रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI): रोकथाम और जटिलताएं

रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI) – रोकथाम – व्यायाम नियमित करें और सक्रिय रहें। उचित शारीरिक भंगिमा अपनाएँ। काम करने की आदतों में कुछ आसान बदलाव।.

रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI) – आहार – आरएसआइ में पोषण तत्व की भी भूमिका है। उचित पोषण की आवश्यकता मजबूत माँसपेशियों और हड्डियों को उत्पन्न करने और मजबूत बनाए रखने के साथ खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियों को उचित रूप से करने के लिए होती है।

रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI): लक्षण और कारण

रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI) – लक्षण – प्रभावित मांसपेशी या जोड़ में पीड़ा। प्रभावित क्षेत्र में पिन और सुई का एहसास। हाथ में एहसास और शक्ति की कमी। धड़कन का एहसास।. रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI) – कारण – हमारे हाथों, कलाइयों, भुजाओं, गर्दन और पीठ की माँसपेशियों का अत्यधिक प्रयोग। दोहराने वाली क्रियाएँ ठन्डे स्थान पर की जाती हैं। कार्यक्षेत्र की व्यवस्था कमजोर हो। विश्राम के पर्याप्त अवसर ना हों।.

रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI): प्रमुख जानकारी और निदान

रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (आरएसआई) ऐसी चोटें हैं जो शरीर के किसी हिस्से पर अत्यधिक दबाव/तनाव डालने से होती हैं, जिसके कारण सूजन (दर्द और फूलना), मांसपेशी में मोच, या ऊतकों को क्षति होती है। आरएसआई के दो प्रकार होते हैं, टाइप 1 और टाइप 2।.