सेल्फी सिंड्रोम– मानसिक विकार, स्वयं से आसक्ति या और कुछ?

सेल्फी क्या है?

विकिपीडिया बताता है कि सेल्फी स्वयं का फोटोग्राफ है, जो विशेषकर अपने हाथ से, डिजिटल कैमरा या कैमरा फ़ोन से, या इन्हें सेल्फी स्टिक के सहारे से रखकर, लिया जाता है। व्यक्ति द्वारा स्वयं का लिया हुआ फोटोग्राफ, जो स्मार्टफोन या वेबकैम द्वारा लिया हुआ और सोशल मीडिया पर साझा किया गया हो।

यह नार्सिसिस्म से निकट का सम्बन्ध रखता है। नार्सिसिस्म अर्थात स्वयं में और अपनी शारीरिक दिखावट और बनावट में और उसकी प्रशंसा करने में अत्यंत रूचि होना। अधिक संख्या में फेसबुक मित्र रखने वाले व्यक्तियों के नार्सिसिस्ट होने की संभावना अधिक होती है।

अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन ने इस विकार को सेल्फिटिस का नाम दिया है। और इसे व्यक्ति द्वारा स्वयं की फोटो लेने और उसे सोशल मीडिया पर भेजने की ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिजायर (जुनूनी तरीके से बार-बार करने वाली इच्छा) की तरह समझाया गया है, जिनका उपयोग स्वयं के सम्मान में कमी की और निकटता की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है।

वर्गीकरण

  • सीमा पर स्थित सेल्फिटिस: दिन में कम से कम तीन बार खुद का फोटो लेना लेकिन इसे सोशल मीडिया पर ना देना।
  • तीव्र सेल्फिटिस: दिन में कम से कम तीन बार खुद का फोटो लेना और हर फोटो सोशल मीडिया पर भेज देना।
  • दीर्घ सेल्फिटिस: दिन भर समय बीतने के साथ स्वयं के फोटो लेने की अनियंत्रित इच्छा और दिन में छः बार से अधिक अपने फोटो सोशल मीडिया पर डालना।

लक्षण

  • स्वार्थी- नार्सिसिस्ट स्वार्थियों की तरह व्यवहार करते हैं, और यदि व्यवहारिक हों भी तो सामान्यतः अपनी चिंताओं के लिए ही प्रतिक्रिया देते हैं।
  • नियमहीन- नार्सिसिस्ट मानते हैं कि वे दूसरों से ऊँचे हैं और उनपर कोई नियम लागू नहीं होते।
  • आलोचना ना सुन पाना- नार्सिसिस्ट लोगों को अपने स्वयं के महत्व के बारे में बड़े ऊँचे ख्वाब होते हैं, इसलिए नकारात्मक आलोचना से वे बड़ी जल्दी उखड़ जाते हैं।
  • एकपक्षीय सुनवाई- प्रतिक्रिया देने के लिए सुनने के स्थान पर नार्सिसिस्ट लोग ख़ारिज करने, नकारात्मक, नजरअंदाज करने, न्यूनतम करने के लिए सुनते हैं या अन्य किसी की चिंता को गैरजरूरी बना देते हैं।
  • जिम्मेदारी लेने को नकारना – नार्सिसिस्ट लोगों में गलत हो रही चीजों के लिए दूसरों को दोषी ठहराने की प्रवृत्ति होती है।
  • गुस्सैल स्वभाव- नार्सिसिस्ट लोग विपरीत टिप्पणियों से, या उन्हें क्या करना है यह आदेश दिए जाने पर, बड़ी जल्दी गुस्सा हो जाते हैं।

आगे आने वाले परिणाम

सोशल नेटवर्किंग का अत्यधिक प्रयोग मनोवैज्ञानिक समस्याओं जैसे अवसाद, ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर (किसी काम को बार-बार करने की उत्कट इच्छा होना), लत पड़ना, शरीर के किसी हिस्से या अंग के विकृत होने का भ्रम, व्यक्तित्व में नार्सिस्टिक विकार होना, मानसिक विकार या उन्मादी होना, कार्य में ध्यान ना लगना और अतिसक्रियता होना आदि से जुड़ा हुआ होता है

Selfie syndrome

आज के समय में सेल्फी अत्यंत आम बात हो गई है, और यह तो केवल शुरुआत है। इनका स्थान एक नया सिद्धांत ड्रोनीस, अर्थात आपके निर्देश पर ड्रोन द्वारा हवाई चित्र लिए जाना, ले सकता है। निरीक्षण और सर्वेक्षण बताते हैं कि
  • हर मनुष्य की इच्छा होती है कि उसे विशेष रूप से पहचाना जाए और उसकी प्रशंसा हो।
  • हमें अपने निकट स्थित जो लोग ऐसा चाहते हैं, उनके लिए ये नहीं करना चाहिए।

http://thedeenshow.com/watch/3282/selfie-syndrome-avoiding-narcissism
http://adobochronicles.com/2014/03/31/american-psychiatric-association-makes-it-official-selfie-a-mental-disorder/
http://edition.cnn.com/2012/03/21/tech/social-media/facebook-narcissistic-behaviors/
http://www.justnaturallife.com/scientists-link-selfies-to-narcissism-addiction-mental-illness/