टांसिलाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

टांसिलाइटिस क्या है?

टांसिलाइटिस टॉन्सिल्स का संक्रमण है जो अधिकतर वायरस द्वारा और कभी-कभी बैक्टीरिया द्वारा होता है। टॉन्सिल्स नर्म ग्रंथि के ऊतकों द्वारा बनी हुई दो रचनायें हैं जो गले के अंत में दोनों तरफ होती हैं, और रक्षक की तरह कार्य करते हुए रोगाणुओं को भीतर जाकर संक्रमण फ़ैलाने से रोकती हैं।
यह बच्चों में अत्यंत आम समस्या है, कभी-कभी वयस्कों में भी पाई जाती है।
Tonsillitis overview

रोग अवधि

अधिकतर बच्चे एक सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। कुछ ही बच्चों या वयस्कों में टांसिलाइटिस लम्बे समय तक बना रहता है या लौट आता है। इसे क्रोनिक (लम्बे समय तक रहने वाला ) टांसिलाइटिस कहते हैं और इसके लिए शल्य क्रिया की आवश्यकता हो सकती है।
ठीक होने का समय रोग के कारण पर निर्भर करता है। यदि रोग गंभीर हो, या यदि डॉक्टर कहे, तो एंटीबायोटिक लेना चाहिए।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1. टांसिलाइटिस क्या है?
टांसिलाइटिस टॉन्सिल्स की सूजन है जो वायरस या बैक्टीरिया द्वारा होती है। टॉन्सिल्स गले के अन्दर लसिका ऊतकों की इकठ्ठा होकर बनी रचना है। ये मुँह/नाक से शरीर में आने वाले वायरस और बैक्टीरिया के लिए सुरक्षा की प्रथम परत होते हैं। यदि संक्रमण किसी विशेष तरह के स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया द्वारा हो तो इसे स्ट्रेप थ्रोट कहते हैं।

Q2. मुझे टांसिलाइटिस कैसे हो सकता है?
यदि बैक्टीरिया नाक अथवा मुँह से शरीर में प्रवेश कर जायें तो आप को टांसिलाइटिस हो सकता है। यदि टॉन्सिल्स में उपस्थित लसिका ऊतक इन्हें निकल नहीं पाते तो ये संक्रमण उत्पन्न कर देते हैं।

Q3. टांसिलाइटिस का इलाज क्या है?
टांसिलाइटिस की पारंपरिक चिकित्सा सूजन कम करने वाली, दर्द कम करने वाली दवाएँ और नमकीन पानी के गरारे हैं। बैक्टीरिया का संक्रमण होने की दशा में एंटीबायोटिक दिये जाते हैं।

Q4. ठीक होने में कितना समय लगता है?
आमतौर पर टांसिलाइटिस इलाज के एक सप्ताह के अन्दर ठीक हो जाता है। बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न गंभीर टांसिलाइटिस में एंटीबायोटिक चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

Q5. मैं टांसिलाइटिस से कैसे बच सकता हूँ?
आप ठण्ड और धूल की चपेट से बचकर टांसिलाइटिस को रोक सकते हैं। गला साफ रखने के लिए नमकीन पानी के गरारे करें, यदि चपेट से बच पाना संभव ना हो तो मास्क पहन कर रखें। स्वच्छता से खाने की आदत बनाएँ।

Q6. टांसिलाइटिस की समस्याएं क्या हैं?
स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न टांसिलाइटिस जल्दी इलाज ना मिलने पर रह्युमेटिक फिवर तक जा सकता है, जिसमें एंटीबाडीज ह्रदय के वाल्व या गुर्दे पर आक्रमण कर देती हैं।
तीव्र समस्याओं में हवा लाने-ले जाने वाले मार्ग में अवरोध और संक्रमण के फैलने से पेरीटोंसीलर अब्सेस (क्विंसी) हो जाता है, जिसके लिए शल्यक्रिया की आवश्यकता पड़ती है।






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