मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI): रोकथाम और जटिलताएं

रोकथाम (बचाव)

  • तरल पदार्थ, जिनमें पानी श्रेष्ठ है, अधिक मात्रा (लगभग 8 गिलास) में लें, ताकि दिन में 4 से 6 बार पतला और साफ मूत्र त्याग हो सके।
  • क्रेनबेरी जूस और विटामिन सी लेने से आपके मूत्र में एसिड की मात्रा बढ़ती है, जिससे बैक्टीरिया की वृद्धि रूकती है।
  • शौचालय तब जाएँ जब तीव्र आवश्यकता उत्पन्न हो रही हो; लम्बे समय तक ना बैठे रहें।
  • शौचालय के उपयोग पश्चात् आगे से पीछे तक पोंछें।
  • अपने जननांगों को प्रतिदिन स्वच्छ करें लेकिन जोर से या बार-बार नहीं। जोर से रगड़कर साफ़ करने से आपके जननान्गों की त्वचा क्षतिग्रस्त हो सकती है और बैक्टीरिया की वृद्धि क्षतिग्रस्त त्वचा पर अधिक होती है।
  • अत्यधिक उत्तेजक वस्तुएँ जैसे सुगन्धयुक्त स्नान के तेल और योनि में प्रयोग किये जाने वाले दुर्गंधनाशकों का प्रयोग ना करें।
  • गुदा मैथुन ना करें।
  • यौन संपर्क के दौरान पर्याप्त चिकनाई रखें-यह मूत्रनलिका की उत्तेजना घटाता है।
  • यौन कार्य के पूर्व और उसके तुरंत पश्चात शौचालय जायें।
  • सूती अंतर्वस्त्र तथा ढीले कपड़े पहनें ताकि हवा पूरे क्षेत्र को सूखा रख सके।
  • यदि आपको मधुमेह है तो अपने रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रण में रखें।
Prevention

ध्यान देने की बातें

  • आपके मूत्र में रक्त या पीप।
  • जननांगों के क्षेत्र में घाव या निशान।

डॉक्टर को कब दिखाएँ

डॉक्टर से संपर्क करें यदि आपको है:
  • पीठ या शरीर के एक तरफ के हिस्से में दर्द।
  • बुखार और कंपकंपी।
  • उल्टी और मतली।
  • संक्रमण के कोई अन्य लक्षण।




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