क्रोंस डिजीज: प्रमुख जानकारी और निदान

क्रोंस डिजीज क्या है?

क्रोंस डिजीज ऐसी स्थिति है जिसमें पाचन तंत्र (जिसे आमाशय-आंत मार्ग या आंत भी कहा जाता है) में सूजन उत्पन्न हो जाती है। सूजन मुँह से लेकर अंतिम सिरे तक, पाचन तंत्र के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, लेकिन सामन्यतया यह छोटी आंत (इलियम) या बड़ी आंत (कोलन) के अंतिम हिस्से में होती है।
यह स्थिति तब होती है जब आपके शरीर का प्रतिरक्षक तंत्र त्रुटिवश शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर आक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देता है (स्व-प्रतिरक्षी विकार)।

रोग अवधि

आमतौर पर उचित उपचार द्वारा लक्षण कुछ दिनों या सप्ताहों में ठीक हो जाते हैं। चूंकि यह दीर्घकालीन रोग है अतः क्रोंस डिजीज का कोई उपचार नहीं है। इस स्थिति की पहचान सुधार की अवधि के पश्चात् लक्षणों के बार-बार उभरने से होती है।

जाँच और परीक्षण

शारीरिक परीक्षण और चिकित्सीय इतिहास को जान लेने के बाद, संक्रमण की गंभीरता को जानने के लिए डॉक्टर निम्न में से किसी भी जाँच की सलाह दे सकते हैं:
  • छोटी आँत या बड़ी आंत के बेरियम एक्स-रे।
  • कोलोनोस्कोपी या फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी।
  • बायोप्सी
  • मल परीक्षण।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

1. क्रोंस डिजीज क्या है?
क्रोंस डिजीज ऐसी स्थिति है जिसमें पाचन तंत्र (जिसे आमाशय-आंत मार्ग या आंत भी कहा जाता है) में सूजन उत्पन्न हो जाती है।

2. यह पाचन तंत्र के किस हिस्से को प्रभावित करता है?
सूजन मुँह से लेकर अंतिम सिरे तक, पाचन तंत्र के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, लेकिन सामान्यतया यह छोटी आंत (इलियम) या बड़ी आंत (कोलन) के अंतिम हिस्से में होती है।

3. क्रोंस डिजीज के दौरान कौन से आहार नहीं लेना चाहिए?
कॉफ़ी, चाय और अन्य पेयों में उपस्थित कैफीन, ताजे फल और कच्ची सब्जियाँ, रेशे की उच्च मात्रा वाले आहार (जैसे रेशेयुक्त ब्रेड, दलिया, मेवे और पत्तेदार सब्जियाँ), शक्कर की उच्च मात्रा वाले आहार, छिलके, गिरियाँ, पॉपकॉर्न, उच्च वसायुक्त आहार, मसालेदार वस्तुएँ, कच्चे आहार, आलूबुखारा, फलियाँ, भोज्य पदार्थ का अधिक बड़ा हिस्सा, कुछ मामलों में डेरी उत्पाद, बर्फ द्वारा ठन्डे पेय (यहाँ तक कि पानी भी), और किसी भी प्रकार के तरल की अधिक मात्रा।

4. क्रोंस डिजीज से पीड़ित होने पर क्या करना चाहिए?
व्यक्ति को चाहिए कि दो या तीन बार अधिक मात्रा में भोजन करने की अपेक्षा पाँच या छः बार कम मात्रा में भोजन ले और तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करे। लक्षणों को बदतर करने वाले आहार ना लें।

5. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
डॉक्टर से संपर्क करें यदि व्यक्ति को तीव्र पेट दर्द, अतिसार, कंपकंपी के साथ या उसके बिना बुखार, मतली और उल्टी, त्वचा पर घाव और निशान और गुदा से रक्तस्राव आदि हो। गुदा द्वार में दर्द या तरल पदार्थ बाहर आना और भगंदर (आमतौर पर गुदा क्षेत्र के आस-पास होता है, जिसमें पीप, आँव या मल के बाहर निकल आने की संभावना होती है) की स्थिति में तुरंत चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता होती है।

6. इसकी अन्य समस्याएँ क्या हैं?
1.2% रोगियों में छिद्र हो जाते हैं, आमतौर पर छोटी आंत के ये छिद्र विषाक्त स्थिति तक पहुँच सकते हैं। मुक्त छिद्र का पेरिटोनाइटिस, खासकर बड़ी आंत सम्बन्धी, प्राणघातक हो सकता है। क्रोंस डिजीज के 10.30% रोगियों में रोग के दौरान किसी समय पर पेट के भीतर और पेल्विक क्षेत्र में घाव उत्पन्न होते हैं। अन्य समस्याओं में 40% में आंत का अवरोध, अत्यधिक रक्तस्राव, अनुचित अवशोषण, और गुदा के आसपास का गंभीर रोग आदि हैं।



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