दवा रिमाइंडर सालाना हजारों जान बचा सकती है

यह पहेली जैसा लग सकता है, लेकिन दवा की नियमितता (निर्धारित समय पर अपनी दवा लेना) हमारी दुनिया में बड़ी चुनौती है। आपने निश्चित ही यह महसूस नहीं किया होगा, किन्तु समय पर दवा ना लेना एक रोगी के रूप में आपके लिए अत्यंत महंगा सौदा होता है। और प्रतिवर्ष इस कारण से हजारों व्यक्तियों के प्राणों की क्षति होती है।

दूर की जा सकने वाली बाधाओं (बिगड़ती हुई स्थिति होना), बीमारियों के लम्बे खिंचने, कार्य के घंटों की हानि, बढ़ती हुई दिक्कतों के कारण बार-बार डॉक्टर या चिकित्सा केंद्र पर जाना आदि के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका प्रतिवर्ष 100 से 300 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में 6 लाख से 20 लाख करोड़ रुपयों) तक की हानि उठाता है। सन्दर्भ:एनआईएच अध्ययन: 10.2147/RMHP.S19801.



(नीचे दिया गया) एक अन्य अध्ययन बताता है कि लोग अपनी दवाएँ लेना कितना भूलते हैं, यह उनके रोग की दीर्घता पर निर्भर करता है। यह जानना खतरनाक है कि 6 माह से अधिक की अवधि में दवा लेने की नियमितता का स्तर 50% से नीचे चला जाता है!

Medication Adherence chart for vaious chronic disease
Cognizant 20-20 insights. Oct 2014

लन्दन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी द्वारा किये गए एक अन्य अध्ययन ने प्रदर्शित किया कि ह्रदय रोगों से ग्रस्त 25% व्यक्ति अपनी दवा लेने में 20% तक की चूक करते हैं। इसी अध्ययन ने यह भी बताया कि यदि उन्हें एसएमएस संदेशों द्वारा ठीक समय पर दवा लेने की याद दिलाई गई, तो दवा लिए जाने में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई। जिन लोगों को सन्देश भेजे गए थे उन्होंने देखा कि उनका दवा ना लेने का प्रतिशत 25% से गिरकर 9% हो गया – अर्थात 64% का सुधार हुआ!.
सन्दर्भ: रोगियों को दवा लेने के सन्देश भेजना एक वर्ष में हजारों जानें बचा सकता है।

उपरोक्त वर्णन से यह स्पष्ट है कि दवा ना लेना दुनिया भर में एक गंभीर समस्या है।दवा लेने का रिमाइंडर तय करके हजारों जाने बचाई जा सकती हैं।