व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी): रोकथाम और जटिलताएं

रोकथाम (बचाव)

कुकर खाँसी को रोकने का सर्वोत्तम तरीका पर्टुसिस का टीका लगवाना है, जो कि अक्सर दो अन्य गंभीर रोगों, डिफ्थीरिया और टिटनेस, के टीकों के साथ सम्मिलित रूप से दिया जाता है।
  • अपने घर को उन उत्प्रेरकों से मुक्त करें जो खाँसी के दौरे को उभारने में सहायक हों जैसे हवायुक्त विभिन्न स्प्रे, तम्बाकू का धुआं, भोजन पकाने, घर गर्म रखने और लकड़ी जलने से उत्पन्न अग्नि का धुआं।
  • खाँसते और छींकते समय अपनी नाक और मुँह को ढंकें। बच्चों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
  • अपने हाथों को उचित रूप से धोएँ।
कुकर खाँसी से बचने का सर्वोत्तम तरीका टीकाकरण ही है। इसलिए, बच्चे को उसके जन्म के कुछ माह के भीतर टीका लगवा दिया जाना उचित है। कुछ वर्षों पश्चात बूस्टर भी दिया जाता है।
Immunization

ध्यान देने की बातें

  • तीव्र खाँसी, जो खाँसी के दौरों के रूप में आती है।
  • साँस लेते समय खों-खों की आवाज।
  • खाँसी और चक्कर आने का दौरा समाप्त होने पर उल्टी होना।
  • एप्निया-बच्चा कुछ समय के लिए साँस लेना रोक देता है और नीला पड़ जाता है।
Whooping cough watch out symptoms

डॉक्टर को कब दिखाएँ

डॉक्टर से संपर्क करें यदि
  • तीव्र खाँसी और साँस लेते समय खों-खों की आवाज।
  • श्वास लेने में कठिनाई।
  • बच्चे के होंठ या त्वचा लाल, बैंगनी या नीली होना।
  • खाँसी और उल्टी।




पर्टुसिस, बोर्डेटेला पर्टुसिस, व्हूपिंग कफ, व्हीज़िंग कफ़, व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी), खाँसी, 100 दिनों की खाँसी, धीमी खाँसी, संक्रामक रोग, बैक्टीरियाजन्य रोग, नाक से पानी बहना, सर्दी, नाक से पानी बहना, हवा द्वारा लाए गए संक्रमण, टीकाकरण, व्हूपिंग कफ (कुकरखाँसी) से निवारण, kukarkhansi rog, kukarkhansi ki roktham aur jatiltain, kukarkhansi se bachav aur nivaran, kukarkhansi doctor ko kab dikhayein, Whooping cough in hindi, Whooping cough treatment in hindi,