काउच पोटैटो के खतरे – निष्क्रियता मार देती है

हर कोई जानता है कि व्यायाम करना उनके लिए लाभदायक है, लेकिन कई लोग ये अनुभव नहीं कर पाते कि यह जीवन और मृत्यु का प्रश्न है। शोध ने लम्बे समय तक बैठे रहने (काउच पोटैटो सिंड्रोम), शारीरिक रूप से निष्क्रिय होने (आरामदायक जीवनशैली) को स्वास्थ्य सम्बन्धी कई चिंताओं से जोड़ा है, जिनमें मोटापा और मेटाबोलिज्म सम्बन्धी सिंड्रोम – स्थितियों का वह समूह जिसमें बढ़ा हुआ रक्तचाप, खून में शक्कर का बढ़ा हुआ स्तर, कमर के आस-पास अधिक चर्बी इकठ्ठा होना और कोलेस्ट्रॉल का असामान्य स्तर आदि आती हैं। जरूरत से ज्यादा बैठे रहने से ह्रदय की नसों सम्बन्धित रोगों और कैंसर के कारण होने वाली मृत्यु के खतरे को बढ़ा हुआ पाया गया है।

काउच पोटैटो से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरे:

इस जीवनशैली से जुड़ी हुई कई स्वास्थ्य समस्याएँ हैं। हम उन्हें अलग-अलग करके नहीं पहचान सकते। स्वास्थ्य स्थितियों की गंभीरता विभिन्न कारकों के आधार पर एक व्यक्ति से दूसरे में अलग हो सकती हैं, इन कारकों में शरीर का वजन, पिछली स्वास्थ्य समस्याएँ, भीतरी छुपी बीमारियाँ आदि हैं। कुछ खतरनाक स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे;
  • प्राणघातक रक्त कोशिकाओं (पल्मोनरी एम्बोलिस्म, थ्रोम्बोसिस), बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप के खतरे को बढ़ाता है जिससे गंभीर हृदय रोग जैसे एनजाइना, रक्तचाप और हृदयाघात तक हो सकता है।
  • मोटापा बढ़ने और कोशिकाओं की सूजन उत्पन्न होने की अधिक संभावना।
  • पैदल चलने में कठिनाई, रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर सकता है और पीठ की समस्याएँ दे सकता है।
  • शरीर का वजन और आकृति-भंगिमा उचित बनाए रखने में कठिनाई।
  • शारीरिक निष्क्रियता के दौरान, खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन होता है जो मधुमेह तक ले जा सकता है।
  • माँसपेशियों और हाथ-पैरों का कमजोर होना।
  • त्वचा सम्बन्धी समस्याएँ।

समाज से कटना:

लोग अपने परिवार और मित्रों से घुलने-मिलने में असमर्थ हो जाते हैं। वे शर्मीले, रूचिहीन हो जाते हैं और अपने मनोरंजन के माध्यमों जैसे टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल या टेबलेट के साथ रहने को प्राथमिकता देते हैं। इसका किसी व्यक्ति की सामाजिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव हो सकता है।

याददाश्त में कमी:

लगातार और रोजाना आरामदायक जीवन बिताने के तरीके का व्यक्ति की याददाश्त और एकाग्रता पर अत्यंत विपरीत प्रभाव होता है। लोगों ने बताया है कि कई दिनों का समय बिताने और कुछ ना करने पर उन्होंने अपने दिशाभ्रम को बढ़ा हुआ और एकाग्रता को अत्यंत घटा हुआ पाया। ऐसे लोग छोटी छोटी बातें और निर्देश भूल जाते हैं और अक्सर काम को बहुत ज्यादा टालते हैं। ऐसे लोग अक्सर स्वच्छता सम्बन्धी ख़राब स्थिति में भी पाए जाते हैं, क्योंकि उन लोगों में, इन सब बातों पर अपना अत्यंत कम समय लगाने की आदत होती है।