रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

परहेज और आहार

आरएसआइ में पोषण तत्व की भी भूमिका है। उचित पोषण की आवश्यकता मजबूत माँसपेशियों और हड्डियों को उत्पन्न करने और मजबूत बनाए रखने के साथ खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियों को उचित रूप से करने के लिए होती है।

योग और व्यायाम

  • पैदल चलना
  • तैरना
  • वाल स्ट्रेच
  • डोरवे स्ट्रेच
योग

संगीत और ध्यान

  • ध्यान और विश्रान्तिकारक तकनीकें तनाव से उत्पन्न दर्द को कम करने में सहायक होती हैं।
  • तनाव दूर करने के लिए संगीत एक शक्तिशाली उपाय है।

घरेलू उपाय (उपचार)

  • कंप्यूटर का प्रयोग करते समय बीच-बीच में विराम लें।
  • उचित शारीरिक भंगिमा रखें।
  • व्यायाम नियमित करें, जिसमें मजबूती और स्ट्रेचिंग वाले व्यायाम शामिल करें।
  • कंप्यूटर का केवल आवश्यकता के समय ही प्रयोग करें।
  • सम्मिलित कुंजियों को दबाने के लिए दो हाथों का प्रयोग करें, जैसे कि जिनमें कण्ट्रोल और शिफ्ट कुंजियों का प्रयोग होता है।
  • लिखते समय, पेन को कस कर ना पकड़ें।
  • उच्च दबाव वाले वातावरण में कार्य ना करें।
  • दर्द और सूजन को कम करने के लिए आइस पेक्स का प्रयोग करें।




बार-बार दोहराना, क्यूमुलेटिव ट्रामा डिसऑर्डर्स, रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस, रिपीटीटिव मोशन इन्जुरिस, हड्डियों और माँसपेशियों का विकार, ऑक्यूपेशनल सिंड्रोम, स्पोर्ट्स ओवरयूज़ सिंड्रोम, रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (आरएसआई), रिपीटीटिव मोशन डिसऑर्डर्स, रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरी, स्ट्रेन इंजरी, स्ट्रेस इंजरी, ब्लैकबेरी थम्ब, आईपोड फिंगर, प्लेस्टेशन थंब, रूबिक्स रिस्ट, क्युबर्स थम्ब, स्टाइलस फिंगर, रिवर्स रिस्ट, एमक्स पिंकी, रिपीटीटिव स्ट्रेस इन्जुरिस (RSI) – आयुर्वेदिक दवा और इलाज, hath me jhanjhanahat rog, hath me jhanjhanahat ka gharelu upchar, upay, hath me jhanjhanahat me parhej, hath me jhanjhanahat ka ilaj, hath me jhanjhanahat ki dawa, hath me jhanjhanahat treatment in hindi, Repetitive stress injury in hindi, Repetitive stress injury treatment in hindi,