विश्व स्वास्थ्य दिवस 2016 और मधुमेह

प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व भर के लोगों की स्वास्थ्य सम्बन्धी चिंता के मुख्य हिस्से को विश्व स्वास्थ्य दिवस के मुख्य विषय के तौर पर चुनता है, यह दिवस संगठन की वर्षगाँठ के दिन अर्थात 7 अप्रैल को आता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस 2016 का विषय है मधुमेह, एक असंक्रामक बीमारी जो दुनिया भर के लाखों लोगों को सीधे प्रभावित कर रही है, जिनमें से अधिकतर निम्न और मध्य आय वाले देश हैं।

मधुमेह को पराजित करें

अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह फेडरेशन (आईडीएफ) के आँकड़ों के अनुसार, भारत में दुनिया के किसी भी अन्य देश के मुकाबले अधिक मधुमेह रोगी हैं। वर्ष 2030 तक, भारत में 100 मिलियन (10 करोड़) व्यक्तियों के मधुमेह से ग्रस्त होने का अंदेशा है।

भारत में मधुमेह की चिकित्सा का वर्तमान में खर्च लगभग 6000 प्रति व्यक्ति/वर्ष है, जबकि मधुमेह की किसी एक समस्या, जैसे मधुमेह के कारण होने वाला पैरों का रोग (डायबिटिक फूट), के इलाज का खर्च लगभग 10-30000 प्रति उपचार तक है।

खर्च के अलावा, सभी स्तरों पर कार्य करने हेतु प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होती है, जैसे चिकित्सा में सहयोगी कार्यकर्ता, डॉक्टर, पैरों के विशेषज्ञ और इनके अलावा कई अन्य।

मधुमेह के मामले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते जा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में रहने वाले तो प्रभावित हैं ही, बल्कि गाँवों से शहर आने वाले लोग भी प्रभावित होते जा रहे हैं। मधुमेह में योगदान देने वाले मुख्य तीन कारण हैं:
  • आनुवांशिक कारक- मधुमेह होने में आनुवंशिकता महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
  • सांस्कृतिक और सामाजिक कारक-भारतीय भोजन कार्बोहाइड्रेट्स और सैचुरेटेड फेट्स से भरपूर होता है। विशुद्ध भारतीय भोजन में शरीर की जरूरत से अधिक कैलोरीज और शक्कर होती है।
  • मशीनों के बढ़ते प्रयोग, आरामदायी जीने की आदतें और खाने की आदतों का सादे भोजन से फ़ास्ट फूड में बदलना आदि।

सरल शब्दों में मधुमेह

अधिकतर लोगों ने मधुमेह के बारे में सुना है, लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते वास्तव में मधुमेह क्या है। जब हम भोजन करते हैं, तो यह टूटकर ग्लूकोस या शक्कर में बदल जाता है। यद्यपि कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ भोजन में अत्यधिक शक्कर ना लेने की सलाह देते हैं, लेकिन अपने मेटाबोलिज्म को नियमित करने के लिए और ऊर्जा प्राप्त करने के लिए आपको कुछ मात्रा में ग्लूकोस की आवश्यकता होती है।

पाचन के दौरान, रक्त के प्रवाह के माध्यम से ग्लूकोस शरीर का भ्रमण करता है और आपकी कोशिकाओं को पोषण देता है। कोशिकाओं में खून की शक्कर को पहुँचाने में समर्थ होने के लिए आपके शरीर को इन्सुलिन की जरूरत होती है, जो कि पैंक्रियास द्वारा उत्पन्न किया जाता है और रक्त के प्रवाह में भेजा जाता है।

समस्या तब होती है जब आपके पैंक्रियास द्वारा प्रदान किये गए इन्सुलिन की मात्रा के मुकाबले आपके शरीर के भीतर खून में शक्कर की मात्रा अत्यधिक हो जाती है।

यदि आपका शरीर आपके रक्तप्रवाह में रहने वाली शक्कर की मात्रा के लिए जरूरी इन्सुलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं बना रहा, या आपके शरीर को इन्सुलिन निर्माण में समस्या है, तो खून में मौजूद ग्लूकोस वहीँ रहता है और आपके खून की शक्कर के स्तर को बढ़ा देता है। बावजूद इसके कि आप भोजन पर निगाह रखे हुए हैं, यदि यह चीज जारी रहती है, तो आपको मधुमेह उत्पन्न हो सकता है।

मधुमेह और इसकी समस्याओं के बारे में जागरूकता की कमी, रोग का निर्धारण देरी से होना, मधुमेह की देखभाल सम्बंधित मिथक, ये सभी मधुमेह की पहचान और उसके प्रबंधन को मुश्किल बना देते हैं। खून की शक्कर का अनियंत्रित स्तर आँख से लेकर उँगलियों तक, पूरे शरीर के ऊतकों को क्षतिग्रस्त कर सकता है।

रोकथाम के उपाय

  • भली प्रकार संतुलित आहार जिसमें साबुत अनाज, दालें फल और सब्जियाँ, कम वसायुक्त डेरी उत्पाद हों लें और सैचुरेटेड और ट्रांस फेट्स से परहेज करें।
  • नियमित रूप से प्रतिदिन 60 मिनट तक शारीरिक गतिविधि।
  • उचित वजन बनाए रखना।
  • अनुशासित जीवनशैली।
  • नियमित स्वास्थ्य परीक्षण।

मुख्य नियम

  • पूरे जीवनकाल के दौरान मधुमेह को गंभीरता से नियंत्रित किया जाना चाहिए।
  • रोकथाम के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
  • समस्याओं की रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण के लिए रोग का शीघ्र निर्धारण ही मुख्य कुंजी है।
http://www.who.int/diabetes/country-profiles/ind_en.pdf?ua=1 http://food.ndtv.com/health/world-diabetes-2015-the-eye-opening-reality-of-diabetes-in-india-1243265 http://www.mapsofindia.com/my-india/india/prevalence-of-diabetes-in-india http://www.who.int/diabetes/en/