शिशु देखभाल के घरेलू उपाय




शिशु देखभाल, स्वास्थ्यवर्धक आहार

सामान्य विकास और प्रगति के लिए शिशुओं और बच्चों को पर्याप्त संख्या में कैलोरीज और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। शिशुओं को प्रतिदिन शरीर के प्रत्येक किलो वजन के लिए 90 से 120 कैलोरीज की आवश्यकता होती है। बच्चों को 1800 कैलोरीज प्रतिदिन की आवश्यकता होती है।

शिशु देखभाल

SIDS-सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम-बच्चे की एकाएक साँस रुकने से मौत- को रोकने में सहायता के लिए अपने बच्चे को हमेशा उसकी पीठ के बल सुलाएँ। यह सिंड्रोम एक माह से लेकर एक वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु के प्रमुख कारणों में से है।

दमा, शिशु देखभाल, गर्भावस्था

तम्बाकू के धुएँ की चपेट में आए बच्चों को दमा होने की संभावना अधिक होती है। यदि गर्भावस्था के दौरान कोई महिला तम्बाकू के धुएँ की चपेट में आती है, तो उसके शिशु को दमा होने की संभावना भी अधिक होती है।

शिशु देखभाल

टीकाकरण कई रोगों के फैलने या संपर्क में आने की संभावनाओं को अत्यंत कम करता है। अपने और अपने बच्चे के लिए बताए गए टीके समय पर लगवाना निश्चित करें।

शिशु देखभाल

बच्चे ये सुनना पसंद नहीं करते कि वे क्या नहीं कर सकते, इसके बजाए उन्हें ये बताएँ कि वे क्या कर सकते हैं। इसे सकारात्मक और मस्ती भरा बनाएँ। हर व्यक्ति अच्छी तरह किये गए कार्य के लिए प्रशंसा पाना चाहता है। सफलताओं को ख़ुशी से मनाएँ और बच्चों तथा किशोरों को अपनी बढ़िया छवि विकसित करने में मदद करें।

शहद, शिशु देखभाल, सर्दी, घरेलू उपाय, दूध, खाँसी

सामान्य सर्दी खाँसी से पीड़ित एक साल या अधिक उम्र के बच्चों के लिए शहद सुरक्षित उपचार है। एक गिलास गर्म दूध में शहद मिलाकर देने से सूखी खाँसी दूर होती है और छाती के दर्द में आराम मिलता है।

शिशु देखभाल

मूत्राशय और मूत्रमार्ग के लिए क्रैनबेरी का रस अच्छा होता है। बिस्तर में पेशाब करने वाले बच्चों में इसकी सलाह बड़े पैमाने पर दी जाती है।

शिशु देखभाल

यदि आप बार-बार उपयोग किये जा सकने वाले डायपर या कपड़े के बने डायपर का प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें सिरके के मिश्रण से धोएँ। आधा कप सिरके को आधा बाल्टी पानी में मिलाएँ और बच्चे के डायपर या लंगोट धोने के लिए इसका प्रयोग करें। यह डायपर में किसी भी प्रकार के साबुन रह जाने और मूत्र आदि की गंध से छुटकारा पाने में मदद करेगा।

केला, पोषण सम्बन्धी तथ्य, प्रोटीन, शिशु देखभाल, स्वास्थ्यवर्धक आहार

एक बड़े केले में 121 कैलोरी होती हैं, जिसमें 3% चर्बी, 92% कार्बोहायड्रेट और 5% प्रोटीन होते हैं। यह बच्चों और वयस्कों के लिए तुरंत उर्जादायक आहार है।

नीबू, सर्दी, शहद, शिशु देखभाल, खाँसी

अपने जीवाणुरोधी गुणों के कारण, सामान्य सर्दी से पीड़ित बच्चों में शहद एक बढ़िया उपचार है। यह रात के समय होने वाली खाँसी को कम करने और नींद सुधारने में भी मदद करता है। 2 चम्मच कच्चे शहद में 1 चम्मच नीबू का रस मिलाएँ। कुछ दिनों तक दिन में 3 से 4 बार इसे अपने बच्चे को दें। 1 वर्ष से छोटे बच्चों को शहद ना दें क्योंकि यह शिशु बॉटलिस्म नामक प्राणघातक स्थिति उत्पन्न कर सकता है।

