ये गर्मी है, सावधानी रखें!

गर्मी का मौसम मस्ती का मौसम होता है, और यदि हम स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए कुछ सावधानियाँ रखें तो इस मौसम का अधिकतम आनंद ले सकते हैं। ये समस्याएँ यूं तो आसान दिखाई देती हैं, किन्तु यदि हम उचित रूप से देखभाल ना करें तो ये बिगड़ जाती हैं। मौसम के बिगड़े हालातों से, खासकर वृद्ध और शिशु, आसानी से प्रभावित हो जाते हैं। धूप और गर्मी की गंभीर मुसीबतों में लू लगना, शरीर में जल की मात्रा का कम होना, ऐंठन, त्वचा का झुलसना, नाक से खून आना आदि हैं।

Summer heat
गर्मी से थकने पर व्यक्ति को तीव्र प्यास लगती है, जो अत्यंत कमजोरी में बदल जाती है, तेज सिरदर्द होता है जो बेहोशी तक चला जाता है, मतली, उलटी, लगातार पसीना, असमंजस, बेचैनी, चक्कर आना, त्वचा का पीला होना और मूत्र का गहरा पीला पड़ जाना आदि होते हैं, जो कि शरीर में जल की मात्रा के घटने का चिन्ह है।

लू के दौरान व्यक्ति के शरीर का तापमान 105 तक बढ़ सकता है, और त्वचा के सूखने, ह्रदय की धड़कनों के तेज होने, थकावट, साँस की कमी, कभी-कभी झटके आना, असमंजस, पसीना ना निकलने का अनुभव हो सकता है। लू एकाएक लगती है, इसलिए व्यक्ति को चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता तुरंत होती है।

त्वचा धूप से तब झुलसती है जब वह अल्ट्रावायलेट किरणों की चपेट में आ जाए। इससे त्वचा का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। एपिस्टेक्सिस, जिसे आमतौर पर नकसीर या नाक फूटना के नाम से जाना जाता है, अत्यधिक गर्मी के कारण होता है।

क्या करें?

  • अपने शरीर में जल की पर्याप्त मात्रा बनाए रखें – पानी अधिक मात्रा में लें, ना केवल पानी बल्कि फलों का ताजा रस (ये केवल जल की मात्रा ही नहीं बढ़ाते बल्कि आपकी ऊर्जा को भी बढ़ाते हैं), दुग्ध उत्पाद जैसे छाछ, सुगन्धित दूध (ये आपके शरीर को ठंडक देते हैं) लें।
  • धूप की रोकथाम करें – कैप या हैट पहनें या छाते का प्रयोग करें। धूप के चश्मे का प्रयोग (महिला और पुरुष दोनों) करें, हलके रंग के और ढीले-ढाले कपड़े पहनें।
  • अपने साथ दिन भर में बार-बार उपयोग की जा सकने वाली पानी की बोतल रखें। हर बार बोतल खरीदना महंगा सौदा है और प्लास्टिक के कचरे को बढ़ाता है।
  • आहार – अपने आहार को फलों और सलाद से निर्मित करें। आपके द्वारा लिया गया आहार आसानी से पचने वाला होना चाहिए।
  • ठंडकयुक्त वातावरण – जितना हो सके उतना भीतर रहें। अपने कमरे को ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनर का प्रयोग करें साथ ही अपने कमरे में अँधेरा रखें। हरियाली रखने से ना केवल आपके घर की सुन्दरता बढ़ेगी बल्कि यह आस-पास के वातावरण को अधिक ठंडा भी रखेगा।
  • सनस्क्रीन त्वचा की सुरक्षा में सहायता करते हैं। धूप में या बाहर कार्य करते समय हर 3-4 घंटे में सनस्क्रीन लगाते रहें। निश्चित करें कि आपकी बिना ढंकी हुई पूरी त्वचा पर सनस्क्रीन लगा रहे।

क्या ना करें?

  • गहरे रंग के और चुस्त कपड़े पहनने से परहेज करें क्योंकि ये अधिक मात्रा में गर्मी को सोखते हैं।
  • दोपहर के समय बाहर निकलने से परहेज करें, इस समय सूरज की किरणें सीधी होती हैं। यदि जाना ही हो तो छाता लेकर जाएँ या कैप या हैट पहनें।
  • अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ या चाय और कॉफ़ी की तरह के पेयों का सेवन ना करें, ये शरीर में जल की मात्रा कम कर देते हैं।
  • कसरत में अधिक परिश्रम ना करें, ये भी शरीर में जल की मात्रा घटाता है।
  • तले-मसालेदार पदार्थों का सेवन ना करें जो शरीर में गर्मी को बढ़ाते हैं।

लू का प्राथमिक उपचार

  • व्यक्ति को छायादार स्थान पर ले जाएँ, लेकिन यह अत्यंत ठंडा जैसे कि वातानुकूलित नहीं हो, बल्कि पंखे वाले कमरे में ले जाएँ।
  • उसके कपड़े ढीले कर दें, ताकि शरीर और वातावरण के बीच हवा का आना-जाना बिना किसी रुकावट के हो सके और शरीर सामान्य तापमान पर आ जाए। आप नम या गीले कपड़े से स्पंज भी कर सकते हैं।
  • जाँघों, बगलों और गर्दन पर बर्फ के पैक लगाएँ, क्योंकि इन क्षेत्रों में रक्तवाहिनियाँ त्वचा के अत्यंत निकट होती हैं। व्यक्ति को बर्फ के पानी में ना डुबोएँ।
  • इलेक्ट्रोलाइट युक्त तरल पदार्थ पिलाएँ।