हीमेटोमा (खून जमा होना): प्रमुख जानकारी और निदान

हीमेटोमा (खून जमा होना) क्या है?

हीमेटोमा रक्तवाहिनी के बाहर रक्त के इकट्ठे होने को कहते हैं। यह तब उत्पन्न होता है जब किसी रक्तवाहिनी, धमनी, नस या केपिलरी की दीवार क्षतिग्रस्त हो जाती है और रक्त रिसकर उन ऊतकों में पहुँच जाता है जहाँ उसका होना पाया नहीं जाता है।

आमतौर पर रक्त पूरा या आंशिक रूप में जम जाता है, और यह किसी अंग या नर्म ऊतकों वाले स्थान, जैसे कि मांसपेशी, में स्थित रहता है।

हीमेटोमा का नाम उनके होने के स्थान के आधार पर होता है। कुछ उदाहरणों में हैं:
  • सबड्यूरल हीमेटोमा: मस्तिष्क के ऊतकों और मस्तिष्क की भीतरी परतों के मध्य हीमेटोमा।
  • स्पाइनल एपीड्यूरल हीमेटोमा: मेरुदंड की अस्थियों और मेरुदंड की बाहरी परतों के मध्य हीमेटोमा।
  • इंट्राक्रेनियल एपिड्यूरल हीमेटोमा: खोपड़ी और मस्तिष्क की बाहरी परतों के मध्य हीमेटोमा।
  • सबउन्गुअल हीमेटोमा: नाखून के नीचे हीमेटोमा।
  • इंट्रा-एब्डोमिनल, पेरिटोनियल या रिट्रोपेरिटोनियल हीमेटोमा: पेट की गुहा के भीतर हुआ हीमेटोमा।
  • कान का या श्रवण सम्बन्धी हीमेटोमा: कान के कार्टिलेज और उस पर लिपटी त्वचा के बीच हीमेटोमा।
  • स्प्लेनिक हीमेटोमा: स्प्लीन (तिल्ली) के भीतर हीमेटोमा।
  • हिपेटिक हीमेटोमा: लीवर के भीतर हीमेटोमा।

रोग अवधि

त्वचा के अधिकतर हीमेटोमा खरोंच लगने के कारण होते हैं और समय के साथ धीरे-धीरे कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं।

जाँच और परीक्षण

हीमेटोमा के निर्धारण में विस्तृत चिकित्सीय इतिहास के साथ शारीरिक निरीक्षण सम्मिलित होता है, अधिकतर आगे किसी परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती। हालाँकि, चोट या प्रदर्शन के आधार पर, रक्त परीक्षणों का आदेश दिया जा सकता है।  
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