शिशु देखभाल, पाचन और कब्ज, शहद

बच्चों में गैस या अपच के कारण होने वाले पेटदर्द से छुटकारा पाने के लिए सौंफ बढ़िया तरीका है। एक छोटा चम्मच भर कुटी सौंफ को एक कप गर्म पानी में मिलाएँ और 10 मिनट तक हिलाएँ। थोडा सा शहद मिलाएँ और अपने बच्चे को धीरे-धीरे पिलाएँ। दिन में 2 बार इसे दें।

दालचीनी, शिशु देखभाल

बिस्तर में पेशाब की बढ़िया घरेलू दवा है दालचीनी। यह मसाला शरीर को गर्म रखता है, जिसके कारण बिस्तर में पेशाब करने को रोकता है। टोस्ट पर पिसी दालचीनी और शक्कर बुरक कर अपने बच्चे को नाश्ते के लिए दें।

हड्डी , भोजन में खनिज पदार्थ, शिशु देखभाल, स्वास्थ्यवर्धक आहार, दूध, विटामिन डी, कैल्शियम, दाँतों की देखभाल

बच्चों के लिए दूध अत्यंत बढ़िया होता है। स्वस्थ हड्डियों, नाखूनों और दांतों की वृद्धि के लिए जरूर दो खनिज, कैल्शियम और फोस्फोरस, दूध में होते हैं। दूध को विटामिन डी की शक्ति से युक्त किया जा सकता है, जो हड्डियों के लिए एक और महत्वपूर्ण तत्व है।

शिशु देखभाल

यदि आप बार-बार उपयोग किये जा सकने वाले डायपर या कपड़े के बने डायपर का प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें सिरके के मिश्रण से धोएँ। आधा कप सिरके को आधा बाल्टी पानी में मिलाएँ और बच्चे के डायपर या लंगोट धोने के लिए इसका प्रयोग करें। यह डायपर में किसी भी प्रकार के साबुन के रहने या मूत्र की गंध आने से छुटकारा देगा।

शिशु देखभाल, स्वास्थ्यवर्धक आहार, ओटमील

ओटमील बच्चों के लिए बढ़िया होता है। इसमें स्थित प्रोटीन की उच्च मात्रा बच्चे की नर्म त्वचा को आराम देती है और त्वचा का प्राकृतिक सुरक्षा कवच बनाए रखती है।

शिशु देखभाल, नारियल

नारियल के तेल में फफूंदरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं और इसलिए इसे डायपर रेश ठीक करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। बच्चे की नर्म त्वचा पर इसका आरामदायक और रोगमुक्त करने वाला प्रभाव भी होता है। दिन में कई बार डायपर के क्षेत्र में नारियल का तेल हौले-हौले लगाएँ।

शिशु देखभाल, नारियल, क्रैडल कैप

नारियल का तेल क्रैडल कैप की प्राकृतिक चिकित्सा की तरह कार्य करता है। यह प्राकृतिक मॉइस्चराइजर की तरह कार्य करता है और सिर की त्वचा को पोषण देते हुए क्रैडल कैप की पपड़ी को ढीला करता है। इसके साथ ही, इसके फफूंदरोधी और जीवाणुरोधी गुण संक्रमणों से मुकाबला करने में सहायता करते हैं।

शिशु देखभाल, क्रैडल कैप

क्रैडल कैप का इलाज करने में पेट्रोलियम जेली मदद करती है। इसके नमीकारक गुण पपड़ी उभरने में और तैलीय त्वचा की पपड़ी ढीली करने में मदद करते हैं। कई लोग इसे क्रैडल कैप का सबसे आसान और सुविधाजनक उपचार मानते हैं।

