बच्चों में अस्थमा: प्रमुख जानकारी और निदान

अस्थमा (दमा) ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति के हवा आने जाने के मार्गों को प्रभावित करती है और इस प्रकार साँस लेने में कठिनाई उत्पन्न करती है।.

बच्चों में अस्थमा: लक्षण और कारण

बच्चों में अस्थमा – लक्षण – श्वसनहीनता। व्हीज़िंग, खाँसी आना। छाती में जकड़न।. बच्चों में अस्थमा – कारण – हवा आने-जाने वाले मार्ग और छाती में संक्रमण (सर्दी, फ्लू)। अस्थमा का पारिवारिक इतिहास। धूम्रपान, धूल और धूल में स्थित जीवाणु।.

बच्चों में अस्थमा: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

बच्चों में अस्थमा – आहार – लेने योग्य आहार: साबुत अनाज, सूप, फल और सब्जियाँ।

बच्चों में अस्थमा: रोकथाम और जटिलताएं

बच्चों में अस्थमा – रोकथाम – अस्थमा उत्प्रेरित करने वाले कारकों को त्याग दें। ठन्डे वातावरण को त्यागें। घर को धूम्रपान रहित स्थान बनाए रखें।.

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD): लक्षण और कारण

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) – लक्षण – लम्बे समय से बनी हुई (क्रोनिक) खाँसी। खाँसी के साथ बलगम (सफ़ेद, पीला या हरा) आना। साँस लेने में कठिनाई जो व्यायाम करने पर और बदतर हो जाती है। साँस लेने पर आवाज होना।. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) – कारण – धूम्रपान (तम्बाकू का प्रयोग)। भीतरी वायु प्रदूषण (जैसे कि भोजन बनाने और घर गर्म करने के लिए जैविक ईंधन का प्रयोग)। बाहरी वायु प्रदूषण।.

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) – आहार – लेने योग्य आहार: कम वसा प्रोटीन युक्त आहार जैसे माँस पतले टुकड़े, पोल्ट्री और मछली। साबुत अनाज के आहार जैसे होल ग्रेन ब्रेड, चोकर, भूरा चावल, और ओट्स। ये आहार रेशे से भरपूर होते हैं, जो पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को उन्नत करने में सहायक होते हैं। ताजे फल और सब्जियाँ। इनमें आवश्यक विटामिन्स, खनिज और रेशे होते हैं, जो आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं।

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD): रोकथाम और जटिलताएं

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) – रोकथाम – सीओपीडी को रोकने का श्रेष्ठ तरीका धूम्रपान बंद करना और रासायनिक धुएँ और धूल की चपेट में ना आना है।.

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD): प्रमुख जानकारी और निदान

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) केवल एक रोग नहीं है बल्कि यह फेफड़ों के दीर्घकालीन रोगों को दर्शाने वाला चिकित्सीय शब्द है, इन रोगों का नाम ब्रोंकाइटिस और एम्फायसेमा है जो फेफड़ों में हवा के आने-जाने को सीमित करते हैं।.