कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): लक्षण और कारण

कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – लक्षण – तीखा, ऐंठनयुक्त या मंद दर्द। पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में लगातार बना हुआ दर्द। पेट दर्द जो दाएँ कंधे और पीठ तक फ़ैल जाता है। मतली और उल्टी।. कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन) – कारण – पित्त की पथरी। ट्यूमर (गांठ), पित्तनलिका में अवरोध।.

कोलीसिस्टाइटिस (गालब्लैडर की सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान

कोलीसिस्टाइटिस अर्थात पित्ताशय (गालब्लैडर) की सूजन।.

क्रोंस डिजीज: रोकथाम और जटिलताएं

क्रोंस डिजीज – रोकथाम – समस्या उत्पन्न करने वाले भोज्य पदार्थ ना लें। व्यायाम नियमित करें। तनाव में कमी करने हेतु परामर्श लें।.

क्रोंस डिजीज: लक्षण और कारण

क्रोंस डिजीज – लक्षण – पेटदर्द और अतिसार। थकावट और कमजोरी। सामान्य रूप से अस्वस्थता का अनुभव। मुँह में छाले।. क्रोंस डिजीज – कारण – आनुवांशिकता, धूम्रपान, कोई पुराना संक्रमण, पर्यावरण सम्बन्धी कारणों (वायरस, बैक्टीरिया, आहार, धूम्रपान, और तनाव) से।.

क्रोंस डिजीज: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

क्रोंस डिजीज – आहार – लेने योग्य आहार: केले, सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल, और पनीर (यदि आप दूध में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाली शक्कर – लेक्टोस को पचा लेते हैं), फलों का रस, सेब का सॉस, नरम पीनट बटर, कोमल नर्म आहार, मैदे के बने क्रैकर्स, विभिन्न प्रकार का सादा दलिया, रिफाइंड पास्ता, शोरबा, कैन में बंद विभिन्न प्रकार के फल, पकी हुई सब्जियाँ, छिलका रहित आलू, मछली, केनोला और जैतून का तेल। एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें, जिनमें फल (जैसे जामुन, चेरी, और टमाटर) और सब्जियाँ (जैसे कद्दू और शिमला मिर्च) आदि आते हैं। विटामिन बी, कैल्शियम, और मैग्नीशियम की उच्च मात्रा वाले आहार लें जैसे साबुत अनाज (यदि वे चोकररहित ना हों), गहरी पत्तेदार सब्जियाँ (जैसे पालक और केल), और समुद्री वनस्पतियाँ आदि।

क्रोंस डिजीज: प्रमुख जानकारी और निदान

क्रोंस डिजीज ऐसी स्थिति है जिसमें पाचन तंत्र (जिसे आमाशय-आंत मार्ग या आंत भी कहा जाता है) में सूजन उत्पन्न हो जाती है।.

सिलिअक रोग: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

सिलिअक रोग – आहार – लेने योग्य आहार: ग्लूटेन रहित और पोषण युक्त आहार लेने चाहिए। कैल्शियम युक्त आहारों में दूध, दही, पनीर, मछली, ब्रोकोली, कोलार्ड ग्रीन, बादाम, कैल्शियम की शक्तियुक्त रस, और चौलाई। आयरन समृद्ध आहारों में मीट, मछली, चिकन, फलियाँ, मेवे, गिरियाँ, अंडे और चौलाई आदि आते हैं।

सिलिअक रोग: रोकथाम और जटिलताएं

सिलिअक रोग – रोकथाम – ग्लूटेन रहित आहार लेकर सिलिअक रोग के उभरने को रोक सकते हैं।.

सिलिअक रोग: प्रमुख जानकारी और निदान

सिलिअक डिजीज जिसे सिलिअक स्प्रू या ग्लूटेन-संवेदी आंतरोग भी कहा जाता है, पाचन और स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो ग्लूटेन युक्त भोजन लेने के परिणामस्वरूप छोटी आंत की परतों की क्षति के रूप में दिखाई पड़ता है।.

सिलिअक रोग: लक्षण और कारण

सिलिअक रोग – लक्षण – अपच, मंद पेटदर्द। पेट फूलना। कभी-कभी आंत की प्रवृत्ति में बदलाव होना, जैसे मंद अतिसार या कब्ज के प्रकरण।. सिलिअक रोग – कारण – सिलिअक डिजीज स्व-प्रतिरक्षी स्थिति है जो ग्लूटेन प्रोटीन, जो कि ब्रेड, पास्ता, दलिया और बिस्कुट में पाया जाता है, के लिए असामान्य प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया से उत्पन्न होती है।.