पेन्क्रियाटाइटिस: लक्षण और कारण

पेन्क्रियाटाइटिस लक्षण – पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द जो पीठ की तरफ फ़ैल जाता है। सूजन और पीड़ायुक्त पेट। मतली और उल्टी। बुखार. पेन्क्रियाटाइटिस कारण – पेन्क्रियाटाइटिस उत्पन्न होने के प्रमुख कारणों में हैं: पित्ताशय की पथरी और अत्यधिक मदिरापान।.

पेन्क्रियाटाइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पेन्क्रियाटाइटिस आहार – लेने योग्य आहार: अनाज, फल और सब्जियाँ, लीन मीट्स और फलियाँ जो कि प्रोटीन से भरपूर होते हैं।

अपेन्डिसाइटिस: रोकथाम और जटिलताएं

अपेन्डिसाइटिस रोकथाम – अपेन्डिसाइटिस को रोकने का कोई तरीका नहीं है।.

अपेन्डिसाइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

अपेन्डिसाइटिस आहार – लेने योग्य आहार: उच्च रसे वाला आहार जो ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियों से भरपूर हो, इस स्थिति को रोकने का सबसे बढ़िया उपाय है। अपेन्डिसाइटिस को प्राकृतिक रूप से रोकने और उपचार करने में चुकंदर, गाजर और ककड़ी का रस अत्यंत सहायता करता है। दिन में तीन बार थोड़ी मात्रा में हरे चने का सेवन करना तीव्र अपेन्डिसाइटिस का उपयोगी उपचार है।

अपेन्डिसाइटिस: लक्षण और कारण

अपेन्डिसाइटिस लक्षण – तीव्र दर्द जो आपकी नाभि के आसपास से शुरू होता है और अक्सर आपके पेट के निचले दाहिने हिस्से की तरफ खसक जाता है। जब आप अपने पेट के निचले दाहिने हिस्से पर दबाव डालते हैं तो पीड़ा होती है। दर्द जो आपके द्वारा खाँसने, चलने या हिलने डुलने की अन्य गतिविधियों के दौरान बदतर हो जाता है।. अपेन्डिसाइटिस कारण – अपेन्डिसाइटिस का कारण हर मामले में स्पष्ट पता नहीं चल पाता। यह किसी अवरोध या संक्रमण के कारण हो सकता है।.

अपेन्डिसाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

अपेन्डिसाइटिस वह स्थिति है जिसमें अपेंडिक्स फूल कर सूज जाता है और पीप से भर जाता है।.

पीलिया: रोकथाम और जटिलताएं

पीलिया रोकथाम – पीलिया लिवर की कार्यक्षमता से जुड़ा है, इसलिए यह आवश्यक है कि आप इस महत्त्वपूर्ण अंग के स्वास्थ्य को संतुलित आहार लेकर, सप्ताह में पाँच बार 30-30 मिनट का व्यायाम करके, और शराब की सुझाई अत्यधिक मात्रा से दूर रहकर बनाए रखें।.

पीलिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पीलिया आहार – लेने योग्य आहार: सब्जियों का ताजा निकला रस (चुकंदर, मूली, गाजर, और पालक), फलों का रस (संतरा, नाशपाती, अंगूर और नीबू) और सब्जियों का शोरबा। ताजे फल, जैसे सेब, अन्नानास, अंगूर, नाशपाती, संतरे, केले, पपीता, आदि। खासकर अन्नानास विशेष रूप से उपयोगी होता है। पीलिया के उपचार हेतु जौ का पानी, नारियल का पानी अत्यंत प्रभावी होते हैं।

पीलिया: लक्षण और कारण

पीलिया लक्षण – पीलिया का सर्वव्यापी लक्षण है त्वचा और आँखों के सफ़ेद हिस्से (स्क्लेरा) पर पीलापन होना। आमतौर पर इस पीलेपन की शुरुआत सिर से होती है और पूरे शरीर पर फ़ैल जाती है।. पीलिया कारण – पीलिया तब होता है जब सामान्य मेटाबोलिज्म की कार्यक्षमता में अवरोध हो या बिलीरुबिन का उत्सर्जन हो।.

पीलिया: प्रमुख जानकारी और निदान

पीलिया अर्थात त्वचा और आँखों का पीला होना है.