हैजा: प्रमुख जानकारी और निदान

हैजा क्या है?

कॉलरा (हैजा) छोटी आंत का संक्रमण है जिससे अधिक मात्रा में पानी जैसे दस्त होते हैं। यह विब्रियो कॉलरा नामक बैक्टीरिया द्वारा होता है।
हैजा कमजोर स्वच्छता, भीड़-भाड़ के स्थानों या युद्ध और अकालग्रस्त क्षेत्रों में होता है। संक्रमण अकसर मंद और बिना लक्षणों के होता है, लेकिन कभी-कभी गंभीर हो सकता है।

रोग अवधि

रोग के लक्षण प्रकट होने की अवधि कुछ घंटों से लेकर 5 दिनों तक की है। अधिकतर संक्रमण 2 से 3 दिनों बाद दिखाई देने लगते हैं। अधिकतर मामले 2 से 7 दिनों तक ही रहते हैं, लेकिन शरीर के तरल पदार्थों की अत्यधिक हानि की स्थिति में मृत्यु हो सकती है।

जाँच और परीक्षण

  • रक्त परीक्षण
  • मल के कल्चर की जाँच।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1. हैजा (कॉलरा) क्या है?
हैजा (कॉलरा), बैक्टीरिया विब्रियो कॉलरी ओ1 (या कभी-कभी ओ139) द्वारा प्रदूषित जल या भोजन को भीतर लेने से उत्पन्न हुआ रोग है, जिसमें पानी जैसे दस्त लगते हैं, और तीव्र गति से शरीर में तरल की मात्रा घटती है। अक्सर यह रोग मंद या मध्यम होता है, लेकिन कभी-कभी शरीर में तरल की मात्रा तीव्र गति से कम करता है, और उपचार ना होने की स्थिति में आक्रमण के 12-24 घंटों के मध्य व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

Q2.हैजे के लक्षण क्या हैं?
हैजे का आक्रमण एकाएक होता है, जिसमें अत्यधिक मात्रा में, दर्द हीन, और चावल के पानी जैसे दस्त होते हैं और उसके बाद उल्टी भी होती है।
रोगी को दिन में 40 बार तक दस्त हो सकते हैं। शारीरिक स्थिति में धंसी आँखें, पिचके गाल, चिपका पेट, सामान्य से कम तापमान, धोबी की तरह हाथ और पैर, नब्ज का गायब होना, नापा ना जा सके ऐसा रक्तचाप, बेहोशी, त्वचा के लचीलेपन की हानि और तेज, कम गहरी साँस आदि होने लगती है। मूत्र की मात्रा घटने लगती हैं और आखिरकार बंद हो जाती है। रोगी बेचैन हो जाता है और तीव्र प्यास तथा पेट और पैरों में ऐंठन की शिकायत होती है।

Q3.व्यक्ति में हैजा कितने समय तक बना रहता है?
रोग के लक्षण प्रकट होने की अवधि कुछ घंटों से लेकर 5 दिनों तक की है। अधिकतर संक्रमण 2 से 3 दिनों बाद दिखाई देने लगते हैं। अधिकतर मामले 2 से 7 दिनों तक रहते हैं लेकिन शरीर के तरल पदार्थों की अत्यधिक हानि की स्थिति में मृत्यु हो सकती है।

Q4. क्या रक्त समूह (ब्लड ग्रुप) का हैजा होने से कोई सम्बन्ध है?
ओ समूह के रक्त वाले व्यक्तियों को संक्रमित होने की स्थिति में अधिक गंभीर रोग होने का खतरा होता है, जबकि एबी समूह को खतरा सबसे कम होता है।




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