टीनिया वर्सीकोलर: प्रमुख जानकारी और निदान

टीनिया वर्सीकोलर क्या है?

टीनिया वर्सिकोलर जिसे टिरिआसिस वर्सिकोलर के नाम से भी जाना जाता है, त्वचा पर फफूंद द्वारा उत्पन्न संक्रमण है, जो गर्दन, छाती, पीठ और भुजाओं पर निशानों द्वारा प्रदर्शित होता है। खमीरनुमा सूक्ष्मजीवी जिसे मलेसेज़िया कहते हैं (इसे टायरोस्पोरम भी कहा जाता है) आमतौर पर त्वचा पर रहता है, और हानि नहीं पहुंचाता। हालाँकि, कुछ लोगों में, इस सूक्ष्मजीवी की त्वचा पर वृद्धि की संभावना, अन्य लोगों से अधिक होती है, जो निशान या धब्बे तक पहुँच जाती है।

रोग अवधि

टीनिया वर्सीकोलर का उपचार आसानी से होता है। त्वचा के रंगों का परिवर्तन कई महीनों तक रह सकता है। गर्म मौसम के दौरान इस स्थिति की वापसी हो सकती है।

जाँच और परीक्षण

रोग का निर्धारण त्वचा के परीक्षण के द्वारा होता है या कभी-कभी त्वचा की पपड़ी लेकर उसका सूक्ष्मदर्शी से निरीक्षण किया जा सकता है। निर्धारण हेतु की जाने वाली अन्य जाँचों में हैं:
  • पोटैशियम हाइड्रोऑक्साइड (केओएच) जाँच।
  • वुड्स लैंप के सामने लाए जाने पर घाव ताम्बई-नारंगी रंग में चमकने लगते हैं।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

1. टीनिया वर्सीकोलर क्या है?
टीनिया वर्सिकोलर जिसे टिरिआसिस वर्सिकोलर के नाम से भी जाना जाता है त्वचा पर फफूंद द्वारा उत्पन्न संक्रमण है।

2. इन घावों के होने के सबसे सामान्य स्थान कौन से होते हैं?
इन घावों के होने के सबसे सामान्य स्थान गर्दन, छाती, पीठ और भुजाएँ हैं।

3. इसकी उत्पत्ति का कारण क्या है?
यह खमीरनुमा सूक्ष्मजीवी जिसे मलेसेज़िया कहते हैं (इसे टायरोस्पोरम भी कहा जाता है) द्वारा उत्पन्न होता है।

4.इस प्रकार के रोग से पीड़ित होने पर क्या करना चाहिए?
व्यक्ति को चाहिए कि तेलयुक्त त्वचा सम्बन्धी पदार्थों का प्रयोग ना करे। अपने आप को सूर्य की चपेट से बचाएँ। सूरज की चपेट किसी प्रकरण को उभार सकती है या बदतर कर सकती है, और गहरा रंग धब्बे का दिखना अधिक आसान कर सकता है। यदि आपको धूप में जाना हो तो जाने के एक-दो दिन पहले से प्रतिदिन फफूंदरोधी शैम्पू लगाएँ। प्रतिदिन सनस्क्रीन लगाएँ। चिपचिपाहट रहित फार्मूला प्रयोग करें जिसका सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ़) कम से कम 30 हो। तंग वस्त्र ना पहनें। हमेशा स्वच्छ वस्त्र पहनें जिनमें हवा की आवाजाही भी हो सके, और आवश्यक होने पर प्रतिदिन दो बार स्नान करें। बैक्टीरियारोधी, फफूंदरोधी साबुन से स्नान करें।

5. व्यक्ति को डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
डॉक्टर से संपर्क करें यदि व्यक्ति को तीव्र खुजली हो। यदि उत्पन्न हुए धब्बे जो सफ़ेद, गुलाबी लाल या भूरे रंग के हो सकते हैं और अपने आसपास की त्वचा से हलके या गहरे रंग के हो सकते हैं या जब निशान आपके शरीर का बड़ा हिस्सा ढँक देते हैं तब व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।




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