हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना): प्रमुख जानकारी और निदान

हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अत्यधिक और अनसोचा/अनचाहा पसीना आता है। पसीना तब भी आता है जब तामपान गर्म ना हो या आप व्यायाम ना कर रहे हों।.

हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना): लक्षण और कारण

हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना) – लक्षण – गीलापन, गीले, चिपचिपे हाथ. हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना) – कारण – निराशा, उत्तेजना, कुछ भोज्य पदार्थ, रोग की स्थितियाँ, मोटापा.

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: पश्च-आघात तनाव विकार के अत्यंत प्रमुख लक्षणों में से एक है कोर्टिसोल का स्तर बढ़ा हुआ होना, यह हार्मोन शरीर में तनाव सम्बंधित कई प्रकार के परिवर्तनों हेतु उत्तरदायी होता है। कोर्टिसोल के स्तर को घटाने वाले आहार लेने से स्थिति को सुधारने में सहायता होती है। रेशे की उच्च मात्रा वाले भोज्य पदार्थ। इनमें आते हैं साबुत अनाज की ब्रेड और दलिया, जई की भूसी, ओटमील, फलियाँ, खट्टे फल, स्ट्रॉबेरीज, चुकंदर और गाजर। स्वास्थ्यवर्धक आहारों जैसे हरी मिर्च, खट्टे फल, टमाटर, स्ट्रॉबेरीज, ब्रोकोली, रतालू और केंटालूप में पाया जाने वाला विटामिन सी अपने आहार में शामिल करें।

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD): रोकथाम और जटिलताएं

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) – रोकथाम – आघात की किसी घटना के तुरंत बाद सहायक समूहों, मानसिक चिकित्सा, और कुछ औषधियों के द्वारा शीघ्र किये गए हस्तक्षेप से पीटीएसडी को रोकने में सहायता हो सकती है।.

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD): प्रमुख जानकारी और निदान

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर-पीटीएसडी) मानसिक विकार है जो किसी आघात की घटना के अनुभव की प्रतिक्रियास्वरुप उत्पन्न लक्षणों की पूरी श्रेणी को प्रदर्शित करता है, जो कि आपके सामान्य मानवीय अनुभवों के परे होते हैं।.

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD): लक्षण और कारण

पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) – लक्षण – अनचाहे आने वाले विचार जो आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं। बुरे सपने आना। पिछली घटनाएँ याद आना। उन अनुभूतियों और विचारों से बचने का प्रयास करना जो आपको आघात वाली घटना की याद दिलाते हैं।. पश्च-आघात तनाव विकार (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, PTSD) – कारण – अत्यंत तनावपूर्ण, डरावनी या दुःखदायक घटना, या लम्बे समय तक रहा आघात का अनुभव पीटीएसडी तक पहुँच सकता है।.

बाइपोलर डिसऑर्डर: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

बाइपोलर डिसऑर्डर – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: मछली, अखरोट, अलसी के बीज, सोया आदि में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को कम करता है। जामुन, रास्पबेरी, और स्ट्रॉबेरी इन सभी में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होता है। जटिल कार्ब्स जैसे भूरा चावल, होल वीट ब्रेड, और होल ग्रेन पास्ता आपके मस्तिष्क में सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ाता है, यह रसायन अच्छा अनुभव कराने वाले रसायनों में से एक है, जो चिंता को कम करता है और आपको अधिक नियंत्रित बने रहने में सहायता करता है।

बाइपोलर डिसऑर्डर: रोकथाम और जटिलताएं

बाइपोलर डिसऑर्डर – रोकथाम – जीवनशैली में उन आदतों को अपनाएँ जो बेहतर गुणवत्ता की निद्रा प्राप्त करने में मदद करें। शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय हों। कोई शौक विकसित करें। शांत रहें और विश्रान्तिदायक व्यायाम करें।.

बाइपोलर डिसऑर्डर: प्रमुख जानकारी और निदान

बाइपोलर डिसऑर्डर, जिसे उन्माद-अवसादी रोग भी कहा जाता है, मस्तिष्क का विकार है जो मिजाज, ऊर्जा, गतिविधि का स्तर, और दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने की क्षमता में असामान्य परिवर्तन उत्पन्न करता है।.

बाइपोलर डिसऑर्डर: लक्षण और कारण

बाइपोलर डिसऑर्डर – लक्षण – बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति, उन्माद या अवसाद, किस स्थिति में है। ये स्थितियां कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक चलने वाली हो सकती हैं। अत्यंत कम मामलों में, उन्माद और अवसाद दोनों के लक्षण, एक ही समय में तेजी से बदलते हुए होते हैं। इसे मिश्रित प्रकरण या चक्र कहा जाता है।. बाइपोलर डिसऑर्डर – कारण – अनुवांशिकता, जैव विभिन्नता, मस्तिष्क में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रसायनों, जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर्स कहते हैं, में असंतुलन। तनाव, अपमान, अत्यंत बड़ी हानि या आघात के अनुभव आदि भी बाइपोलर डिसऑर्डर में अपनी भूमिका निभाते हैं।.