बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग। – रोकथाम – हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएँ। बार-बार छुई जाने वाली सतहों और मिट्टी लगी वस्तुओं, जिनमें खिलौने भी शामिल हैं, को स्वच्छ और जीवाणुमुक्त करें। निकट सम्पर्क ना रखें।.
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बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग।: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग। – आहार – लेने योग्य आहार: लपसी (जई के आते या अन्य अनाज या दाल को पानी या दूध में उबालकर बनाया जाने वाला नर्म गाढ़ा आहार)। छिले हुए फल। तरल पदार्थ,
बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग।: प्रमुख जानकारी और निदान
हैण्ड (हाथ), फूट (पैर) और माउथ (मुँह) का रोग (एचएफएमडी) वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है जो हाथों, पैरों और मुँह में छोटे घाव उत्पन्न करता है। यह अत्यंत संक्रामक होता है।.
बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग।: लक्षण और कारण
बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग। – लक्षण – गले में पीड़ा। तेज बुखार या अधिक तापमान। घाव या फुंसियाँ मुँह में/पर और हाथों, पैरों और कभी-कभी कूल्हों पर दिखाई पड़ सकते हैं। त्वचा पर निशान।. बच्चों में हाथ, पैर और मुँह का रोग। – कारण – आमतौर पर हाथ, पैर और मुँह का रोग (एचएफएमडी) एक वायरस कोक्सेकी द्वारा उत्पन्न होता है।.
फरंक्युलोसिस (फोड़े): प्रमुख जानकारी और निदान
फरंक्युलोसिस बहुत सारे फोड़ों के होने या उनके विकसित होने की प्रवृत्ति रखने वाली स्थिति है।.
फरंक्युलोसिस (फोड़े): लक्षण और कारण
फरंक्युलोसिस (फोड़े) – लक्षण – आमतौर पर फोड़े की शुरुआत त्वचा के भीतर छोटे, सख्त, लाल उभारों से होती है, जो छूने पर नरम और पीड़ायुक्त होता है।. फरंक्युलोसिस (फोड़े) – कारण – स्टेफायलोकोकस औरियस बैक्टीरिया.
फरंक्युलोसिस (फोड़े): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
फरंक्युलोसिस (फोड़े) – आहार – लेने योग्य आहार फोड़ों के लिए अपना प्रतिरोध बढ़ाने के लिए प्रत्येक आहार में ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें।: जिंक और विटामिन ई त्वचा के ठीक होने में सहायता करते हैं। विटामिन ई कई मेवों जैसे बादाम और अखरोट में पाया जाता है। ये ब्रसेल्स स्प्राउट्स, ब्रोकोली, सोयाबीन, अंडे और गेहूँ की बाली में भी पाए जाते हैं। जिंक लीन मीट, सीप, कद्दू के बीज और अंडे जैसे स्रोतों से सरलता से प्राप्त किया जाता है। मदिरा निर्माण का खमीर, सूअर की जांघ और गेहूँ की बाली भी जिंक के बढ़िया स्रोत हैं।
, विटामिन ए शरीर और प्रतिरक्षण के लिए हमेशा ही बढ़िया होता है इसलिए गाजर का अधिक मात्रा में सेवन करके और गाजर का ताजा रस अधिक मात्रा में पीकर, अपने विटामिन ए की मात्रा को बढ़ाएं।
, विटामिन सी कोलेजन के उत्पादन में सहायता करता है। कोलेजन घावों के भरने में और निशान पड़ने से रोकने में मदद करता है। विटामिन सी की भरपूर मात्रा से युक्त खट्टे फल जैसे संतरे, अन्नानास, कीवी, आम, आड़ू, और ग्रेपफ्रूट खाएँ।
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फरंक्युलोसिस (फोड़े): रोकथाम और जटिलताएं
फरंक्युलोसिस (फोड़े) – रोकथाम – हर प्रकार के घावों को स्वच्छ और ढँका हुआ रखें। व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएँ बाँटकर उपयोग ना करें।.
टिरियासिस अल्बा: प्रमुख जानकारी और निदान
यह त्वचा सम्बन्धी समस्या है जिसमें कई गोलाकार या अंडाकार धब्बे जो हलके गुलाबी रंग की पपड़ी युक्त होते हैं, चेहरे (गालों) और इसके साथ ही भुजाओं के ऊपरी हिस्से, गर्दन या कंधे पर दिखाई पड़ते हैं।.
टिरियासिस अल्बा: लक्षण और कारण
टिरियासिस अल्बा – लक्षण – पीली, गुलाबी या लाल त्वचा के गोल या अंडाकार धब्बे या निशान। सूखी हुई पपड़ी निकलना। घाव गोलाकार या अंडाकार उभरे हुए या चपटे होते हैं।. टिरियासिस अल्बा – कारण – अत्यंत शुष्क त्वचा जो धूप की चपेट में हो तो यह टिरियासिस अल्बा तक पहुँच सकती है। पारिवारिक इतिहास, सूखी त्वचा पर निशान।.