बच्चों में पीलिया: रोकथाम और जटिलताएं

बच्चों में पीलिया – रोकथाम – संक्रमित भोजन और जल का सेवन बिलकुल ना करें। स्वस्थ और स्वच्छ स्थिति बनाए रखें। पर्याप्त दूध पिलाना।.

बच्चों में पीलिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

बच्चों में पीलिया – आहार – लेने योग्य आहार: तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन। कम से कम 5 दिनों के लिए तरल आहार ही लेना। अनाज का दलिया या लपसी, दही, फलों के सलाद जैसा हल्का आहार।

बच्चों में पीलिया: लक्षण और कारण

बच्चों में पीलिया – लक्षण – मतली और उलटी। पीली त्वचा और आँखें। रंगहीन या मिट्टी के रंग का मल। गहरे रंग का मूत्र। कंपकंपी, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द के साथ बुखार।. बच्चों में पीलिया – कारण – लीवर पर वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण (हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी, हेपेटाइटिस ई)।.

बच्चों में पीलिया: प्रमुख जानकारी और निदान

रक्त में बिलीरुबिन रंगद्रव्य की अत्यधिक मात्रा के जमा होने के कारण त्वचा और ऊतकों के उत्पन्न हुए पीलेपन को पीलिया कहते हैं।.

पीलिया: रोकथाम और जटिलताएं

पीलिया रोकथाम – पीलिया लिवर की कार्यक्षमता से जुड़ा है, इसलिए यह आवश्यक है कि आप इस महत्त्वपूर्ण अंग के स्वास्थ्य को संतुलित आहार लेकर, सप्ताह में पाँच बार 30-30 मिनट का व्यायाम करके, और शराब की सुझाई अत्यधिक मात्रा से दूर रहकर बनाए रखें।.

पीलिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पीलिया आहार – लेने योग्य आहार: सब्जियों का ताजा निकला रस (चुकंदर, मूली, गाजर, और पालक), फलों का रस (संतरा, नाशपाती, अंगूर और नीबू) और सब्जियों का शोरबा। ताजे फल, जैसे सेब, अन्नानास, अंगूर, नाशपाती, संतरे, केले, पपीता, आदि। खासकर अन्नानास विशेष रूप से उपयोगी होता है। पीलिया के उपचार हेतु जौ का पानी, नारियल का पानी अत्यंत प्रभावी होते हैं।

पीलिया: लक्षण और कारण

पीलिया लक्षण – पीलिया का सर्वव्यापी लक्षण है त्वचा और आँखों के सफ़ेद हिस्से (स्क्लेरा) पर पीलापन होना। आमतौर पर इस पीलेपन की शुरुआत सिर से होती है और पूरे शरीर पर फ़ैल जाती है।. पीलिया कारण – पीलिया तब होता है जब सामान्य मेटाबोलिज्म की कार्यक्षमता में अवरोध हो या बिलीरुबिन का उत्सर्जन हो।.

पीलिया: प्रमुख जानकारी और निदान

पीलिया अर्थात त्वचा और आँखों का पीला होना है.

एनीमिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एनीमिया आहार – लेने योग्य आहार फोलेट, विटामिन B12 और आयरन से भरपूर परिष्कृत आहार हीमोग्लोबिन स्तर को तेजी से बढ़ाने के लिए आवश्यक है। फल एनीमिया के इलाज के दौरान फल जैसे कि आयरन युक्त सेब और टमाटर का सेवन करना अत्यंत उपयोगी होता है। एनीमिया के इलाज हेतु आप या तो सेब और टमाटर खा सकते हैं अथवा उनके 100% शुद्ध रस का सेवन भी कर सकते हैं। अन्य फल जो एनीमिया के इलाज में असरकारी हैं, आलूबुखारा, केले, नीबू, अंगूर, किशमिश, संतरे, अंजीर, गाजर, और किशमिश अधिक मात्रा में खाए जाने पर शहद शहद आयरन, कॉपर और मेंगनीज़ का शक्तिशाली स्रोत है। जब इन तत्वों को मिलाया जाता है, ये हीमोग्लोबिन के संश्लेषण में सहायक होते हैं। इसलिए शहद एनीमिया के लिये शक्तिशाली अस्त्र है। एनीमिया की चिकित्सा के दौरान आप शहद को सेब के टुकड़ों के साथ अथवा केले के साथ ले सकते हैं। गोश्त लाल गोश्त जैसे कि किडनी, दिल और जिगर एनीमिया के इलाज में असरकारक हैं। लाल गोश्त, जैसे कि नाम बताता है, आयरन से भरपूर होता है और एनीमिया के रोगियों के लिए डॉक्टर्स इसे सुझाते हैं। इनके साथ ही मुर्गियाँ, मछली, और घोंघे भी एनीमिया के लिए असरदार हैं. सब्जियाँ सब्जियाँ जैसे कि पालक, लेट्यूस, चुकंदर, ब्रोकोली, मेथी, अजमोदा और केल आदि, आयरन में समृद्ध ऊर्जा से भरपूर सब्जियाँ हैं जो एनीमिया के इलाज में अत्यंत असरदार हैं। ये सब्जियाँ ना केवल आयरन बल्कि विटामिन B-12 और फोलिक एसिड जैसे ऊर्जादायी पोषक तत्वों से भी भरी होती हैं, जिनकी शरीर को एनीमिया को ठीक करने के लिए आवश्यकता होती है। चुकंदर का रस आयरन से भरपूर वनस्पति रस है जिसे एनीमिया ग्रस्त रोगी थकान और आलस के विरुद्ध टॉनिक की तरह ले सकते हैं। फलियाँ और मेवे फलियाँ और मेवे जैसे कि दालें, बादाम, साबुत अनाज, सूखे खजूर, मूंगफली और अखरोट आदि एनीमिया के कारणों और लक्षणों के विरुद्ध लाभकारी हैं। इनसे परहेज करें पाश्चुरीकृत दूध, कड़क कॉफ़ी व चाय, रिफाइंड स्टार्च, खासकर मैदा, कैन में रखे, जलाए हुए, परिरक्षित, और अन्य तरह के प्रोसेस्ड आहार। .

एनीमिया: रोकथाम और जटिलताएं

एनीमिया रोकथाम – पोषक आहार लें, डाइटिंग या व्यायाम में अति न करें.