येलो फीवर (पीला बुखार): लक्षण और कारण

लक्षण

येलो फीवर के तीन चरण होते हैं:
  • चरण 1 (संक्रमण): इसमें सिरदर्द, माँसपेशियों और जोड़ों का दर्द, बुखार, आवेग, भूख में कमी, उल्टी, और पीलिया सामान्य हैं। लक्षण 3-4 दिनों में कम हो जाते हैं।
  • चरण 2 (मुक्ति): बुखार और अन्य लक्षण चले जाते हैं। अधिकतर लोग इस चरण में ठीक हो जाते हैं, लेकिन बचे कुछ अगले 24 घंटों में और बदतर हो जाते हैं।
  • चरण 3 (विषाक्तता): कई अंगों के साथ समस्या हो जाती है। इसमें ह्रदय, लिवर, और गुर्दे का रुक जाना, रक्तस्राव सम्बन्धी समस्याएँ, झटके आना, कोमा और उन्माद आदि हैं।
लक्षणों में हैं:
यदि व्यक्ति संक्रमित मच्छर द्वारा काटा गया है तो आमतौर पर लक्षण 3-6 दिनों बाद उत्पन्न होते हैं।
  • अनियमित ह्रदय गति।
  • रक्तस्राव (हेमोरेज तक जा सकता है)।
  • उन्माद (उग्र मानसिक प्रतिरोध की स्थिति)।
  • बुखार
  • सिरदर्द
  • आपकी आँखों, मुँह और नाक से रक्तस्राव।
  • पीली त्वचा और आँखें (पीलिया)।
  • माँसपेशियों में दर्द।
  • आँखें लाल होना।
  • झटके आना
  • खून की उल्टी होना।
Yellow fever symptoms

कारण

येलो फीवर, एक वायरस (फ्लेविवायरस) द्वारा उत्पन्न होता है जो एडिस एजिप्टी नामक मच्छर द्वारा फैलाया जाता है।
  • सामान्यतः मनुष्य और वानर येलो फीवर वायरस से सबसे अधिक संक्रमित होते हैं।
  • जब कोई मच्छर येलो फीवर से संक्रमित मनुष्य या वानर को काटता है, वायरस मच्छर के रक्तप्रवाह में प्रविष्ट हो जाता है और भ्रमण करते करते लार उत्पन्न करने वाली ग्रंथियों में जाकर ठहर जाता है।
  • जब संक्रमित मच्छर किसी अन्य वानर या मनुष्य को काटता है तो वायरस इनके रक्तप्रवाह में प्रविष्ट हो जाता है, जहाँ ये रोग उत्पन्न करता है।
  • येलो फीवर दो व्यक्तियों के निकट संपर्क से नहीं फैलता है।
Cause of yellow fever




येलो फीवर, येलो जैक, येलो प्लाक, ब्रोंज़ जॉन, वायरस संक्रमण, वायरल हेमोरेजिक डिजीज, pila bukhar rog, pila bukhar ke lakshan aur karan, pila bukhar ke lakshan in hindi, pila bukhar symptoms in hindi,

One thought on “येलो फीवर (पीला बुखार): लक्षण और कारण

Comments are closed.