![](https://www.mtatva.com/hi/wp-content/uploads/2016/05/summer-1403071_1920-1024x683.jpg)
![ककड़ी (खीरा), पाचन और कब्ज, त्वचा की देखभाल, गर्मी में देखभाल, विटामिन सी](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/cucumber-digestion-and-constipation-skin-care-tips-for-summer-vitamin-C-325.png)
ककड़ी में जल का हिस्सा अधिक मात्रा में होता है और कैलोरी अत्यंत कम होती है। ककड़ी में पाया जाने वाला एरेप्सिन नामक एंजाइम पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह पाचन को सुधारती है और गर्मी में विशेष रूप से मददगार होती है, खासकर जिनका हाजमा कमजोर हो उन्हें मदद करती है। ककड़ी में विटामिन सी होता है जो सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा की सुरक्षा करता है और झुर्रियों, धूप से होने वाली क्षति और अन्य दिक्कतों से बचाव करता है
![गर्मी में देखभाल, जल की उचित मात्रा, दूध](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-hydration-milk-326.png)
गर्मीं के दिनों में छाछ का सेवन करना डिहाइड्रेशन और थकावट से मुकाबला करने का बेहतर तरीका है। पानी और इलेक्ट्रोलाइट की भरपूर मात्रा से युक्त, छाछ का एक गिलास आपके शरीर में जल की पूर्ति करता है। यह मसालेदार आहार लेने के बाद पेट को शांत करता है और पाचन में सहायता करता है। अपने आहार में छाछ को शामिल करके आप पसीने, थकावट, माँसपेशियों की ऐंठन, उबकाई और सिरदर्द को काफी हद तक दूर कर सकते हैं और यह स्वस्थ त्वचा के लिए भी काफी अच्छी होती है। इसलिए गैस वाले शीतल पेय पीने के स्थान पर एक या दो गिलास छाछ पीना शुरू करें।
![गर्मी में देखभाल](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-327.png)
गर्मी और उसके ठीक बाद होने वाली बारिश वह समय होता है जब मच्छर और अन्य कीटाणु तेजी से बढ़ते हैं और मलेरिया तथा डेंगू जैसी कीटाणुओं द्वारा फैलने वाली बीमारियाँ फैलाते हैं। यदि आप हवा के कूलर का प्रयोग करते हैं तो लार्वा की वृद्धि रोकने के लिए निश्चित करें कि पानी बार-बार बदला जाए। मच्छरों के काटने से बचाव के लिए आप कीड़ों को भगाने वाले रासायनिक तत्वों का का प्रयोग कर सकते हैं और अपने शरीर को पर्याप्त ढँक सकते हैं। अपने शरीर को ढँककर आप अपने शरीर को धूप से झुलसने से भी बचा सकते हैं।
![ककड़ी (खीरा), गर्मी में देखभाल](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/cucumber-tips-for-summer-328.png)
पत्तेदार लेट्यूस और हरी सब्जियाँ, ककड़ी का सलाद में प्रयोग शरीर को शीतल बनाए रखने का स्वादिष्ट तरीका है। इन आहारों में जल की पर्याप्त मात्रा होती है जो वास्तव में रक्त को पतला करती है, जिससे ठंडक का प्रभाव मिलता है। प्याज भी गर्मी के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं क्योंकि इनमें गर्मी को मात देने का और गर्मी सम्बन्धी समस्याओं से आराम देने का गुण होता है
![गर्मी में देखभाल, जल की उचित मात्रा](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-hydration-329.png)
दिन के दौरान बार-बार उपयोग की जा सकने वाली पानी की बोतल अपने साथ रखें। हर बार पानी की नई बोतल खरीदना प्लास्टिक के कचरे को बढ़ाता है। अपने शरीर में जल की मात्रा पर्याप्त बनाए रखें।
![गर्मी में देखभाल](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-330.png)
गर्मी आपके बच्चों के लिये मस्ती का समय होता है, वे अधिक समय घर के बाहर ही बिताते हैं। धूप से बचाव के लिए शरीर के सभी खुले हिस्सों पर सनस्क्रीन लगाएँ.धूप से बचाव के अन्य तरीकों में बचाव हेतु पर्याप्त कपड़े पहनना, ठंडक देने वाले धूप के चश्मे लगाना, और तीखी धूप के समय, सुबह 10 से अपरान्ह 4 बजे तक, भीतर/छायादार स्थान में रहना आदि हैं।
![गर्मी में देखभाल, व्यायाम](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-exercise-331.png)
चूँकि गर्मी ज्यादा है इसका मतलब यह नहीं कि आप कसरत बंद कर दें। आप गर्मी में कसरत की आदत बना सकते हैं और सामान्य बुद्धि के प्रयोग से पानी सम्बन्धी खेल, तीखी धूप से परहेज और छोटे-छोटे हिस्सों में कसरत करना आदि कर सकते हैं।
