इन्फ्लुएंजा (फ्लू): रोकथाम और जटिलताएं

रोकथाम (बचाव)

  • अपने हाथों को साबुन से बार-बार और अच्छी प्रकार धोएँ।
  • वस्तुओं का बांटकर प्रयोग ना करें
  • खाँसते और छींकते समय अपने मुँह और नाक को टिश्यू से ढंकें।
  • भरी हुई नाक को ठीक करने के लिए नमकयुक्त पानी (सलाइन) का प्रयोग करें।
  • रसोई और स्नानगृह के फर्श को नियमित स्वच्छ करें।

ध्यान देने की बातें

  • त्वचा का रंग नीला या ग्रे दिखाई देना।
  • यदि झटका आये।
  • साँस लेने में कठिनाई जो नाक की सफाई और भराव को हटाने के बावजूद ठीक ना हो।

डॉक्टर को कब दिखाएँ

  • यदि बच्चे हो दूध पीने में कठिनाई हो या पर्याप्त तरल पदार्थ ना ले रहा हो।
  • यदि बच्चा अत्यधिक चिड़ाचिड़ा हो गया हो।
  • यदि बच्चे की साँस तेज और आवाज के साथ चल रही हो।
  • होंठ नीले हो गए हों।




फ्लू, इन्फ्लुएंजा वायरस, तेज बुखार, नाक बहना, गले में खराश, माँसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, खाँसी, थकावट, कमजोरी, निमोनिया, आँखों से पानी आना, त्वचा उत्तेजित होना, शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द, गले में दर्द, फ्लू का टीका, लाल आँखें, शरीर का तापमान, टीकाकरण, वायरस संक्रमण, इन्फ्लुएंजा (फ्लू) से निवारण, nak behna rog, nak behna ki roktham aur jatiltain, nak behna se bachav aur nivaran, nak behna doctor ko kab dikhayein, Influenza in hindi, Influenza treatment in hindi,