कॉस्टोकोंड्राइटीस (पसली में सूजन): रोकथाम और जटिलताएं

रोकथाम (बचाव)

  • कॉस्टोकोंड्रल जोड़ (छाती की उपास्थि) पर और आघात ना हो इसका ध्यान रखें।
  • संक्रमणों का इलाज जल्द-से-जल्द करें।
  • शल्यक्रिया के बाद जल्दी चलना-फिरना माँसपेशियों की जकड़न को कम करता है।
  • पर्याप्त विश्राम करें।
  • बच्चों को अपना स्कूल बैग उचित तरीके के प्रयोग करना सिखाएँ, और बस्ता भारी ना करें।
  • उन मेहनती कामों से बचें जिनमें शरीर का ऊपरी हिस्सा प्रयुक्त होता है जैसे बेसबॉल, टेनिस, भारोत्तोलन. ठीक होने के लिए थोड़ा ही वजन उठाएँ।

अन्य

यह युवा वयस्कों में अधिक सामान्य है, लेकिन किसी भी आयु वर्ग में हो सकता है। चूंकि यह सूजन सम्बन्धी है और इसका कारण अज्ञात है इसलिये विशेष सुरक्षा उपाय बताए नहीं जा सकते। पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह ज्यादा होता है।

ध्यान देने की बातें

  • साँस लेने में कठिनाई।
  • छाती की जकड़न।

डॉक्टर को कब दिखाएँ

डॉक्टर से संपर्क करें यदि आपको निम्नलिखित लक्षण हों:
  • साँस लेने में कठिनाई।
  • तेज बुखार।
  • संक्रमण के संकेत जैसे कि लालिमा, पीप, और पसलियों में बढ़ी हुई सूजन।
  • छाती में लगातार दर्द जिसके साथ मतली, पसीना, उलटे हाथ का दर्द या कोई साधारण छाती का दर्द बना हुआ हो।




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