेल आदि आते हैं।

मोतियाबिंद: प्रमुख जानकारी और निदान

मोतियाबिंद आँख के लेंस पर धुंधलापन आने को कहते हैं जो कि दृष्टि को प्रभावित करता है।.

मोतियाबिंद: लक्षण और कारण

मोतियाबिंद लक्षण – अस्पष्ट, धुंधला और बादलनुमा दिखाई पड़ना। रात के समय दृष्टि सम्बन्धी कठिनाई का बढ़ जाना। प्रकाश और चमक के प्रति संवेदनशीलता। प्रकाश के आसपास आभामंडल को देखना।. मोतियाबिंद कारण – बढ़ती आयु। अत्यधिक मदिरापान। धूम्रपान.