अपेन्डिसाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

अपेन्डिसाइटिस क्या है?

अपेन्डिसाइटिस वह स्थिति है जिसमें अपेंडिक्स फूल कर सूज जाता है और पीप से भर जाता है। अपेंडिक्स उंगलीनुमा थैली होती है जो पेट के निचले दाहिने हिस्से में, बड़ी आंत से जुड़ी होती है, यह क्षेत्र छाती और कूल्हों के बीच स्थित होता है। अपेंडिक्स का शरीर में कोई निश्चित कार्य प्रतीत नहीं होता और इसको हटाने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी कोई प्रभाव होता दिखाई नहीं देता। आमतौर पर यह स्थिति 10 से 30 वर्ष की आयु के बीच होती है।

रोग अवधि

अपेंडिक्स को हटाने वाली शल्यक्रिया, जिसे अपेंडेक्टोमी कहा जाता है, अपेन्डिसाइटिस का मानक उपचार है। शल्यक्रिया के केवल 12 घंटों बाद ही आप उठकर घूम-फिर सकते हैं। दो से तीन सप्ताहों में आप सामान्य गतिविधियों तक वापस लौट सकते हैं।

जाँच और परीक्षण

रोग निर्धारण हेतु आमतौर पर निम्नलिखित जाँचों का प्रयोग किया जाता है:
  • सूजन को निर्धारित करने हेतु पेट का परीक्षण।
  • मूत्र मार्ग के संक्रमण की पहचान हेतु मूत्र परीक्षण।
  • आपका शरीर संक्रमण से मुकाबला कर रहा है, यह जानने हेतु रक्त परीक्षण।
  • सीटी स्केन्स और/या अल्ट्रासाउंड।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

1. अपेन्डिसाइटिस क्या है?
अपेन्डिसाइटिस वह स्थिति है जिसमें अपेंडिक्स फूल कर सूज जाता है और पीप से भर जाता है।

2. अपेंडिक्स क्या होता है?
अपेंडिक्स उंगलीनुमा थैली होती है जो पेट के निचले दाहिने हिस्से में, बड़ी आंत से जुड़ी होती है, यह क्षेत्र छाती और कूल्हों के बीच स्थित होता है। अपेंडिक्स का शरीर में कोई निश्चित कार्य प्रतीत नहीं होता और इसको हटाने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी कोई प्रभाव होता दिखाई नहीं देता।

3. अपेन्डिसाइटिस होने की आमतौर पर आयु क्या है?
आमतौर पर यह स्थिति 10 से 30 वर्ष की आयु के बीच होती है।

4.अपेंडिक्स से पीड़ित होने पर व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
परिश्रम वाली गतिविधियां ना करें, शुरुआत में छोटी दूरी तक पैदल चलें और जब आपको आवश्यकता हो, विश्राम करें। एनीमा या दस्तावर वस्तुओं का प्रयोग ना करें, ये अपेंडिक्स के फटने के खतरे को बढ़ाते हैं। अपनी गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू करें और ठीक लगने पर उन्हें बढ़ाएं।

5. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए यदि उसे पेट के क्षेत्र में तीव्र दर्द के साथ बुखार की उपस्थिति हो, भूख की कमी हो, मतली, उल्टी, कब्ज, अतिसार हो या पेट में एकत्रित गैस या मल त्याग में असमर्थता हो।

6. क्या अपेन्डिसाइटिस के लिए शल्यक्रिया की आवश्यकता होती है?
तीव्र अपेन्डिसाइटिस के मामले के लिए शल्यक्रिया आवश्यक होती है। यदि एंटीबायोटिक दिए जाने के बाद रोगी के लक्षण कम होते हैं तो अपेंडेक्टोमी में अन्तराल की सलाह दी जाती है, अर्थात 6 से 12 सप्ताह के बाद रोगी की स्थिति को फिर से देखा जाता है। इस अवधि के बाद तक यदि लक्षणों में कमी ना हो तो शल्यक्रिया अनिवार्य होती है।




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