स्तनों की रहस्यमयी बीमारी का एकाएक उभार

स्तन कैंसर जागरूकता सप्ताह वाले महीने अर्थात पिछले वर्ष अक्टूबर माह में, पुणे में स्तन संक्रमण के कुछ मामले सामने आए जो वहाँ के डाक्टरों द्वारा समझने में अत्यंत मुश्किल थे। आमतौर पर टी.बी. से ग्रस्त, मधुमेह से पीड़ित और स्तनपान कराने वाली कई महिलाओं में स्तन में गाँठें होना, संक्रमण होना और तरल निकलना अत्यंत सामान्य बात होती है। यहाँ खास बात यह थी कि स्तन के इस रोग से ग्रस्त कई महिलाओं का किसी अन्य प्रकार के रोग का कोई इतिहास नहीं था। चिंता की बात यह है कि इसके लिए अब तक किसी प्रकार का कारण नहीं खोजा जा सका है। इस प्रकार की स्थिति के लिए कई प्रकार के सिद्धांत हैं, लेकिन अभी तक कोई भी निश्चित नहीं किया जा सका है। इसका अर्थ यह है कि ऐसे मामलों के उपचार की कोई मानक क्रियाविधि नहीं है और संक्रमण को ठीक होने में लम्बा समय, कभी-कभी तो कई माह तक, लग जाते हैं। यह रहस्य और अधिक चिंता का विषय है क्योंकि इस प्रकार का रोग 40 वर्ष की आयु की महिलाओं में अत्यंत आम था, लेकिन अब यह 20 और 30 वर्ष की महिलाओं में भी देखा जा रहा है।

Breast Disease
इन दिनों प्रतिमाह लगभग 5-6 मामले दर्ज होते हैं, जो कि 5 साल पहले माह में 1 या 2 हुआ करते थे। डॉक्टरों ने पुष्टि कर दी है कि यह कैंसर नहीं है। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह प्रतिरक्षण से सम्बंधित विषय है, लेकिन स्तन के संक्रमणों में एकाएक आने वाली बढ़ोतरी के पीछे का कारण कोई नहीं जानता। उन्होंने जोड़ा, “पहले भी ऐसे मामले दर्ज होते थे, लेकिन वे इतनी अधिक संख्या में और इतनी गंभीर स्थिति के साथ नहीं हुआ करते थे। हर माह, हम लगभग छः नए मामले और 15 से 30 पहले से चल रहे मामले देखते हैं। यह स्तन की टी.बी. की तरह दिखाई पड़ता है, लेकिन यह वो नहीं है, और हम किसी ठोस कारण को नहीं जान पाए हैं। कई बार रोग के अनुचित निर्धारण के कारण, रोगी सीधे शल्यक्रिया हेतु चले जाते हैं। लेकिन यदि इसे जल्द पहचान लिया जाए, तो शल्यक्रिया की आवश्यकता नहीं है।”

वे लोग जो स्वच्छता का ध्यान रखते हैं और जिनका बीमारियों का कोई इतिहास नहीं होता, उन्हें भी इस रोग का खतरा होता है। इसलिए डॉक्टरों की सलाह अनुसार, स्तन में गांठों, गांठों से पीप या अन्य तरल पदार्थ निकलने की या स्तन में होने वाली और किसी भी प्रकार की असुविधा वाली स्त्रियों को अत्यंत सतर्क रहना चाहिए और जितना जल्द हो सके अपने डॉक्टर तक पहुँचना चाहिए।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया: मिस्टीरियस डिजीज ग्रिप्स पुणे (पुणे रहस्यमयी रोग की जकड़ में)