एलीफेंटियासिस (मोटे पैर): प्रमुख जानकारी और निदान

एलीफेंटियासिस (मोटे पैर) क्या है?

एलीफेंटियासिस एक ऐसा रोग है जो त्वचा और भीतरी ऊतकों, खासकर पैरों और पुरुष जननांगों, के मोटे होने या फूलने से प्रदर्शित होता है। यह शरीर के कुछ अन्य हिस्सों, जैसे अंडकोष आदि, को भी प्रभावित करता है, जिससे वे बास्केटबॉल के आकार जितना फूल जाते हैं।
यह लिम्फेटिक सिस्टम (लसिका तंत्र) का दुर्लभ प्रकार का विकार है और इसे लिम्फेटिक फाइलेरियासिस भी कहा जाता है।

रोग अवधि

संक्रमण होने के बाद से लेकर सभी लक्षणों से मुक्त होने तक इस रोग में 3 माह से लेकर एक वर्ष तक का समय लग सकता है।

जाँच और परीक्षण

आमतौर पर इसका निर्धारण होता है:
  • रक्त में संचारित फ़ाइलेरिया के एंटीजन या डीएनए की पहचान से।
  • पेरिफेरल ब्लड इओसिनोफिलिया काउंट से।
  • अन्य सूचक जैसे: रक्त में बढ़ा हुआ IgE का स्तर, रक्त में यूरिया की मात्रा, और मूत्र में प्रोटीन की मात्रा।
  • मूत्र परीक्षण
  • नेत्र परीक्षण
  • चेस्ट रेडियोग्राफी
  • अल्ट्रासोनोग्राफी

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1.एलीफेंटियासिस क्या है?
एलीफेंटियासिस, जो कि लिम्फेटिक फाइलेरियासिस का लक्षण है, एक ऐसा रोग है जो त्वचा और भीतरी ऊतकों, खासकर पैरों और पुरुष जननांगों, के मोटे होने या फूलने से प्रदर्शित होता है।

Q2.इसके लक्षण क्या हैं?
पैरों और जननांगों पर सूजन।
शरीर के ऊतकों में असामान्य रूप से पानी जैसे तरल का इकठ्ठा होना जिससे गंभीर सूजन उत्पन्न हो जाती है।
त्वचा पर धब्बे
बुखार, कंपकंपी और कुल मिलाकर रोगी होने का एहसास (मलेस)।
महिलाओं में जांघों के बीच लम्बा, गठान नुमा उभार उत्पन्न हो सकता है जो कि मोटी और छाले युक्त त्वचा से ढंका हुआ होता है।
साथ ही पैरों की लसिका ग्रंथियों के आकार में भी वृद्धि हो जाती है।

Q3. इस स्थिति में कौन सा आहार उपयोगी होता है?
व्यक्ति को कम-वसा, उच्च प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए।
स्थितियों के ठीक होने के लिए वसायुक्त और मसालेदार आहार ना लें।

Q4. एलीफेंटियासिस के लिए उपयोग किये जाने वाली औषधियों के अन्य दुष्प्रभाव क्या हैं?
अन्य दुष्प्रभावों में बुखार, कंपकंपी, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, मतली और उल्टी आदि हैं। इस प्रतिक्रिया की उत्पत्ति और गंभीरता दोनों का सीधा सम्बन्ध रक्त में संचारित माईक्रोफिलेरी की मात्रा से होता है। विपरीत प्रभावों में या तो मृत और मरते हुए परजीवियों द्वारा उत्सर्जित एंटीजेंस के लिए तीव्र अतिसंवेदनशील प्रतिक्रिया या कोई अन्य सूजन सम्बन्धी प्रतिक्रिया होती है।

Q5. क्या किसी प्रकार की शल्यचिकित्सा की आवश्यकता है?
रोग के साथ होने वाले अंडकोष वृद्धि को शल्यक्रिया द्वारा ठीक करना होता है।



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