हीमेटोमा (खून जमा होना): प्रमुख जानकारी और निदान

हीमेटोमा रक्तवाहिनी के बाहर रक्त के इकट्ठे होने को कहते हैं। हीमेटोमा का नाम उनके होने के स्थान के आधार पर होता है।.

हीमेटोमा (खून जमा होना): लक्षण और कारण

हीमेटोमा (खून जमा होना) – लक्षण – उत्तेजना, दर्द, सूजन, लालिमा और विकृत आकार के घाव सामान्य रूप से हीमेटोमा के आम लक्षण हैं।. हीमेटोमा (खून जमा होना) – कारण – आमतौर पर हीमेटोमा आघात के कारण उत्पन्न होते हैं।.

हीमेटोमा (खून जमा होना): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

हीमेटोमा (खून जमा होना) – आहार – विटामिन के शरीर को रक्त जमने वाले घावों से बचाता है। आहार में विटामिन के से समृद्ध आहार जैसे पालक, स्ट्रॉबेरी, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, गेहूँ की बाली, अंडे शामिल करें
, बायोफ्लेवोनोइड्स से समृद्ध आहारों में संतरे, नीबू, ग्रेपफ्रूट, स्ट्रॉबेरी, पपीता, खुबानी आदि हैं।
, विटामिन सी की कमी से रक्त इकठ्ठा होने वाले घाव बढ़ सकते हैं, इसलिए आहार में ऐसे फल और सब्जियों का योग इस प्रकार के घावों को बड़ी मात्रा में घटा सकता है। विटामिन सी से समृद्ध आहारों में शिमला मिर्च, अमरुद, गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ, ब्रोकोली, बेरियाँ, खट्टे फल, टमाटर, मटर आदि आते हैं।
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हीमेटोमा (खून जमा होना): रोकथाम और जटिलताएं

हीमेटोमा (खून जमा होना) – रोकथाम – चोटों से बचें।.

डिस्फेजिया: लक्षण और कारण

डिस्फेजिया लक्षण – निगलते समय दर्द (ओडिनोफेजिया)। निगलने में कठिनाई। चबाने में असमर्थ होना। निगलते समय खाँसी आना या मुंह का बंद होना।. डिस्फेजिया कारण – टॉन्सिल्स, कंठ और मुंह की सूजन। ये उन विकारों का लक्षण है।.

डिस्फेजिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

डिस्फेजिया आहार – डिस्फेजिया के दौरान दिये जाने वाले आहारों में नर्म उबली सब्जियाँ, नर्म और कैन में बंद फल, ब्रेड, गर्म दलिया, दूध में डुबो कर खाए जाने के लिए तैयार दलिया, कैन में बंद फल, नर्म उबली सब्जियाँ, रस, आमलेट, ग्राउंड मीट, उबली फलियाँ, उबले मटर, कॉटेज चीस, दही, कस्टर्ड, पुडिंग, क्रीम सूप, बिना मेवों की कूकीज और नूडल्स आते हैं।
, कड़ा माँस, मेवे, गिरियाँ, चिपचिपी ब्रेड, कड़ा चबाया जाने वाला माँस, सख्त सब्जियाँ।
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भेंगापन: लक्षण और कारण

भेंगापन लक्षण – तिरछी आँखें। दोहरी दृष्टि। आँखें, जो एक दिशा में, एक रेखा में नहीं होतीं।. भेंगापन कारण – दूर-दृष्टि दोष की उच्च स्थिति, थाइरोइड से होने वाला नेत्र रोग, मोतियाबिंद, आँखों की चोट, मायेस्थेनिया ग्रेविस, क्रेनियल नर्व पाल्सी, और कुछ रोगियों में इसकी उत्पत्ति अज्ञात होती है।.

भेंगापन: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

भेंगापन आहार – लेने योग्य आहार: ठन्डे पानी की मछली जैसे सैलमन, ट्यूना, सारडाइन और हलिबेट से प्राप्त होने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड नेत्र रोग विकसित होने के खतरे को घटाता है।
, संतरे और उनके अन्य सारे खट्टे बंधु फल, टेंजेरिंस, टमाटर और नीबू विटामिन सी की उच्च मात्रा से युक्त होते हैं, जो नेत्रों के स्वास्थ्य हेतु आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट है।
, जिंक प्रकाश के क्षतिकारक प्रभावों से आपकी आँखों को बचाने में सहायता कर सकता है। जिंक की उच्च मात्रा से युक्त आहारों में मटर, फलियाँ, लीन रेड मीट, पोल्ट्री उत्पाद और शक्तियुक्त दलिया हैं।
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