लूम्बेगो (कमर दर्द): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

परहेज और आहार

लेने योग्य आहार आप अपने शरीर को स्वास्थ्यवर्धक आहार लेकर उचित आकार में रख सकते हैं जैसे फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज आदि। ऐसे आहार चुनें जिनमें संतृप्त वसा और शक्कर का स्तर कम हो। पानी अधिक मात्रा में पियें।
  • कमर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विटामिन डी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ है। विटामिन डी, “सनशाइन” विटामिन की कमी, कमर के दर्द में योगदान दे सकती है। सूर्य के प्रकाश द्वारा और मछली, दूध, अंडे, दलिया द्वारा विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा लें।
  • विटामिन सी, जिसे एस्कोर्बिक एसिड भी कहते हैं, ऐसा विटामिन है जो कमर दर्द में सहायता करता है। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, पपीता, स्ट्रॉबेरी आदि सभी विटामिन सी से भरपूर होते हैं।
  • विटामिन बी1, बी6, और बी12 आपके कमर दर्द को काफी कम कर सकते हैं। पालक, गाजर, फलियाँ और साबुत अनाजों में ये विटामिन अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
  • विटामिन ई नियमित लेकर आप अपने शरीर में एंटीऑक्सीडेंट क्रियाओं को बढ़ा सकते हैं जो कमर दर्द को कम करने में सहायक होती हैं। पालक, मेवे, टमाटर, गेहूँ आदि विटामिन ई के समृद्ध आहार हैं।
  • अन्नानास, सभी प्रकार की बेरियाँ, हरी चाय, हल्दी, लहसुन, अदरक और ठन्डे पानी की मछली आदि आहार कमर दर्द को घटाते हैं।
इनसे परहेज करें
  • मक्का, सेफफ्लावर, सूरजमुखी, कपास्या, या मिश्रित वनस्पति तेल।
  • प्रोसेस्ड और रिफाइंड आहार।
  • उच्च-फ्रुक्टोस कॉर्न सिरप युक्त उत्पाद
  • अधिक संतृप्त वसा वाले आहार, जैसे माँस, नारियल या पाम कर्नेल के तेल, और पूर्ण वसा युक्त डेरी उत्पाद
  • ट्रांस फैट युक्त भोजन

योग और व्यायाम

  • एरोबिक और मजबूती बढ़ाने वाले, दोनों तरह के व्यायाम सहायक होते हैं। एरोबिक व्यायामों में पैदल चलना, तैरना या साइकिल चलाना इन सभी से कमर को मजबूती मिलती है।
  • गर्दन की स्ट्रेचिंग, जिनमें झुकने और फैलाने वाली व्यायामों की श्रृंखला आती है, केवल दाएँ-बाएँ, ऊपर-नीचे और कान से कन्धों तक खिंचाव देने के आसान व्यायामों की श्रृंखला है, और ये चमत्कारिक रूप से गर्दन व मेरुदंड के स्वास्थ्य को उन्नत करती है।

Lumbago exercises

योग कमर दर्द को कम करने वाले योग आसन हैं:

संगीत और ध्यान

प्रतिदिन शांतिदायी प्रक्रिया का अभ्यास करें : इनमें सजग ध्यान (क्रोनिक कमर दर्द को कम करने में सहायक), प्राणायाम, निर्देशित कल्पनाएँ, अपने शरीर के लक्षणों या संकेतों को समझना, माँसपेशियों में धीरे-धीरे आराम देने की क्रिया, और सम्मोहन चिकित्सा आदि आते हैं।

घरेलू उपाय (उपचार)

  • दिन भर अपनी कुर्सी पर धँसे हुए से ना बैठे रहें। हर 20 मिनट में उठें और शरीर को दूसरी तरफ खींच कर ढीला करें।
  • अपर्याप्त नींद भी गर्दन और पीठ की समस्याओं से जुड़ी हुई है। यह महत्वपूर्ण है कि आप पर्याप्त मात्रा (6 से 8 घंटों के मध्य) में नींद लें और सोते समय अपने मेरुदंड को आराम की स्थिति में रखें।
  • गर्म और ठन्डी सिंकाई के माध्यम से शरीर के जकड़े और पीड़ायुक्त हिस्से में आराम होता है। अधिकतर डॉक्टर चोट के पहले 48 घंटों में बर्फ से सिंकाई सुझाते हैं, खासकर यदि सूजन हो, इसके बाद गर्म सिंकाई की जा सकती है।
  • अपनी भंगिमा सही रखें। सही भंगिमा मतलब जब आप खड़े हों, आपके कान, कंधे, कूल्हे, और घुटने एक दूसरे से सीधी रेखा में होने चाहिए।
Lumbago Posture




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