ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD): प्रमुख जानकारी और निदान

ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD) क्या है?

ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (बीपीडी) श्वास सम्बन्धी दीर्घकालीन रोग है जो अक्सर कम वजन वाले या समय पूर्व (अनुमानित दिन से लगभग 10 सप्ताह पूर्व) जन्मे नवजात शिशुओं में होता है, जिन्हें पूरक रूप में ऑक्सीजन दी गई हो या जिन्होंने श्वास की मशीन (यांत्रिक श्वसन) पर लम्बा समय गुजारा हो, जैसे कि तीव्र श्वसन कठिनाई वाला रोग समूह (एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम) से ग्रस्त बच्चे।
ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया फेफड़ों के ऊतकों के असामान्य विकास से जुड़ा होता है। यह फेफड़ों में सूजन और घावों द्वारा प्रदर्शित होता है।

रोग अवधि

कुछ नवजात शिशुओं में, आरडीएस एक सप्ताह या कम समय में सुधरना आरम्भ हो जाता है। अन्य शिशुओं को ऑक्सीजन और वेंटीलेटर के साथ लम्बे समय तक उपचार की आवश्यकता हो सकती है। इस स्थिति में, परिणाम के रूप में बीपीडी हो सकता है। बीपीडी से ग्रस्त बच्चे द्वारा एनआईसीयु (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में बिताए गए समय की सीमा कई सप्ताहों से लेकर कुछ माह तक की हो सकती है। बीपीडी से ग्रस्त बच्चे धीरे-धीरे समय के साथ बेहतर होते हैं।

जाँच और परीक्षण

  • अर्टेरियल ब्लड गैस।
  • छाती का सीटी स्कैन।
  • छाती का एक्स-रे।
  • पल्स ओक्सिमेट्री।




ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया, नवजात काल में फेफड़े का दीर्घकालीन रोग, श्वसन सम्बन्धी रोग, त्वचा का रंग नीला होना, साँस लेने में कठिनाई, खाँसी, साँस लेते समय आवाज होना, ब्रोंकोपल्मोनरी डिस्प्लेसिया (BPD) डॉक्टर सलाह, Bronchopulmonary Dysplagia rog, Bronchopulmonary Dysplagia kya hai?, Bronchopulmonary Dysplagia in hindi,