ओटेल्जिया: लक्षण और कारण

ओटेल्जिया लक्षण – तीव्र कान दर्द वाले व्यक्ति को कान बहना, कान भरा लगना, नाक अवरुद्ध होना, बुखार या सिरदर्द आदि हो सकते हैं।. ओटेल्जिया कारण – जबड़े का आर्थराइटिस। दांत का संक्रमण। गले में पीड़ा। साइनस का संक्रमण।.

ओटेल्जिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ओटेल्जिया आहार – ग्रहण किया गया विटामिन सी शरीर के प्रतिरक्षक तंत्र को उन्नत करने वाला अत्यंत बढ़िया पूरक है और इस प्रकार कान के दर्द को रोकता है। विटामिन सी के प्राकृतिक स्रोतों में अमरुद, नीबू, शिमला मिर्च, संतरे और टमाटर हैं।
, जिंक भी कान के दर्द का प्रभावी उपचार है। इसे भी प्राकृतिक स्रोतों जैसे काजू, गेहूँ, चिलगोजा, अन्य सूखे मेवों से ग्रहण करना चाहिए।
, रिफाइंड और प्रोसेस्ड आहार, मसालेदार या वसायुक्त आहार।
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गेलेक्टोरिया: रोकथाम और जटिलताएं

गेलेक्टोरिया रोकथाम – तंग कसे हुए कपड़े ना पहनें। अवैध ड्रग का प्रयोग ना करें।.

गेलेक्टोरिया: प्रमुख जानकारी और निदान

गेलेक्टोरिया स्तनों के चुचुकों से दूध जैसे पदार्थ का निकलना है जो गर्भावस्था पश्चात के स्तनपान से जुड़ा हुआ नहीं होता।.

गेलेक्टोरिया: लक्षण और कारण

गेलेक्टोरिया लक्षण – प्राथमिक लक्षण है चुचुक से दूध जैसे तरल का निकलना जो कि स्तनपान से जुड़ा हुआ नहीं होता। यह तरल एक या दोनों स्तनों से बाहर आ सकता है।. गेलेक्टोरिया कारण – पीयूष ग्रंथि की गांठें, औषधियाँ, गर्भावस्था, हार्मोन सम्बन्धी परिवर्तन.

गेलेक्टोरिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

गेलेक्टोरिया स्तनों के चुचुकों से दूध जैसे पदार्थ का निकलना है जो गर्भावस्था पश्चात के स्तनपान से जुड़ा हुआ नहीं होता। दूध जैसा सफ़ेद पदार्थ एक या दोनों स्तनों से बह सकता है और स्तनों को उत्प्रेरित करने पर या किये बिना भी तरल निकल सकता है। यह स्थिति मुख्यतः महिलाओं में होती है। पुरुषों में यह अत्यंत कम होती है।

अक्सर इसे गर्भावस्था से असंबंधित गेलेक्टोरिया कहा जाता है। यह तब होता है जब शरीर अत्यधिक मात्रा में प्रोलेक्टिन (मस्तिष्क में स्थित पीयूष ग्रंथि द्वारा उत्पन्न हार्मोन जो किसी महिला द्वारा शिशु को जन्म देने के बाद दूध के उत्पादन को उत्प्रेरित करता है) उत्पन्न करता है।

कार्पल टनल सिंड्रोम (CTS): प्रमुख जानकारी और निदान

कार्पल टनल सिंड्रोम (सीटीएस) हाथ का दर्द्युक्त विकार है जो कलाई से होकर गुजरने वाली तंत्रिकाओं पर पड़े दबाव के कारण उत्पन्न होता है।.

कार्पल टनल सिंड्रोम (CTS): लक्षण और कारण

कार्पल टनल सिंड्रोम (CTS) – लक्षण – हाथ के तल और उंगलियों में जलन, झुनझुनी या खुजलीयुक्त गुदगुदी, खासकर अंगूठे, तर्जनी और मध्यमा उंगली में। थोड़ी या बिना दिखाई देने वाली सूजन के साथ उंगलियों का निष्क्रिय और फूला हुआ प्रतीत होना।. कार्पल टनल सिंड्रोम (CTS) – कारण – कलाई को लगी चोट या आघात। चिकित्सीय स्थितियाँ।.

कार्पल टनल सिंड्रोम (CTS): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

कार्पल टनल सिंड्रोम (CTS) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: एंजाइम पूरक जैसे ब्रोमेलैन या एंजाइम के मिश्रित उत्पाद (उदाहरण के लिए वोबेंजाइम) कार्पल टनल सिंड्रोम से जुड़ी ऊतकों की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। ब्रोमेलैन का मुख्य स्रोत अन्नानास है।
, फोलिक एसिड से समृद्ध सब्जियाँ क्योंकि इस प्रकार की सब्जियाँ मांसपेशियों के निर्माण में और ऊतकों में स्थित सूजन को कम करने में सहायता करती हैं।
, कार्पल टनल सिंड्रोम के रोगी के आहार में ताजे फल भी अत्यंत आवश्यक होते हैं। ये फल मांसपेशियों की वृद्धि के लिए आवश्यक खनिज और विटामिन प्रदान करते हैं। केलों में पोटैशियम उपलब्ध होता है।
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कार्पल टनल सिंड्रोम (CTS): रोकथाम और जटिलताएं

कार्पल टनल सिंड्रोम (CTS) – रोकथाम – रोग का शीघ्र निर्धारण और चिकित्सा। भारी वस्तुएँ ना उठाएँ। जीवन शैली में सुधार।.