स्लीप एप्निया: प्रमुख जानकारी और निदान

स्लीप एप्निया क्या है?

स्लीप एप्निया एक सामान्य विकार है जिसमें नींद के दौरान श्वास में एक या कई अवरोध होते हैं या सांसें उथली होती हैं। यह दीर्घकालीन स्थिति है जो आपकी नींद में बाधा डालती है।
प्रकार
अवरोधक स्लीप एप्निया: यह स्लीप एप्निया का सामान्य प्रकार है। इस स्थिति में नींद के दौरान हवा का मार्ग ध्वस्त या अवरुद्ध हो जाता है। इस कारण उथली साँस या श्वास में रूकावट होती है। अवरोधक स्लीप एप्नियाग्रस्त लोग जोर से खर्राटे लेते हैं।
केंद्रीय स्लीप एप्निया: यह स्लीप एप्निया का कुछ कम प्रचलित प्रकार है। यह तब होता है जब मस्तिष्क श्वास का नियंत्रण करने वाली माँसपेशियों को संकेत देने में असफल हो जाता है। केन्द्रीय स्लीप एप्निया से ग्रस्त लोग कभी-कभार खर्राटे लेते हैं।
जटिल स्लीप एप्निया: यह अवरोधक और केन्द्रीय स्लीप एप्निया का सम्मिलित रूप होता है।

रोग अवधि

आमतौर पर, स्लीप एप्निया दीर्घकालीन विकार है और इसका ठीक होना रोग के कारण और उपचार के प्रभावी होने पर निर्भर करता है।

जाँच और परीक्षण

स्लीप एप्निया का निर्धारण चिकित्सीय और पारिवारिक इतिहास, शारीरिक परीक्षण, और निद्रा-अध्ययन के परिणामों पर निर्भर करता है। निद्रा अध्ययन जैसे पोलीसोम्नोग्राम और घर पर स्थित पोर्टेबल मॉनिटर आदि की सलाह दी जा सकती है।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

1. स्लीप एप्निया क्या है?
स्लीप एप्निया एक सामान्य विकार है जिसमें नींद के दौरान श्वास में एक या कई अवरोध होते हैं या सांसें उथली होती हैं। यह दीर्घकालीन स्थिति है जो आपकी नींद में बाधा डालती है।

2. स्लीप एप्निया होने के कारण क्या हैं?
स्लीप एप्निया सिंड्रोम के कई सारे कारण हैं, उनमें से कुछ हैं वजन अधिक होना, ठोड़ी का गड्ढेनुमा होना या छोटा जबड़ा होना, आयु 65 वर्ष से अधिक होना, शराब और धूम्रपान करना या गर्दन के आकार का बड़ा होना (पुरुषों में 17 इंच या अधिक और महिलाओं में 16 इंच या अधिक) आदि।

3. खर्राटे उत्पन्न होना का कारण क्या है?
आमतौर पर खर्राटे गले के पिछले हिस्से में उपस्थित ढीले, कमजोर या मात्रा में अधिक ऊतकों द्वारा उत्पन्न होते हैं, जो नींद के दौरान हवा के मार्ग में अवरोध करते हैं। श्वास के दौरान हवा भीतर लेने पर ये ऊतक कम्पन या फड़फड़ाते हैं। हवा के तेज झोंके में लहराते ध्वज की तरह लहराते ये ऊतक उस तीव्र ध्वनि का कारण हैं जिसे हम खर्राटे कहते हैं।

4. स्लीप एप्निया होने पर व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
व्यक्ति को चाहिए कि वह नींद के नियमित समय का पालन करे। रात्रि के भोजन और सोने के बीच कम से कम 2 घंटों का अन्तराल रखकर पेट को हलका रखकर सोएँ। व्यायाम के नियमित कार्यक्रम का पालन करें। पीठ के बल ना सोकर करवट के बल सोएँ। रात के समय अपने नाक के मार्गों को सलाइन स्प्रे, नाक का मार्ग को फ़ैलाने वाली औषधियां, श्वास लेने की पट्टिकाएँ, या नेति पात्र के प्रयोग द्वारा खुला रखें। अपने बिस्तर के सिरे को चार से छः इंच ऊँचा रखें या फोम के टुकड़ों के प्रयोग द्वारा अपने कमर के हिस्से को ऊँचा उठा लें। आप गर्दन हेतु विशेष प्रकार के तकिये का प्रयोग भी कर सकते हैं।

5. व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
जब व्यक्ति दिन के समय उनींदापन या थकावट महसूस करे या जागते समय सूखा हुआ मुँह या पीड़ायुक्त गला या सुबह के समय सिरदर्द हो साथ ही एकाग्र होने में कठिनाई, भूलने की समस्या, अवसाद या चिड़चिड़ापन लगे तो ये स्लीप एप्निया को दर्शाता है। स्लीप एप्निया के दौरान नींद में खर्राटे, श्वसन की समस्याएँ या पैरों की सूजन अवरोधक स्थिति को सूचित करती है जिसमें डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता होती है।




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