कोराइज़ा (सर्दी): प्रमुख जानकारी और निदान

कोराइज़ा नाक की म्यूकस झिल्लियों की तीव्र सूजन है जिसमें नाक से अत्यधिक द्रव बहता है।.

कोराइज़ा (सर्दी): लक्षण और कारण

कोराइज़ा (सर्दी) – लक्षण – नाक को लाल, पीड़ा युक्त और सूजी हुई कर देती है। अत्यधिक मात्रा में म्यूकस निकलना, जो नाक बहने के पारंपरिक रूप को दर्शाता है। सूजन फैलने पर आँखों से पानी आने लगता है।. कोराइज़ा (सर्दी) – कारण – संक्रमित व्यक्तियों की खाँसी और छींक द्वारा उत्सर्जित सूक्ष्म तरल कणों को भीतर लेना। ठंडा और बदलता मौसम।.

कोराइज़ा (सर्दी): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

कोराइज़ा (सर्दी) – आहार – लेने योग्य आहार: पानी अधिक मात्रा में लें, आप उसमें चुटकी भर हल्दी और अदरक का पाउडर डाल सकते हैं। फलों का और खासकर खट्टे फलों का रस लें क्योंकि इनमें विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है – नीबू, संतरा, मौसंबी, अन्नानास आदि, गर्म सूप लें विशेषकर चिकन सूप।

कोराइज़ा (सर्दी): रोकथाम और जटिलताएं

कोराइज़ा (सर्दी) – रोकथाम – हाथों को नियमित धोना संक्रमण को फैलने से रोकने का सबसे आवश्यक और प्रभावी तरीका है। खाँसते और छींकते समय नाक और मुँह को ढंकें। संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचें।.

इन्फ्लुएंजा (फ्लू): रोकथाम और जटिलताएं

इन्फ्लुएंजा (फ्लू) – रोकथाम – स्वच्छ रहें और अपने आस-पास स्वच्छता बनाए रखें। खाँसते और छींकते समय अपने मुँह और नाक को टिश्यू से ढंकें।.

इन्फ्लुएंजा (फ्लू): लक्षण और कारण

इन्फ्लुएंजा (फ्लू) – लक्षण – .बुखार, कंपकंपी, नाक बहना, सिरदर्द, .माँसपेशियों में पीड़ा और शरीर में दर्द, .अतिसार और उल्टी. इन्फ्लुएंजा (फ्लू) – कारण – इन्फ्लुएंजा के विभिन्न वायरस.

इन्फ्लुएंजा (फ्लू): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

इन्फ्लुएंजा (फ्लू) – आहार – ताजी लहसुन, मशरुम, काली चाय, चिकन का साफ़ शोरबा, बछड़े का माँस, सब्जियाँ, अंडे, चावल, केले और टोस्ट, प्रोसेस्ड आहार, जंक फूड्स, वसा और कैलोरीज का अधिक सेवन,

इन्फ्लुएंजा (फ्लू): प्रमुख जानकारी और निदान

इन्फ्लुएंजा जिसे फ्लू भी कहा जाता है, इन्फ्लुएंजा वायरस ए और बी द्वारा उत्पन्न संक्रमण है।.

ट्यूबरक्लोसिस: रोकथाम और जटिलताएं

ट्यूबरक्लोसिस रोकथाम – बीसीजी का टीका लगवाएँ। धूम्रपान त्यागें। उचित स्वच्छता बनाए रखें।.

ट्यूबरक्लोसिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ट्यूबरक्लोसिस आहार – लेने योग्य आहार: वे आहार जो शरीर को टी.बी. संक्रमण से मुकाबले के लायक बनाते हैं उनमें दूध, फल और सब्जियाँ आते हैं। स्ट्रॉबेरी पोटैशियम, विटामिन और खनिजों से भरीपूरी होती है, जिनसे प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है और रोग से लड़ने की शक्ति मिलती है। सीताफल टीबी की घरेलु चिकित्सा में प्रयुक्त होता है, जिसमें गूदे को पानी के साथ उबालकर बने आहार को प्रतिदिन लिया जाता है।