वायरल सिंड्रोम: रोकथाम और जटिलताएं

रोकथाम (बचाव)

  • अपने हाथों को नियमित साबुन और पानी से धोएँ या अल्कोहल आधारित जेल का प्रयोग करें। रोगी व्यक्ति को छूने के पश्चात् अपने हाथ धोएँ।
  • पीने के गिलास या खाने के बर्तनों का बांटकर उपयोग ना करें।
  • संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए खाँसते और छींकते समय मुँह और नाक को ढंकें।
  • फ्लू (या अन्य संक्रमण) ग्रस्त व्यक्ति के छूने के बाद खिलौनों और अन्य वस्तुओं तथा फर्श को धोकर स्वच्छ करें।
  • टीकाकरण कुछ प्रकार के वायरल रोगों को रोक सकता है।
  • पानी और रस अधिक मात्रा में लें।

ध्यान देने की बातें

  • ढेर सारे रंग युक्त बलगम के साथ खाँसी या आपके बलगम में खून आना।
  • तीव्र अतिसार (दिन में 5 बार से अधिक); दस्त में खून (लाल या काले रंग का) या आँव जाना।

डॉक्टर को कब दिखाएँ

डॉक्टर से संपर्क करें यदि आप वायरल रोग के किसी संक्रमण का अनुभव करते हैं, जैसे :
  • गंभीर खाँसी, छाती में दर्द, साँस लेने में कमी, व्हीज़िंग या साँस लेने में कठिनाई।
  • गंभीर सिरदर्द; चेहरे, गर्दन या कान में दर्द।
  • पेट के निचले दाहिने हिस्से में लगातार गंभीर दर्द।
  • कमजोरी लगना, चक्कर आना, या बेहोशी छाना।
  • अत्यधिक प्यास लगना।
  • 100.4 या अधिक बुखार।
  • बार-बार उल्टी और दस्त होना।




वायरल संक्रमण, वायरस संक्रमण, वायरल सिंड्रोम, वायरल, बुखार, नाक बहना, भरी हुई नाक, कंपकंपी, खाँसी, गले में दर्द, कमजोरी, माँसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, पेटदर्द, वायरल सिंड्रोम से निवारण, Viral Syndrome rog, Viral Syndrome ki roktham aur jatiltain, Viral Syndrome se bachav aur nivaran, Viral Syndrome doctor ko kab dikhayein,