पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद): रोकथाम और जटिलताएं

पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद) – रोकथाम – स्वास्थ्यवर्धक आहार लें। व्यायाम नियमित करें। धूम्रपान त्यागें और मदिरापान सीमित करें।.

पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद) – आहार – लेने योग्य आहार: अपने प्रतिरक्षक तंत्र को सबल करने के लिए ताजे फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज लें जैसे, गाजर, सेब, फलियाँ, सोया, रतालू, आलू, समुद्री सीवर आदि
, कैल्शियम से समृद्ध आहार जैसे कम वसा युक्त डेरी उत्पाद (दूध, दही, पनीर, सोया दूध), पालक, बादाम और मछली महिलाओं को हड्डियों को उचित रूप से मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं।
, होलग्रेन से बने ब्रेड, पास्ता और पेस्ट्रीज मैदे से बनी इन्हीं वस्तुओं के मुकाबले अधिक पोषक होते हैं।
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पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद): लक्षण और कारण

पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद) – लक्षण – योनि की शुष्कता और खुजली। वजन बढ़ना। बार-बार पसीना आना। तनाव नियंत्रित ना कर पाना।. पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद) – कारण – जो महिलाऐं अधिक धूम्रपान और मदिरापान करती हैं। तनाव के स्थाई अवसर बने रहते हैं। हार्मोन सम्बन्धी उतार-चढ़ाव।.

पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद): प्रमुख जानकारी और निदान

मीनोपॉज के बाद होने वाली स्थिति पोस्ट मीनोपॉज है जो आमतौर पर महिला के अंतिम मासिक चक्र के 24 से 36 माह के बीच शुरू होती है।.