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तम्बाकू की कीमत
एक सिगरेट आपके जीवन के 12 मिनट कम कर देती है। 5 सिगरेट आपके जीवन से एक घंटा कम कर देती हैं। यदि आप 24 वर्षों तक धूम्रपान करें तो आप एक जन्मदिवस कम मनाएंगे!धूम्रपान करने वाले उन लोगों को, जो स्वयं (या किसी अन्य) के स्वास्थ्य की चिंता नहीं करते, कम से कम ये सोचना चाहिए कि क्या वे इसे वास्तव में वहन कर सकते हैं! ईटी वेल्थ के अनुसार 60 वर्ष की उम्र तक धूम्रपान करने वाले को इस लत की कीमत लगभग एक करोड़ रु. तक पड़ सकती है!
तम्बाकू का प्रयोग विश्व भर में प्रतिवर्ष लगभग साठ लाख लोगों के प्राण ले लेता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमानों के अनुसार, 20 वीं शताब्दी में पूरी दुनिया में तम्बाकू के कारण लगभग 10 करोड़ लोगों की समय पूर्व मृत्यु हुई है, और यदि तम्बाकू के उपयोग की यही गति जारी रही तो 21 वीं शताब्दी में यह संख्या बढ़कर 100 करोड़ हो जाने का अनुमान है। बच्चे और किशोरवय के लोग तम्बाकू उद्योग के मुख्य शिकार बनते हैं। भारत सरकार के नेशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार 10-14 वर्ष की आयु के लगभग 2 करोड़ बच्चों को तम्बाकू की लत से पीड़ित होने का अनुमान है। भौंचक्के कर देने वाले इन आंकड़ों में, लगभग 5500 नए लोग रोज जुड़ते हैं, जिससे हर साल बीस लाख नए उपयोग करने वाले तैयार हो जाते हैं। किशोरवय बहुत ही कम आयु में निकोटीन की लत में पड़ जाते हैं। सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, हुकली, चुट्टा, धूमती, चिलम, खैनी, मावा, तपकीर, पान मसाला, मिश्री, गुटका आदि हमारे देश में उपयोग में लाए जाने वाले तम्बाकू के धुआं सहित और धुआं रहित प्रकार हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप इसे भीतर कैसे लेते हैं (धूम्रपान, चबाकर), तम्बाकू आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और आपके पूरे शरीर को प्रभावित करता है।
तम्बाकू के प्रभाव
तम्बाकू का उपयोग मनुष्यों के कई रोगों और स्थितियों के लिए खतरे का कारक होता है जिनमें मुँह का कैंसर, ह्रदय रोग और फेफड़ों के रोग आदि हैं और यह जनता के स्वास्थ्य पर अत्यंत हानिकारक प्रभाव डालता है। तम्बाकू किसी भी रूप में या बदले हुए भेष में प्राणघातक ही होता है। जीवन की गुणवत्ता:- कई प्रकार की शारीरिक गतिविधियों और मनोरंजन का आनंद लेने में रोक उत्पन्न करके कमजोर स्वास्थ्य सामान्य रूप से धूम्रपान करने वाले के जीवन की गुणवत्ता में काट-छाँट कर देता है।
- कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है जिसमें मूत्राशय, गुर्दे और पैंक्रियास का कैंसर आते हैं। चिकित्सा का भारी-भरकम बिल इसकी अतिरिक्त कीमत होती है।
- धूम्रपान के कारण पैरों में होने वाला कमजोर रक्तसंचार दर्द, छाले और गैंग्रीन तक उत्पन्न कर सकता है – जिसके कारण पैर काटने तक की नौबत आ सकती है।
- धूम्रपान से बलगम के साथ बहुत ज्यादा खाँसी उत्पन्न होती है।
- धूम्रपान करने वालों को साँस लेने में तकलीफ होती है क्योंकि धूम्रपान फेफड़ों को क्षतिग्रस्त कर देता है।
- तम्बाकू एम्फायसेमा (फेफड़ों का रोग) और फेफड़ों का कैंसर उत्पन्न कर सकता है।
- यदि आपको अस्थमा हो, तो आपको बार-बार और अधिक गंभीर दौरे पड़ सकते हैं।
- तम्बाकू की लत डालने वाला पदार्थ निकोटीन, आपके मस्तिष्क तक अत्यंत तेजी से पहुँचता है।
- धूम्रपान करते समय निकोटीन के कारण आप अच्छा महसूस करते हैं, लेकिन धुम्रपान के बाद यह आपको चिंतित, निराश, बदमिजाज और अवसादग्रस्त बना सकता है। तम्बाकू का उपयोग करने से सिरदर्द और चक्कर आ सकते हैं।
- धूम्रपान त्वचा को सूखा, पीला और झुर्रीदार बनाता है। इसकी बदबू त्वचा से चिपक जाती है।
- सिगरेट पकड़े रहने के कारण आपके नाखून और उंगलियों की त्वचा पीली पड़ सकती है। सिगरेट बुझा या ख़त्म कर देने के काफी समय बाद तक इसकी गंध बालों में बनी रह सकती है। यह सिगरेट ना पीने वालों को भी जकड़ लेती है।
- यह आपके दांतों पर धब्बे बना देता है और साँस की बदबू पैदा करता है।
- यह आपकी कुछ स्वाद कलिकाओं को नष्ट कर देता है, इसलिए आप अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थों का स्वाद भी नहीं ले पाते।
- यह मसूढ़ों से खून आने का रोग और मुँह तथा गले का कैंसर उत्पन्न करता है।
- खून के बहाव में रूकावट होने के कारण पुरुष की लिंग उत्थान सम्बन्धी क्षमता प्रभावित होती है। धूम्रपान करने वाले स्त्री और पुरुष दोनों को चरम सुख की प्राप्ति में कठिनाई होती है और उनमें बाँझपन का खतरा भी बढ़ जाता है।
- धूम्रपान करने वाली महिलाओं में धूम्रपान ना करने वाली महिलाओं की अपेक्षा रजोनिवृत्ति कम आयु में हो सकती है। धूम्रपान से स्त्रियों में गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ता है।
- धूम्रपान करने वालों को गर्भावस्था सम्बन्धी दिक्कतों का अधिक सामना करना पड़ता है जिसमें गर्भपात, आंवल संबंधित समस्याएँ, और शिशु का समयपूर्व जन्म आदि होते हैं।