भारत में सर्दी का मौसम

देश भर में होने वाले मौसमी बदलाव के कारण, बच्चों और बड़ों दोनों में आम तौर पर होने वाले सर्दी के मामले बढ़ गए हैं। सामान्य सर्दी ना केवल आपके काम पर प्रभाव डालती है, बल्कि बहुत थका देने वाली और चिढ़ उत्पन्न करने वाली होती है। अपने और अपने प्रियजनों से सर्दी को दूर बनाए रखने के लिए घर पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं किसकी जानकारी रखें। सामान्य सर्दी, साँस आने-जाने के उपरी हिस्से का संक्रमण है, जो शुरुआत में नाक पर असर करता है। ऐसा समझा जाता है कि 200+ प्रकार के वायरस सामान्य सर्दी उत्पन्न कर सकते हैं और राइनोवायरस इन सबसे में सबसे आम है। सर्दी के सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, बहती नाक, खाँसी, तेज बुखार, आँखों में खुजली, गले में पीड़ा, शरीर में दर्द, आँखों से पानी आना आदि हैं। सर्दी का इलाज करना जरूरी है इससे पहले कि यह अन्य संक्रमणों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कान के संक्रमण, निमोनिया और साइनोसाइटिस आदि तक पहुँच जाए।

सामान्य सर्दी हवा द्वारा लाए गए कणों तथा हाथों-से-हाथों के संपर्क से प्रसारित होती है-जब प्रभावित व्यक्तियों से निकट संपर्क होता है। यह हाथ से सतह के संपर्क द्वारा भी हो सकता है, भले ही प्रभावित व्यक्ति समीप भी ना हो। बच्चों में सर्दी अधिक फैलती है क्योंकि इन सभी तरीकों द्वारा इसके फैलने को नियंत्रित किया जाना कठिन होता है। लेकिन कुछ सामान्य बातें इसके फैलने के खतरे को काफी हद तक कम करने में सहायक होती है।

कुछ अभिमतों के अनुसार, सर्दी अर्थात लम्बे समय तक ठन्डे मौसम की चपेट में रहना, जैसे बारिश और ठण्ड का मौसम। अपर्याप्त निद्रा और कुपोषण सर्दी के संक्रमण को उत्पन्न करने वाले बड़े खतरों से जुड़े होते हैं। रोगों से लड़ने की कमजोर शक्ति और शरीर में पुराने वायरस का मौजूद होना आदि सामान्य सर्दी की समस्या को बार-बार उत्पन्न कर सकते हैं।

रोकथाम
  • गर्म रहें। चपेट से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें – खासकर मौसम बदलते समय या सुबह जल्दी और शाम के समय। जब लोग जल्दी में होते हैं तो इन बातों को ध्यान नहीं रखते!
  • सर्दी के लक्षणों वाले व्यक्तियों से निकट संपर्क रखने से परहेज करें। यदि आप 2-3 फीट के क्षेत्र में हैं तो आपको छींक से भी सर्दी का वायरस जकड़ सकता है!
  • तापमान में एकाएक होने वाले परिवर्तनों की चपेट में आने से बचें – उदाहरण के लिए शरीर को बिना पूरी तरह सामान्य किये, ठन्डे, वातानुकूलित कमरे से एकाएक तेज धूप में बाहर जाना।
  • छींकते समय टिश्यू पेपर या रुमाल का प्रयोग करें। यह हवा द्वारा दूसरे लोगों तक रोग के फैलने को रोकता है।
  • अपने हाथों को बार-बार धोएँ – नाक साफ़ करने के बाद, डायपर बदलने के बाद, भोजन करने के पहले और बाद में, शौचालय के प्रयोग के बाद में आदि
  • किसी अन्य के तौलिये का प्रयोग करने की अपेक्षा अपना स्वयं का तौलिया प्रयोग में लें।
  • स्वयं धूम्रपान ना करें और किसी अन्य के द्वारा धूम्रपान करते समय दूर रहें।
  • शरीर में पानी के स्तर को उचित बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में कुनकुने तरल पदार्थ लें। चाय और कॉफ़ी इसमें सहायक होते हैं। कैफीन नलिकाओं को फ़ैलाने का काम करता है जिसे साँस लेने वाले तंत्र को आराम मिलता है।
  • अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखें। एलर्जी के कारण आपको सर्दी के वायरस की चपेट में आने की संभावना अधिक हो जाती है।
  • विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरक्षक शक्ति को उत्पन्न करते हैं। खट्टे फल जैसे संतरे, मौसंबी, नीबू, अमरुद किन्नो आदि लें।
  • जब भी भीड़ में हों, हैंडल, नॉब और रेलिंग आदि को छूने का ध्यान रखें। वायरस इस प्रकार की आम वस्तुओं के स्पर्श से फैलता है। अपने चेहरे, नाक, मुँह आदि को अस्वच्छ हाथों से ना छुएँ। अपने हाथ धोएँ या संक्रमणनाशक का नियमित प्रयोग करें।
  • शीतल पेय और आइसक्रीम से परहेज करें। यदि ना कर पाएँ, तो गर्म पानी के गरारे करें, ये मदद करते हैं।
  • ठण्ड के मौसम में व्यक्ति को अधिक प्यास नहीं लगती लेकिन व्यक्ति को कुनकुना पानी पीते रहकर शरीर के जल के स्तर को बनाए रखना चाहिए।

उपर कही गई बातें सुनने में साधारण लग सकती हैं लेकिन बहुत उपयोगी हैं। अपने स्वास्थ्य को नजरंदाज ना करें अन्यथा स्थिति बदतर हो जाती है। मौसम के अनुसार आवश्यक और समयानुसार जरूरी कदम उठाएँ और स्वास्थ्य सम्बन्धी अनावश्यक समस्याओं से बचें!