लुपस: प्रमुख जानकारी और निदान

लुपस क्या है?

लुपस एक दीर्घकालीन स्वप्रतिरक्षक स्थिति है। इसका अर्थ यह है कि यह स्थिति प्रतिरक्षक तंत्र (रोग और संक्रमण के विरुद्ध शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा) से हुई समस्याओं द्वारा उत्पन्न होती है, जहाँ शरीर का प्रतिरक्षक तंत्र अतिसक्रिय हो जाता है और सामान्य, स्वस्थ कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों पर आक्रमण करता है। यह आपके जोड़ों, त्वचा, रक्तवाहिनियों और अंगों को क्षतिग्रस्त करता है।
लुपस के मुख्य प्रकार हैं:
  • सिस्टमिक लुपस एरिदिमेटोसस- एसएलई शरीर के ऊतकों को शरीर में या अंगों में कहीं भी प्रभावित कर सकता है।
  • त्वचा सम्बन्धी लुपस – यह लुपस का मंद प्रकार है और आमतौर पर केवल त्वचा को प्रभावित करता है। त्वचा सम्बन्धी लुपस के दो प्रकार हैं: डिस्कोइड लुपस एरिदिमेटोसस (डीएलई), जो घाव के निशान उत्पन्न कर सकता है; और सबएक्यूट क्यूटेनियस लुपस एरिदिमेटोसस (एससीएलई), जो घाव के निशान उत्पन्न नहीं करता।
  • ड्रग द्वारा उत्प्रेरित लुपस– कुछ औषधियां एसएलई जैसे लक्षणों को उत्तेजित कर सकती हैं, जो एक बार दवा बंद कर देने पर अदृश्य हो जाते हैं।
  • नियोनेटल (नवजात) लुपस- यह अस्थाई लुपस का दुर्लभ रूप है जो नवजात शिशु को प्रभावित करता है। यह तब होता है जब माँ की एसएलई युक्त एंटीबाडीज बच्चे में स्थानांतरित हो जाती हैं।

रोग अवधि

यह संपूर्ण जीवनकाल में रहने वाली स्थिति है। रोग के शीघ्र निर्धारण, उपचारों में सुधार, और सतर्क निगरानी के साथ लुपस के अधिकतर रोगी सामान्य जीवनकाल बिता सकते हैं।

जाँच और परीक्षण

रोग के निर्धारण में आपका चिकित्सीय इतिहास और डॉक्टर द्वारा किया गया शारीरिक परीक्षण महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अन्य प्रयोगशाला जाँचें जैसे सीबीसी, प्लेटलेट की मात्रा, एंटीन्यूक्लियर एंटीबाडी टेस्ट, गुर्दों की कार्यक्षमता की जाँच, और इसके साथ ही जोड़ों के एक्स-रे और एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) स्केन्स, रोग की व्यापकता की पहचान में मदद करते हैं।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1. लुपस क्या है?
लुपस एक स्वप्रतिरक्षी विकार है। प्रतिरक्षा तंत्र का कार्य शरीर के बाहरी पदार्थो जैसे बैक्टीरिया और वायरस आदि से मुकाबला करना है। हालाँकि, स्वप्रतिरक्षी रोग में, प्रतिरक्षा तंत्र अनियंत्रित हो जाता है और त्रुटिवश स्वस्थ ऊतकों पर आक्रमण करता है। लुपस ऐसा रोग है जो शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करता है। लुपस जोड़ों, त्वचा, गुर्दों, फेफड़ों, ह्रदय और/या मस्तिष्क को संलग्न कर सकता है। लुपस के कई प्रकार हैं – सिस्टमिक लुपस, क्यूटेनियस लुपस, ड्रग इन्ड्युस्ड लुपस, और नियोनेटल लुपस आदि।

Q2. लुपस में अतिसक्रियता या प्रज्वलन क्या है?
जब लुपस के लक्षण उभरते हैं, उन्हें “प्रज्वलन” कहा जाता है। ये संकेत आते और जाते हैं। आपको एक सप्ताह सूजन और निशान हो सकते हैं और अगले सप्ताह कोई भी लक्षण नहीं हो सकता है। आप पाएंगे कि आपके लक्षणों का तीव्र उभार सूरज के सामने जाने से या दिन का कार्य कठिन होने पर होता है।

Q3.क्या व्यक्ति इसके साथ सामान्य जीवन जी सकता है?
जी हाँ, निश्चित रूप से, चूंकि लुपस पूरे जीवन काल की स्थिति है। रोग के शीघ्र निर्धारण, उपचारों में सुधार, और सतर्क निगरानी के साथ लुपस के अधिकतर रोगी सामान्य जीवनकाल बिता सकते हैं।

Q4. कोई व्यक्ति डॉक्टर से कब संपर्क कर सकता है?
व्यक्ति को डॉक्टर से तब संपर्क करना चाहिए जब छाती में दर्द या दबाव या बेचैनी का एहसास, या साँस लेने में कठिनाई हो। मतली और उल्टी जोड़ों में एकाएक झुनझुनी, सनसनी या कमजोरी, धुंधला दिखाई देना, दर्द, दबाव, या पीठ, गर्दन, जबड़े, पेट के ऊपरी हिस्से या एक या दोनों कन्धों या भुजाओं में अनजाना विचित्र एहसास हो रहा हो।
Q5. लुपस में गर्भावस्था के दौरान कौन सी समस्याएँ हो सकती हैं?
गर्भावस्था के दौरान आने वाली समस्याओं में: प्री-एक्लेम्पसिया (उच्च रक्त चाप और मूत्र में प्रोटीन की अधिक मात्रा होना), गर्भपात, गर्भस्थ शिशु की म्रत्यु, समय पूर्व प्रसव आदि हैं




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