फोलिक्युलाईटिस (फुंसियाँ, मुहाँसे): प्रमुख जानकारी और निदान

फोलिक्युलाईटिस एक या अधिक रोमकूपों की सूजन को कहते हैं। यह त्वचा पर कहीं भी हो सकता है। यह एक सामान्य समस्या है जो आमतौर पर गंभीर नहीं होती।.

फोलिक्युलाईटिस (फुंसियाँ, मुहाँसे): लक्षण और कारण

फोलिक्युलाईटिस (फुंसियाँ, मुहाँसे) – लक्षण – निशान, पीप-युक्त फुंसियाँ, रोमकूप के आसपास पीपयुक्त या बिना पीप वाली फुंसियाँ होना। खुजली।. फोलिक्युलाईटिस (फुंसियाँ, मुहाँसे) – कारण – बैक्टीरिया और फफूंद का संक्रमण। त्वचा रोग.

फोलिक्युलाईटिस (फुंसियाँ, मुहाँसे): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

फोलिक्युलाईटिस (फुंसियाँ, मुहाँसे) – आहार – लेने योग्य आहार: दिन में 8-10 गिलास पानी पीने से शरीर से रोग कारक जीवाणुओं को बाहर करने में सहायता मिलती है।
, अपने प्रतिदिन के भोजन में लहसुन की 2-3 कलियाँ शामिल करें। लहसुन में गजब के संक्रमणरोधी गुण होते हैं, और संक्रमण से मुकाबले में सहायता करते हैं।
, विटामिन बी और सी की अधिक मात्रा के साथ संतुलित भोजन करें।
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फोलिक्युलाईटिस (फुंसियाँ, मुहाँसे): रोकथाम और जटिलताएं

फोलिक्युलाईटिस (फुंसियाँ, मुहाँसे) – रोकथाम – प्रदूषण और तंग कपड़े पहनने से बचें। दाढ़ी सावधानी से बनाएँ। स्वच्छ रहें।.

फोड़ा (अब्सेस): रोकथाम और जटिलताएं

फोड़ा (अब्सेस) – रोकथाम – अपने हाथ साबुन से नियमित रूप से धोएँ (स्वच्छ रहें), व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएं किसी से ना बाँटें, धूम्रपान त्यागें.

फोड़ा (अब्सेस): लक्षण और कारण

फोड़ा (अब्सेस) – लक्षण – आपकी त्वचा के भीतर नर्म सूजन, पीड़ा, प्रभावित क्षेत्र पर लालिमा, प्रभावित क्षेत्र में पीप. फोड़ा (अब्सेस) – कारण – बैक्टीरिया, त्वचा की छोटी-मोटी टूट-फुट और छिद्र, रोमकूप की सूजन.

फोड़ा (अब्सेस): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

फोड़ा (अब्सेस) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करे: फल और सब्जियाँ (अन्नानास, रस)
, लहसुन, तली वस्तुएँ
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फोड़ा (अब्सेस): प्रमुख जानकारी और निदान

फोड़ा (अब्सेस) त्वचा पर और उसके भीतर दिखाई देने वाला उभार है। यह उभार सामान्यतया पीप या पारदर्शी द्रव से भरा होता है।.

फरंक्युलोसिस (फोड़े): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

फरंक्युलोसिस (फोड़े) – आहार – लेने योग्य आहार फोड़ों के लिए अपना प्रतिरोध बढ़ाने के लिए प्रत्येक आहार में ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें।: जिंक और विटामिन ई त्वचा के ठीक होने में सहायता करते हैं। विटामिन ई कई मेवों जैसे बादाम और अखरोट में पाया जाता है। ये ब्रसेल्स स्प्राउट्स, ब्रोकोली, सोयाबीन, अंडे और गेहूँ की बाली में भी पाए जाते हैं। जिंक लीन मीट, सीप, कद्दू के बीज और अंडे जैसे स्रोतों से सरलता से प्राप्त किया जाता है। मदिरा निर्माण का खमीर, सूअर की जांघ और गेहूँ की बाली भी जिंक के बढ़िया स्रोत हैं।
, विटामिन ए शरीर और प्रतिरक्षण के लिए हमेशा ही बढ़िया होता है इसलिए गाजर का अधिक मात्रा में सेवन करके और गाजर का ताजा रस अधिक मात्रा में पीकर, अपने विटामिन ए की मात्रा को बढ़ाएं।
, विटामिन सी कोलेजन के उत्पादन में सहायता करता है। कोलेजन घावों के भरने में और निशान पड़ने से रोकने में मदद करता है। विटामिन सी की भरपूर मात्रा से युक्त खट्टे फल जैसे संतरे, अन्नानास, कीवी, आम, आड़ू, और ग्रेपफ्रूट खाएँ।
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फरंक्युलोसिस (फोड़े): रोकथाम और जटिलताएं

फरंक्युलोसिस (फोड़े) – रोकथाम – हर प्रकार के घावों को स्वच्छ और ढँका हुआ रखें। व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएँ बाँटकर उपयोग ना करें।.