फैटी लिवर डिजीज: प्रमुख जानकारी और निदान

फैटी लिवर डिजीज क्या है?

फैटी लिवर डिजीज, लिवर (यकृत) की कोशिकाओं में अधिक मात्रा में वसा उत्पन्न होने की स्थिति है, और यह कई लोगों में यकृत की सामान्य शिकायतों में से है। यह 10 में एक व्यक्ति को प्रभावित करती है। यकृत में वसा की कुछ मात्रा होना सामान्य बात है, लेकिन जब वसा की मात्रा यकृत के कुल भार के 10 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तो आपको फैटी लिवर होता है, और आपको यकृत सम्बन्धी कई गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं। इस स्थिति में परिवर्तन लाया जा सकता है। फैटी लिवर से कोई क्षति नहीं होती लेकिन कभी-कभी वसा की अधिक मात्रा से यकृत सूज जाता है। इस स्थिति का नाम स्टीएटोहेपेटाइटिस होता है। यदि यह अल्कोहल (शराब) की अधिकता से होता है तो इसे अल्कोहलिक स्टीएटोहेपेटाइटिस कहते हैं। अन्यथा इसे नॉन-अल्कोहलिक स्टीएटोहेपेटाइटिस (एनएएसएच) कहते हैं।

Fatty Liver Disease overview

जाँच और परीक्षण

  • रक्त परीक्षण।
  • अल्ट्रासाउंड स्केन।
  • सीटी स्कैन।
  • एमआरआई।
  • यकृत की बायोप्सी।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1. फैटी लिवर क्या है? फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें यकृत पर ग्लूकोस और ट्राईग्लिसराइड (कोलेस्ट्रॉल का एक प्रकार) की अत्यधिक मात्रा इकठ्ठा हो जाती है। यह एक परिवर्तनीय स्थिति है।
Q2. फैटी लिवर कैसे होता है? सामान्यतया यकृत में ग्लूकोस और ट्राईग्लिसराइड संचित होते हैं और जब और जैसे हमें आवश्यकता होती है, शरीर उनका उपयोग करता है। यदि आप अधिक मात्रा में खाते हैं, और यकृत में संचित ग्लूकोस को उपयोग में नहीं लेते हैं (आरामदायक जीवन शैली), तो ये फैटी लिवर में बदल जाता है। अत्यधिक मदिरा पान और शारीरिक व्यायाम बिलकुल ना करना, ये फैटी लिवर उत्पन्न करने वाले कारणों में प्रमुख हैं और अल्कोहलिक लिवर डिजीज की शुरुआत है।
Q3. मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे फैटी लिवर है?
फैटी लिवर के कोई संकेत या लक्षण नहीं होते। आमतौर पर यह पेट की नियमित होने वाली अल्ट्रासाउंड/सीटी या एमआरआई स्कैन के दौरान संयोगवश जानकारी में आता है।
Q4. फैटी लिवर की समस्याएँ क्या हैं? यदि फैटी लिवर लम्बे समय (वर्षों तक) बना रहे, तो ये लिवर सिरोसिस (यकृत का घातक रोग) में बदल जाता है।
Q5. फैटी लिवर का उपचार क्या है?
फैटी लिवर का कोई निश्चित उपचार नहीं है। रोगियों को संतुलित पोषक आहार और नियमित शारीरिक व्यायाम की सलाह दी जाती है। अत्यधिक मात्रा में शराब और उच्च कैलोरी युक्त आहार लेने से परहेज करें।




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