जीईआरडी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

परहेज और आहार

लेने योग्य आहार
  • फल जैसे कि सेब (ताजे और सुखाये हुए), सेब का रस, केले, नाशपाती, आडू, तरबूज और खरबूज, स्ट्रॉबेरी, अंगूर।
  • सब्जियाँ जैसे कि भुना आलू, ब्रोकोली, पत्तागोभी, गाजर, सेम, मटर, एस्परेगस, लेट्यूस, शक्करकंद।
  • बिना खाल का चिकन, अंडे की सफेदी, मछली (बिना अतिरिक्त वसा के)।
  • बकरी के दूध का पनीर, वसारहित मलाई पनीर, वसारहित खट्टी मलाई, कम वसा युक्त सोया पनीर।
  • अनाज (जई अथवा चोकर), मक्का की ब्रेड, चावल (भूरा या सफ़ेद), चावल के केक, ज्वार और बाजरा।
  • पानी, औषधीय चाय, खटाईरहित पेय, मलाई निकला दूध।
  • कम वसा युक्त सलाद, औषधीय वनस्पतियाँ, ह्यूमस, मृदु सौसेस।
इनसे परहेज करे
  • फल जैसे कि संतरे और उसका रस, नीबू और नीबूपानी, ग्रेपफ्रूट और उसका रस, टमाटर और उसका रस, क्रेनबेरी और उसका रस।
  • कच्चे प्याज, मिर्च, मूली, फ्रेंच फ्राइज, मसले आलू।
  • वसायुक्त माँस, सिरलोइन, चिकन के टुकड़े, तला हुआ माँस।
  • दूध, चॉकलेट युक्त दूध, आइसक्रीम, उच्च वसा युक्त मलाई पनीर या खट्टी मलाई।
  • अनाज के उच्च वसा युक्त आहार (पनीर युक्त ब्रेड या दूध से बने पदार्थ)।
  • कैफीन युक्त पेय, दूध, शराब, कार्बोनेटेड पेय।
  • तेज सरसों, मिर्च का सॉस, सलाद पर क्रीम युक्त ड्रेसिंग, काली मिर्च, विनेगर, कढ़ी, अचार, पुदीना।

योग और व्यायाम

  1. शेकर स्वालोइंग रिहैबिलिटेशन एक्सरसाइज( — YouTube ) उपरी इसोफेजिअल स्फिंकटर को मजबूत करने के लिए प्रयुक्त होती है।
  2. ऐसे व्यायाम से परहेज जिनमें झुकने या बैठने की आवश्यकता हो जैसे कि बैठक और पेट के व्यायाम. जो लोग उत्साह में भरकर दौड़ना, वजन उठाना, और साइकिल चलाना ये करते हैं, उनके जीईआरडी में बढ़ोतरी हो सकती है।
  3. एसिड रिफ्लक्स को घटने के लिए श्वास के व्यायाम किये जाते हैं।
  • प्राणायाम— YouTube
  • शांति हेतु गहरी श्वास— YouTube
  • बैठकर पेडू से श्वास— YouTube
योग

घरेलू उपाय (उपचार)

  • धूम्रपान त्यागें।
  • उचित आहार का पालन करें और वजन नियंत्रित रखें।
  • सोने के तीन घंटे पहले से कुछ खाने से परहेज।
  • बाईं करवट सोयें – एलईएस पेट के बाईं तरफ होता है और यदि आपका इसोफेजिअल स्फिंकटर कमजोर है तो यह सही तरीके से बंद नहीं होगा। यदि आप दाहिनी करवट सोते हैं तो एसिड पेट से निकलकर आहार नली में जा सकता है, जिससे दर्द और आहार नली की परतों को क्षति हो सकती है।
  • पाचक रसों का विपरीत प्रवाह रोकने हेतु अपने बिस्तर पर सिरहाना 6-8 इंच ऊँचा रखें।
  • तनाव कम करें।
  • मधुमेह और अस्थमा को नियंत्रित रखें।





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