शिशु देखभाल, क्रैडल कैप

क्रैडल कैप के उपचार के लिए बादाम का तेल सुरक्षित होता है। अपनी हलकी बनावट के कारण, बादाम का तेल त्वचा में तेजी से भीतर उतर जाता है। जब इसकी मालिश सिर की त्वचा पर सीधे की जाती है, यह पपड़ी को नर्म करने में मदद करता है और शैम्पू करने के बाद इन्हें बहाकर निकालना आसान बनाता है।

शिशु देखभाल

पेट के ऐंठनयुक्त दर्द से पीड़ित किसी भी बच्चे के लिए तेल की नियमित मालिश चमत्कारिक होती है। मालिश बच्चे को गर्म बनाए रखती है, उचित पाचन निश्चित करती है, और गैस को रोकती है। इसके अलावा, यह आपके बच्चे को हर बार दूध पीने के बाद सोने में मदद करती है।

शिशु देखभाल, बच्चों की अच्छी आदतें

भोजन करते समय टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद कर दें। इससे आपका बच्चा भोजन पर ध्यान केन्द्रित कर पाएगा। ध्यान रखें कि टीवी के विज्ञापन आपके बच्चे की शक्कर वाले या कम पोषक तत्व वाले आहार खाने की इच्छा को बढ़ा सकता है।

शिशु देखभाल, बच्चों की अच्छी आदतें

कभी-कभी जब साबुन और पानी उपलब्ध ना हों, तो अपने बच्चे को सेनिटाईजर की बोतल का इस्तेमाल करना सिखाएँ। अपनी हथेली पर थोड़ी सी मात्रा लें, हाथों को ऊपर-नीचे से और उंगलियों पर मलें। लेकिन जब साबुन और पानी उपलब्ध हों तो उन्हीं के प्रयोग को वरीयता दें।

शिशु देखभाल, बच्चों की अच्छी आदतें

यदि आपका बच्चा आदतन अंगूठा चूसता है या अपनी आखें मलता है, धीरे से, प्यार से उसका अंगूठा या उंगलियाँ हटा दें और उसका ध्यान उसके पसंदीदा खिलौने या पुस्तक से बंटा लें। जितना लम्बे समय वह इन आदतों का शिकार रहेगा, उसे रोकना उतना ही मुश्किल होता जाएगा।

शिशु देखभाल, बच्चों की अच्छी आदतें

जब आपके बच्चे की नाक बह रही हो, तो उसकी शर्ट पर रुमाल पिन से लगाएँ या उसकी जेब में कुछ टिश्यू रख दें। नाक से निकलने वाला द्रव अन्य बच्चों को प्रभावित कर सकता है इसलिए अपने बच्चे को जरूरत के समय नाक साफ़ करना और बार-बार अपने हाथ धोने की शिक्षा देना महत्त्वपूर्ण है।

शिशु देखभाल, बच्चों की अच्छी आदतें

अपने हाथ धोना अत्यंत महत्वपूर्ण आदत है। अपने हाथ कब धोना-बच्चों को यह शिक्षा देना आवश्यक है। उदाहरण के लिए-शौचालय के प्रयोग के बाद, स्कूल से घर पहुँचाने पर और कुछ भी खाने के पहले। कीटाणुओं को हटाने के लिए अपने हाथ अच्छे साबुन या हैण्डवाश द्वारा स्वच्छ करें।

शिशु देखभाल, बच्चों की अच्छी आदतें, प्रोसेस्ड आहार

चिप्स, केक्स, बिस्कुट और अन्य प्रोसेस्ड आहार बच्चों के नाश्ते के डिब्बे के लिए सुविधाजनक हो सकते हैं किन्तु इनमें अस्वास्थ्यकर चर्बी, सोडियम और परिरक्षक होते हैं। इसकी जगह उन्हें घर में बनी वस्तुएँ, सूखे मेवे, केक, कूकीज आदि देकर उनमें खाने की उचित आदतें डालें।

शिशु देखभाल

बच्चों को बहुत अधिक शक्कर और नमक नहीं खाना चाहिए। केवल स्वाद के लिए थोड़ा सा मिलाएँ। यदि आप पूरे परिवार के लिए भोजन बना रहे हैं, और बच्चे को भी वही खिलाना चाहते हैं तो इसका ध्यान रखें।