नमक और रक्तचाप सम्बन्धी टिप्स




नमक और बीपी, स्वास्थ्यवर्धक आहार, ब्रेड और स्वास्थ्य

अधिक मात्रा में नमक ना खाएँ। एक दिन में 6 ग्राम से अधिक नमक का प्रयोग ना करें. पैक किये हुए पदार्थों जैसे कई प्रकार के नाश्ते वाले दलिए, टिन में पैक सूप, ब्रेड, सॉस और तैयार खाद्य पदार्थों में नमक पहले ही रहता है। सोडियम की अधिक मात्रा उच्च रक्तचाप तक ले जा सकती है साथ ही कन्जेस्टिव हार्ट फेलियर, सिरोसिस, और गुर्दे की पथरी के रोगियों के शरीर में तरल पदार्थ का निर्माण कर सकती है।

बीपी, स्वास्थ्यवर्धक आहार, नमक और बीपी

शरीर में पानी के संतुलन, माँसपेशियों के संकुचन और नसों की क्रियाओं के लिए सोडियम आवश्यक होता है किन्तु उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों को इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।

नमक और बीपी, स्वास्थ्यवर्धक आहार, प्रोसेस्ड आहार

लगभग सभी पैक आहारों में सोडियम होता है। हर बार जब आप कोई पैक आहार खाएँ या बनाएँ, तो अपने रोजाना की नमक की खुराक का ध्यान रखने के लिए यह जानें कि उसमें सोडियम की मात्रा कितनी है। यह 51 वर्ष से अधिक के लिए 1500 मिग्रा/दिन, जबकि अन्य आयु वालों के लिए 2300 मिग्रा/दिन है। सोडियम का दैनिक उपभोग लगभग 3400 मिग्रा/दिन है, जिसका अधिकतर हिस्सा प्रोसेस्ड आहारों से आता है।

नमक और बीपी

सोडियम की जानकारी हेतु डायरी रखें। शायद आपको आश्चर्य हो कि आप कितना सोडियम प्रतिदिन लेते हैं, साथ ही डायरी आपको यह निर्णय करने में मदद करेगी कि कौन सा आहार कम करना है और कौन सा हटाना है।

नमक और बीपी, दाँतों की देखभाल, मुख स्वास्थ्य, मसूढ़ों की देखभाल

कृत्रिम दांत लगाने वालों को बत्तीसी बैठाने के दौरान नमक का प्रयोग अत्यंत आराम देता है। यह मसूढ़ों की सूजन और दर्द को कम करता है। यह मुँह के भीतर बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है और मुँह के घाव या मुँह सूखने के खतरे को कम करता है।

नमक और बीपी, स्वास्थ्यवर्धक आहार, प्रोसेस्ड आहार

तैयार और पैक आहारों के पोषण स्तर की जांच करना ना भूलें, क्योंकि हमारे द्वारा लिए गए सोडियम की 75 प्रतिशत मात्रा प्रोसेस्ड आहारों में छुपी होती है। लेबल पर ‘सोड़ा’ ‘सोडियम’ शब्दों को देखें और ‘Na’ का चिन्ह भी देखें, जिसका अर्थ है कि सोडियम पदार्थ उपस्थित हैं।

नमक और बीपी, गुर्दे, कैल्शियम

सोडियम की अधिक मात्रा वाले आहार रक्तचाप और आपके मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाते हैं। इसके कारण गुर्दे की पथरी होती है और मूत्र में प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जिसके कारण गुर्दे के रोग होते हैं। गुर्दे की पथरी के खतरे को कम करने के लिए कम सोडियम युक्त आहार लें, इसे पोटैशियम के सेवन से संतुलित करें। रोजाना 5 ग्राम से अधिक नमक लेने की सलाह नहीं दी जाती।