टीनिया कॉर्पोरिस: प्रमुख जानकारी और निदान

टीनिया कॉर्पोरिस भुजाओं और पैरों का, उँगलियों के बीच में, खासकर बालरहित त्वचा पर, फफूंद द्वारा उत्पन्न ऊपरी संक्रमण है; हालाँकि यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।.

टीनिया कॉर्पोरिस: लक्षण और कारण

टीनिया कॉर्पोरिस – लक्षण – खुजली, घाव की शुरुआत लाल, उभरे हुए स्थान और फुंसी के रूप में होती है। यह गोलाकार, लाल रंग की उभरी हुई सीमा और साफ केंद्र युक्त होता है।. टीनिया कॉर्पोरिस – कारण – टीनिया कॉर्पोरिस एक सूक्ष्म फफूंद द्वारा उत्पन्न होता है जिसे डर्मेटोफाइट कहते हैं।.

टीनिया कॉर्पोरिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

टीनिया कॉर्पोरिस – आहार – लेने योग्य आहार: साबुत अनाज, सब्जियाँ, वनस्पति तेल (जैतून का तेल, नारियल का तेल),

टीनिया कॉर्पोरिस: रोकथाम और जटिलताएं

टीनिया कॉर्पोरिस – रोकथाम – पशुओं, मिट्टी और पौधों की देखभाल के बाद अपने हाथों को अच्छे से धोएँ। ढीले सूती कपड़े पहनें और कपड़ों का बांटकर प्रयोग ना करें। त्वचा को शुष्क रखें।.

टीनिया संक्रमण: रोकथाम और जटिलताएं

टीनिया संक्रमण – रोकथाम – त्वचा और पैरों को स्वच्छ और सूखा रखना। नियमित, खासकर बाल कटाने के बाद, शैम्पू करना। कपड़ों, तौलिये, हेयर ब्रश, कंघी, हेडगियर आदि का बांटकर उपयोग ना करें।.

टीनिया संक्रमण: प्रमुख जानकारी और निदान

टीनिया फफूंद द्वारा उत्पन्न रोगों के समूह को दिया गया नाम है। ये फफूंद गर्मी युक्त या नम त्वचा पर वृद्धि करती है।.

टीनिया संक्रमण: लक्षण और कारण

टीनिया संक्रमण – लक्षण – सामान्य दिखाई देने वाली त्वचा के आस-पास त्वचा पर लाल रंग का गोलाकार निशान। खुजली युक्त, लाल, उभरे हुए पपड़ी दार धब्बे जो फफोले बनकर बह सकते हैं, और उनके महसूस किये जा सकने वाले तीखे किनारे होते हैं।. टीनिया संक्रमण – कारण – यह विभिन्न प्रजातियों की फफूंद (डर्मेटोफाइट्स) से होने वाला परजीवी संक्रमण है।.

टीनिया संक्रमण: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

टीनिया संक्रमण – आहार – लेने योग्य आहार: विटामिन ए युक्त आहार जैसे बछड़े का माँस, मछली का लिवर, अंडे, डेरी उत्पाद, पालक, मिर्च, गाजर और खुबानी, ताज़ी लहसुन और लौंग, विटामिन ई से समृद्ध आहार जैसे जैतून और सूरजमुखी का तेल, हेज़लनट्स, दालें, बादाम, सेसमे बीज और साबुत अनाज की ब्रेड,