![गर्मी में देखभाल, त्वचा की देखभाल, प्रोसेस्ड आहार](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-skin-care-processed-food-332.png)
गर्मी के दौरान त्वचा की देखभाल बहुत हद तक उचित आहार पर निर्भर करती है। त्वचा के लिए हितकारी आहार जैसे सब्जियाँ और फल को सलाद के रूप में, उबली सब्जियों के रूप में, जूस के और स्मूथी के रूप में लें ताकि एंटीऑक्सीडेंट और फ्लावोनोइड की अधिक मात्रा दी जा सके और शक्कर, रिफाइंड आहार और प्रोसेस्ड आहार को घटाया जा सके।
![गर्मी में देखभाल](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-333.png)
अपने डॉक्टर से जांच करवा लें कि जो दवाएँ आप लेते हैं उनपर अधिक तापमान से कोई बुरा प्रभाव नहीं होता, खासकर जब आपके घर में वातानुकूलन की सुविधा ना हो। कुछ दवाएं कमरे के तापमान से अधिक पर कम असरकारक हो जाती हैं, और कोई भी ये नहीं चाहता कि ठीक हो जाने या रोका जा सकने वाला रोग केवल ज्यादा तापमान होने के कारण बढ़ जाए। अपनी दवाओं के लेबल पर तापमान सम्बन्धी जानकारी की जांच निश्चित करें। साथ ही दवा खरीदने के पहले ध्यान दें कि आपके दुकानदार ने दवाओं को उचित प्रकार से रखा है।
![गर्मी में देखभाल](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-334.png)
अत्यंत तेज तापमान प्राणघातक हो सकता है, इसलिए वृद्ध लोगों की सुरक्षा के लिए संवाद एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में, यदि आप लम्बे समय तक घर के बाहर रहने वाले हैं तो, आपके मित्रों और परिवारजनों को यह पता होना चाहिए।
![गर्मी में देखभाल, आँखों की सुरक्षा](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-eye-protection-335.png)
धूप में बहुत अधिक रहने से आँखों में जलन/खिंचाव हो सकता है और दृष्टि को क्षति पहुँच सकती है। धूप का चश्मा लगाना आपकी आँखों को हानिकारक UV किरणों से सुरक्षा देता है और आपकी दृष्टि की रक्षा करता है।
![गर्मी में देखभाल, चाय](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-tea-336.png)
गर्मी की लू से शरीर को होने वाली पानी सम्बन्धी क्षति से बचाव के लिए आमतौर पर ली जाने वाली अपनी चाय या कॉफ़ी को त्याग दें। कैफीन हमारे गुर्दों पर मूत्रवर्धक की तरह काम करता है, और हमारे शरीर को आवश्यक तरल से वंचित करता है। यह मूत्राशय को उत्तेजित भी करता है और मूत्रालय तक बार-बार जाने की आवश्यकता पैदा करता है। तो अपनी गर्मी के समय को मूत्रालय की खोज में क्यों लगाएँ? इसके बजाए पानी या अन्य तरल पियें।
![गर्मी में देखभाल](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-341.png)
गर्मी की ऐंठन, जो कि गर्मी के रोग का पहला लक्षण है, मांसपेशियों की अनचाही ऐंठन है जो शारीरिक मेहनत के कारण या उसके दौरान उत्पन्न होती है और सामान्यतया अधिक पसीना निकलने के कारण हुए इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलन और नमक की अत्यधिक हानि का परिणाम होती है। इससे ग्रस्त लोगों को खूब पानी पीना चाहिए, अपने कार्य की तीव्रता के स्तर को कम करना चाहिए और छाया में रहना चाहिए।
![गर्मी में देखभाल](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-342.png)
गर्मी के रोगों की और गम्भीर स्थिति है गर्मी की थकावट: इसके लक्षण हैं; अत्यधिक पसीना आना, ठंडी/नम त्वचा, शरीर का सामान्य या हल्का बढ़ा हुआ तापमान, पीलापन, चक्कर आना, कमजोर लेकिन तेजी से चलने वाली नाड़ी, उखड़ी सांसें, मतली और सिरदर्द। लू पीड़ित लोगों को ढेर सारा पानी पीना चाहिए, अपने कार्य की तीव्रता के स्तर को कम करना चाहिए और छाया में रहना चाहिए।
![गर्मी में देखभाल](https://www.mtatva.com/health/tips/hin/tips-for-summer-343.png)
लू लगना, गर्मी के रोग की सर्वाधिक बढ़ी हुई स्थिति है, जो शरीर के द्वारा स्वयं को ठंडा करने में असमर्थ होने पर उत्पन्न होता है। लू के लक्षणों में पसीना ना आना, त्वचा का सूखा और गर्म लगना, नाड़ी का तेज चलना, और साँस लेने में तकलीफ होना हैं। लू से पीड़ित लोगों को तुरंत चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता होती है। उन्हें पैरों की मालिश द्वारा, कपड़े हटाकर, ठन्डे पानी में रखकर, गीली चादर लपेटकर, या बर्फ की पट्टियाँ लगाकर शीतलता दी जा सकती है।